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    Tata नाम का इस्तेमाल करना आसान नहीं, पूरी करनी होती है ये शर्तें, 160 साल पुराने कारोबारी घराने के खास उसूल

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 06:50 PM (IST)

    टाटा समूह, भारत का 160 साल पुराना कारोबारी घराना है, जिसने भारतीय उद्योग जगत में व्यावसायिक नैतिकता के आदर्श स्थापित किए हैं। यही वजह है कि टाटा समूह ने अपनी हर कंपनी को टाटा ब्रांड नाम नहीं दिया है। क्योंकि, इसके लिए समूह की कंपनियों को कुछ शर्तों का पालन करना होता है।

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    नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की कई कंपनीज़ बाजार में कारोबार करती हैं, इनमें से कुछ स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं तो कुछ कंपनियां ऐसी हैं जिनके आगे ब्रांड का नाम 'टाटा' नहीं (Tata Group Brand Name Policy) लिखा है। शेयर बाजार में भी टाटा समूह की कुछ चुनिंदा कंपनियां हैं जिनके नाम के आगे टाटा नहीं लिखा है। लेकिन, इन सभी कंपनियों का मालिकाना हक टाटा ग्रुप के पास है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हर कंपनी पर टाटा का अधिकार है तो इन्हें ब्रांड का नाम देने से परहेज क्यों किया जाता है।

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    दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह है, जिसके चलते हर कंपनी को टाटा का टाइटल या ब्रांड नाम नहीं दिया जाता है। वहीं, हर कंपनी जिसे 'टाटा' ब्रांड (How to use Tata brand name) का उपयोग करने की अनुमति है, उसने टाटा संस के BEBP एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। BEBP एग्रीमेंट के तहत कंपनी को व्यवसाय को नैतिकता और उत्कृष्टता के साथ चलाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। टाटा समूह की वार्षिक रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।

    टाटा के टाइटल को अपनाने की शर्तें

    टाटा आचार संहिता (TCoC): टाटा कोड ऑफ कंडक्ट सभी टाटा कर्मचारियों और कंपनियों के लिए एक नैतिक रोडमैप और दिशानिर्देश प्रदान करता है। ऐसे में टाटा समूह अपेक्षा करता है कि वे कंपनियां TCoC के अनुरूप कार्य करें।

    टाटा समूह का कहना है कि टाटा आचार संहिता हमारी ईमानदारी, ज़िम्मेदारी, उत्कृष्टता, अग्रणीता और एकता के मूल्यों को दर्शाती है। TCoC कर्मचारियों, ग्राहकों, समुदायों, पर्यावरण, भागीदारों, वित्तीय हितधारकों, सरकार, नियामकों और अन्य समूह कंपनियों के साथ सभी प्रकार की बातचीत में उच्चतम नैतिक और नैतिक मानकों, कॉर्पोरेट गवर्नेंस के हायर स्टैंडर्ड, मानवाधिकारों और गरिमा के सम्मान, और व्यावसायिकता, ईमानदारी, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के सिद्धांतों को निर्धारित करती है।

    टाटा बिज़नेस एक्सीलेंस मॉडल (TBEM): टाटा बिज़नेस एक्सीलेंस ग्रुप (TBExG) देशभर में व्यावसायिक उत्कृष्टता की संस्कृति के निर्माण के लिए एक संस्थागत दृष्टिकोण अपनाता है। यह सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक उत्कृष्टता ढाँचे - टीबीईएम के जरिए संभव होता है। टीबीईएम स्टैंडर्ड, लीडरशिप, स्ट्रैटेजी, कंज्यूमर, डेटा, टेक्नोलॉजी, लोगों और सुरक्षा समेत ऑपरेशन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रणालियों की तैनाती को शामिल करता है।

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    टाटा ग्रुप के गवर्नेंस के अन्य फिलॉसफी के अन्य प्रमुख स्तंभों में टाटा सस्टेनेबिलिटी पॉलिसी और टाटा पॉजिटिव एक्शन प्रोग्राम (TAAP) शामिल है। टाटा सस्टेनेबिलिटी पॉलिसी को पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी विचारों को एकीकृत करके लंबे समय में हितधारक मूल्य सृजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

    वहीं, टाटा पॉजिटिव एक्शन प्रोग्राम (TAAP), समूह द्वारा संचालित वह पहल है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों के व्यापक समावेश को बढ़ावा देती है। वर्तमान में, टीएएपी अनुसूचित जातियों,
    अनुसूचित जनजातियों, विकलांग व्यक्तियों और वंचित समुदायों की महिलाओं पर केंद्रित है।