नौकरी देने के मामले में सर्विस सेक्टर का बोलबाला, 6 साल में चार करोड़ लोगों को दी जॉब
Job: नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सर्विस सेक्टर रोजगार सृजन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले छह वर्षों में इस क्षेत्र ने लगभग चार करोड़ नई नौकरियां दी हैं, जिससे कुल रोजगार 18.8 करोड़ हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पारंपरिक सेवाओं के साथ-साथ वित्त और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र भी रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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नौकरी देने के मामले में सर्विस सेक्टर का बोलबाला, 6 साल में चार करोड़ लोगों को दी जॉब
नई दिल्ली। Job: रोजगार को लेकर नीती आयोग ने दो रिपोर्ट जारी की। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सर्विस सेक्टर तेजी से रोजगार पैदा करने का एक पावर हाउस बनकर उभर रहा है, जिसमें कुल रोजगार में इसका हिस्सा 2011-12 में 26.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 29.7 प्रतिशत हो गया है। ANI के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है, "सर्विस सेक्टर में रोजगार का हिस्सा 26.9 प्रतिशत (2011-12) से बढ़कर 29.7 प्रतिशत (2023-24) हो गया है।"
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इन दोनों रिपोर्टों से इस बात का पता चलता है कि सेवा क्षेत्र ने पिछले छह सालों में लगभग चार करोड़ नई नौकरियां जोड़ी हैं और इस तरह सेवा क्षेत्र में कुल रोजगार 18.8 करोड़ हो गए हैं। यह नेशनल वर्कफोर्स का लगभग 30 प्रतिशत है।
वैश्विक स्तर पर पीछे है सर्विस सेक्टर
वर्कफोर्स में सर्विस सेक्टर की हिस्सेदारी में हुई वृद्धि के बावजूद रोजगार हिस्सेदारी में भारत का सर्विस सेक्टर वैश्विक औसत लगभग 50 प्रतिशत से पीछे है। रिपोर्ट में सकल रोजगार में हो रहे बदलाव का उल्लेख किया गया है और यह नौकरियों में होने वाली वृद्धि का एक उपाय है।
नीति आयोग का कहना है कि व्यापार, मरम्मत और परिवहन जैसी पारंपरिक सेवाएं रोजगार पर हावी रहती हैं, लेकिन आने वाले समय में वित्त, सूचना-प्रौद्योगिकी और पेशेवर व्यवसाय सेवाएं रोजगार सृजन का बड़ा कारक बनकर उभरेंगी। आयोग का मानना है कि पारंपरिक क्षेत्र प्राथमिक नियोक्ता हैं, लेकिन आधुनिक सेवाएं विकास के लिए सबसे अधिक आशाजनक हैं।''
रिपोर्ट में क्षेत्रीय असमानताओं पर भी प्रकाश डाला गया है और कहा गया है कि दक्षिणी और पश्चिमी राज्य सेवाओं से जुड़े रोजगार में अग्रणी रहे हैं और जबकि छोटे राज्य रोजगार सृजन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक प्रशासन पर अधिक निर्भर हैं।
ये सेक्टर तेजी से उभर रहे हैं
नीति आयोग के अनुसार, जहां ट्रेड, रिपेयर और ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टर में अभी भी ज्यादातर लोग काम करते हैं, वहीं फाइनेंस, IT और प्रोफेशनल सर्विसेज जैसे नए एरिया तेजी से अगले बड़े जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। थिंक टैंक ने कहा कि ये मॉडर्न सर्विसेज बेहतर सैलरी और बढ़ते ग्लोबल कनेक्शन के साथ मौके दे रही हैं।
AI पैदा कर सकता है 4 मिलियन नौकरी
एक पिछली रिपोर्ट में, नीति आयोग ने अनुमान लगाया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) 2030 तक भारत में 4 मिलियन तक नई नौकरियां पैदा कर सकता है, खासकर टेक्नोलॉजी और कस्टमर एक्सपीरियंस से जुड़े रोल्स में। रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए तो क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर और लेवल 1 सपोर्ट एजेंट जैसी रूटीन नौकरियाँ 2031 तक खत्म हो सकती हैं। इसमें यह भी कहा गया कि टारगेटेड स्किलिंग और इनोवेशन देश को इस बदलाव को नए रोजगार के सोर्स में बदलने में मदद कर सकते हैं।

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