4 नए लेबर कोड से 77 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, बेरोजगारी में आएगी कमी; आत्मनिर्भर भारत के लिए क्यों है अहम?
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नए श्रम कानून (New Labour Code) लागू होने के बाद मध्यम अवधि में बेरोजगारी 1.3% तक कम हो सकती है, जिससे 77 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इन सुधारों से प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि होगी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा, जिससे सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सुधार होगा और श्रम बाजार का औपचारिकरण बढ़ेगा।

लेबर कोड्स से 77 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
आईएएनएस, नई दिल्ली। एसबीआई की मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के नए लेबर कोड (New Labour Code) एक छोटे ट्रांजीशन चरण के बाद मीडियम टर्म में बेरोजगारी को 1.3 प्रतिशत तक कम करने में प्रभावी साबित होंगे।
हालांकि, नए लेबर कोड का यह प्रभाव सुधारों के लागू होने, फर्म-लेवल पर एडजस्टमेंट लागत और कॉम्प्लीमेंट्री राज्य-स्तरीय नियमों जैसे कारकों पर निर्भर करेंगे।
77 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
इसका मतलब होगा कि वर्तमान लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 60.1 प्रतिशत और शहरी और ग्रामीण वर्कफोर्स में 70.7 प्रतिशत एवरेज वर्किंग एज पॉपुलेशन के आधार पर इस कदम के साथ 77 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, "लगभग 30 प्रतिशत के सेविंग रेट के साथ नए नियमों के लागू होने से 66 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति दिन खपत बढ़ेगी। इससे 75,000 करोड़ रुपए का उपभोग बढ़ेगा। इसलिए लेबर कोड को उपभोग बढ़ाने में एक अहम योगदाकर्ता माना जा रहा है।"
आत्मनिर्भर राष्ट्र की राह बनेगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए लेबर कोड के लागू होने से कर्मचारी और उद्यम दोनों सशक्त बनेंगे और ऐसे वर्कफोर्स का निर्माण होगा, जिससे भारत के लिए एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी आत्मनिर्भर राष्ट्र की राह बनेगी। भारत में 44 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में काम कर हैं। जिसमें से 31 करोड़ ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं।
अगर अनुमान लगाते हैं कि 20 प्रतिशत लोग इनफोर्मल पे रोल से फॉर्मल पे रोल में शिफ्ट होते हैं तो इससे करीब 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। जिसके साथ हमारा मानना है कि अगले 2-3 वर्षों में भारत की सोशल सिक्योरिटी कवरेज की पहुंच 80 से 85 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
लेबर मार्केट फॉर्मलाइजेशन बढ़ेगा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलएफएस डेटासेट के अनुसार, भारत में फॉर्मल वर्कर्स की भागीदारी 60.4 प्रतिशत है। हमारा मानना है कि नए लेबर कोड लागू होने के बाद फॉर्मलाइजेशन रेट 15.1 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जिससे लेबर मार्केट फॉर्मलाइजेशन 75.5 प्रतिशत हो जाएगा।

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