20000 करोड़ की डील पर JSW स्टील को बड़ी राहत, SC ने रेजोल्युशन प्लान को दी मंजूरी, पलटा अपना ही फैसला
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील को 19700 करोड़ रुपये के रेजोल्युशन प्लान को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कंपनी द्वारा भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) का अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया है। खास बात है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को पलट दिया है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश की दिग्गज स्टील कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) को बड़ी राहत देते हुए 20,000 करोड़ रुपये में भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) का अधिग्रहण करने का रास्ता साफ कर दिया है। दरअसल, भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने शुक्रवार को जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपये के रेजोल्युशन प्लान को मंजूरी दे दी है।
कोर्ट ने कहा कि कंपनी ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत एक सफल समाधान आवेदक के तौर पर सभी जरूरी मापदंडों को पूरा किया है। खास बात है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पहले के आदेश को पलट दिया है जिसमें दिवालिया कंपनी के परिसमापन का निर्देश दिया गया था।
लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद फैसला
इस अधिग्रहण को लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई चली। हालाँकि एनसीएलटी और एनसीएलएटी, दोनों ने बीपीएसएल के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की योजना को मंज़ूरी दे दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों वाली बेंच ने पहले इसे मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था। दरअसल, बेंच ने योजना की पात्रता पर चिंताओं का हवाला देते हुए, कंपनी का अधिग्रहण करने के बजाय उसका परिसमापन करने का निर्देश दिया था।
अब इस मामले में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के सुसंगत निर्णयों को पलटने से, जिन्होंने समाधान योजना को बरकरार रखा था, गंभीर परिणाम हो सकते थे।
डील से JSW Steel को क्या फायदा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही जेएसडब्ल्यू स्टील के लिए बीपीएसएल के 20,000 करोड़ रुपये के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। इस डील से जेएसडब्ल्यू स्टील को पूर्वी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और अपनी समग्र उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने 2017 में पंजाब नेशनल बैंक की एक याचिका पर भूषण पावर के विरुद्ध दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू की थी और 2019 में जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी।
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