देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी बनी सन फार्मा, रैनबैक्सी को खरीदा
पिछले कुछ समय मुश्किलों में फंसी फार्मा कंपनी रैनबैक्सी को सन फार्मा ने खरीद लिया है। सन फार्मा, रैनबैक्सी की 100 फीसद हिस्सेदारी खरीदेगी, वहीं 457 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 400 करोड़ डॉलर में यह सौदा हुआ है। सभी मंजूरियों के बाद यह सौदा दिसबंर 2014 तक पूरा होगा। रैनबैक्सी के शेयरधारकों को 10 शेयर के बद
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय मुश्किलों में फंसी फार्मा कंपनी रैनबैक्सी को सन फार्मा ने खरीद लिया है। सन फार्मा, रैनबैक्सी की 100 फीसद हिस्सेदारी खरीदेगी, वहीं 457 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 400 करोड़ डॉलर में यह सौदा हुआ है। सभी मंजूरियों के बाद यह सौदा दिसबंर 2014 तक पूरा होगा।
रैनबैक्सी के शेयरधारकों को 10 शेयर के बदले सन फार्मा के 8 शेयर मिलेंगे। इस सौदे के बाद अमेरिका में सन फार्मा सबसे बड़ी दवा कंपनी बन जाएगी। वहीं, रैनबैक्सी को खरीदने के बाद, सन फार्मा दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी जेनेरिक कंपनी होगी।
सन फार्मा ने कहा है कि रैनबैक्सी के शेयरहोल्डर्स को रैनबैक्सी के प्रति शेयर के बदले सन फार्मा के 0.8 फीसद शेयर मिलेंगे। इस सौदे से सन फार्मा भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। अभी जापानी कंपनी दायची सांक्यो के पास रैनबैक्सी के 63.5 फीसद शेयर हैं। दायची सैंक्यो द्वारा जारी बयान के अनुसार इस सौदे के बाद सन फार्मा में उसके 9 प्रतिशत शेयर होंगे। जिस पर दोनों कंपनियों ने सहमति जता दी है।
भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी रैनबैक्सी पर अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंगनियमों का उल्लंघन करने के मामले में दवाओं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही सन फार्मा के खरखड़ी स्थित प्लांट पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है। इस सौदे की खबर आते ही दायची सैंक्यो के शेयर सोमवार के ट्रेड में 4.1 फीसद की तेजी आई यह ढाई महीने के उच्चतम स्तर पर 1728 येन पर पहुंच गए।
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