1.84 लाख करोड़ रुपये का कोई नहीं है मालिक, लावारिस पैसों को बांटने के लिए वित्त मंत्री ने शुरू किया अभियान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंकों और नियामकों के पास ₹1.84 लाख करोड़ की बिना दावे वाली वित्तीय संपत्तियां हैं जिनमें बैंक जमा बीमा भविष्य निधि और शेयर शामिल हैं। उन्होंने आपकी पूँजी आपका अधिकार अभियान शुरू करते हुए अधिकारियों से इन संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता पहुंच और कार्रवाई पर ध्यान देने का आग्रह किया।

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को खुलासा किया कि बैंकों और नियामकों के पास वर्तमान में ₹1.84 लाख करोड़ मूल्य की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। ये संपत्तियां बैंक जमा, बीमा, भविष्य निधि या शेयरों के रूप में हैं। सीतारमण ने यह बात गुजरात के गांधीनगर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कही। यहां से उन्होंने 'आपकी पूँजी, आपका अधिकार' अभियान का शुभारंभ भी किया।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये संपत्तियां उनके असली मालिकों तक पहुंचें। उन्होंने अधिकारियों से तीन महीने के अभियान के दौरान इन बिना दावे वाली संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए तीन पहलुओं- जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई - पर काम करने का आग्रह किया।
यह भी पढ़ें- सोना और चांदी की रफ्तार भी छूटी पीछे, कॉपर ने MCX पर बनाया नया ऑल टाइम हाई; अगला गोल्ड है कॉपर
उन्होंने भरोसा दिया, ''वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अनुसार, 1,84,000 करोड़ रुपये वहां पड़े हैं। यह राशि सुरक्षित है। मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। आप जब चाहें उचित कागजात के साथ आएं। आपको धन दिया जाएगा। सरकार इसकी संरक्षक है।''
'आपकी पूँजी, आपका अधिकार' अभियान अभियान का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बीमा पॉलिसी दावों, बैंक जमाओं, लाभांश, शेयरों और म्यूचुअल फंड आय जैसी दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों के मुद्दे से निपटना है, जो अक्सर जागरूकता की कमी या पुराने खाता विवरण के कारण दावा न की गई रह जाती हैं।
सीतारमण ने कहा, ''दावे के बिना धनराशि बैंकों, आरबीआई या आईईपीएफ (निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष) के पास पड़ी है। हमें इन निधियों के असली मालिकों और दावेदारों का पता लगाना होगा और उन्हें धन सौंपना होगा।''
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से तीन पहलुओं - जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई - पर काम करने का आग्रह किया, ताकि तीन महीने तक चलने वाले अभियान के दौरान इन लावारिस संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाया जा सके।
यदि संपत्ति पर कोई दावा नहीं किया जाता है तो क्या होगा?
यदि किसी कारणवश संपत्ति पर लंबे समय तक कोई दावा नहीं किया जाता है, तो उसे प्रारंभिक धारक इकाई से नियामक संरक्षक को हस्तांतरित कर दिया जाता है। वित्त मंत्री ने इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि बैंक जमा के मामले में, दावा न किया गया धन वाणिज्यिक बैंकों से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में स्थानांतरित हो जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।