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    JP Associates को खरीदने से चूकने वाली Vedanta को 44788675000 रुपये का लोन चाहिए, बैंकों में लगाई अर्जी!

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 12:50 PM (IST)

    जेपी एसोसिएट्स को खरीदने से चूकने वाली वेदांता समूह को कर्ज चुकाने के लिए लोन चाहिए। इसके लिए उसकी ग्लोबल बैंकों से बातचीत चल रही है। उसे लगभग 500 मिल ...और पढ़ें

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    JP Associates को खरीदने से चूकने वाली Vedanta को 44788675000 रुपये का लोन चाहिए, बैंकों में लगाई अर्जी!

    नई दिल्ली। JP Associates की खरीदने की बोली जीतकर भी उसे खरीदने से चूकने वाली वेदांता को लोन चाहिए। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार Vedanta Resources को करीब 500 मिलियन डॉलर का लोन चाहिए। इसे लेकर वह ग्लोबल बैंकों से बातचीत कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह लोन कर्ज चुकाने के लिए होगा।

    इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार मामले से जुड़े लोगों के अनुसार वेदांता रिसोर्सेज $500 मिलियन के लोन के लिए ग्लोबल बैंकों के एक ग्रुप के साथ बातचीत कर रही है, जिसके अगले साल की शुरुआत में फाइनल होने की संभावना है।  इस लोन का इस्तेमाल ज्यादा ब्याज वाले कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा।

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    500 मिलियन के लोन से चुकाया जाएगा कर्ज

    वेदांता रिसोर्सेज मौजूदा कर्ज को चुकाने के लिए लगभग $200 मिलियन का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, और फंड का कुछ हिस्सा जाम्बिया में कोंकोला कॉपर माइंस में कैपिटल खर्च के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। कर्ज देने वाले ग्रुप का नेतृत्व सिटीग्रुप, बार्कलेज, मशरेक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्प कर रहे हैं।

    यह ट्रांजैक्शन वेदांता रिसोर्सेज द्वारा महंगे कर्ज को खत्म करने, अपने कैपिटल स्ट्रक्चर को आसान बनाने और रीफाइनेंसिंग जोखिमों को कम करने की कोशिश का हिस्सा है। कंपनी ने रीफाइनेंसिंग, एसेट बिक्री की मदद से कुल कर्ज को $4 बिलियन से ज्यादा कम किया है, जो 2022 में $9.1 बिलियन से जून 2025 तक लगभग $4.7 बिलियन हो गया है।

    वेदांता ने बॉन्ड की मैच्योरिटी डेट बढ़ाई

    वेदांता रिसोर्सेज ने अपने एवरेज बॉन्ड मैच्योरिटी को भी लगभग तीन साल से बढ़ाकर लगभग पांच साल कर दिया है, जिससे अगले 30 महीनों में $1.2 बिलियन की मैच्योरिटी बाकी है, जिसमें से $800 मिलियन बाहरी कर्ज है।

    पिछले एक साल में, कंपनी ने अपने फंडिंग सोर्स में विविधता लाई है, और 2025 में नए बैंक लोन और रुपये में जारी नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए लगभग $2.2 बिलियन जुटाए हैं। कंपनी के अनुसार, इन कदमों से ब्याज लागत में लगभग 130 bps की कमी आई है। इसने डीलेवरेजिंग को सपोर्ट करने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के ज़रिए $1 बिलियन और दूसरे सोर्स से $400 मिलियन भी जुटाए हैं।

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