ये महिला है भारत की सबसे अमीर किसान ! मैजिकल मिट्टी से बनाई ₹100,00,00,000 की दौलत, कारनामे जान कहेंगे - वाह !
गुजरात की नितुबेन पटेल ((Nituben Patel Net Worth) ने साल 2024 में भारत के सबसे अमीर किसान का खिताब (Richest Farmer in India) जीता है। उन्होंने जैविक खेती और स्थायी कृषि तकनीकों का उपयोग करके 100 करोड़ रुपये की संपत्ति कमाई। नितुबेन सजीवन लाइफ प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर भी हैं जो प्राकृतिक खेती (Natural Farming) और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देती है।

नई दिल्ली। अकसर किसान अपनी समस्याएं लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाते हैं। किसानों की आत्महत्या करने की खबरें भी आती हैं, जो बताता है कि उनकी समस्याएं कितनी जटिल हैं। मगर एक महिला ने इन सभी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए भारत के सबसे अमीर किसान (Richest Farmer in India) का खिताब हासिल कर लिया है।
उन्होंने पुरुषों वाले इस उद्यम को न सिर्फ अपनाया, बल्कि कुछ खास तरीकों से खेती करके अरबपति बन गईं। ये हैं गुजरात के राजकोट की नितुबेन पटेल, जिनकी नेटवर्थ (Nituben Patel Net Worth) 100 करोड़ रु है। कैसे उन्होंने ये इतनी दौलत कमाई, आइए जानते हैं।
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साल 2024 में मिला सबसे अमीर किसान का खिताब
नितुबेन पटेल को साल 2024 के Millionaire Farmer of India (MFOI) Awards में "भारत की सबसे अमीर किसान" का खिताब दिया गया। वह यह सम्मान पाने वाली पहली महिला हैं। अमृत कृषि और जादुई मिट्टी उनकी कृषि तकनीकों के दो खास उदाहरण हैं।
इनमें "अमृत कृषि", जिसे नेक्टर फार्मिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्थायी कृषि नजरिया है जो प्राकृतिक तरीकों से मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल की पैदावार बढ़ाने पर केंद्रित है। वहीं कृषि में "जादुई या मैजिकल मिट्टी" मिट्टी संवर्धन विधियों का उपयोग करने वाली तकनीक है, जैसे कि नितुबेन द्वारा डेवलप विधियां, जिनका उपयोग बेहतर मिट्टी बनाने और पैदावार बनाने में करती हैं।
क्या-क्या उगाती हैं नितुबेन
नितुबेन पटेल सब्जियों और फलों समेत कई तरह की ऑर्गेनिक फसलें उगाती हैं और डेयरी फार्मिंग पर भी ध्यान देती हैं। सरसों का तेल, घी और खपली गेहूं जैसी उनकी वस्तुएँ ऑनलाइन भी बेची जाती हैं। उन्हें औषधीय पौधों की भी गहरी समझ है।
20 सालों में बनाया गया उनका फार्म इतना सुव्यवस्थित और ऑटोनोमस (खुद देखभाल करने लायक) है कि यह बिना किसी व्यक्ति के दो दशकों तक अपने आप चल सकता है।
खेतों से बाहर के कारनामे
नितुबेन सजीवन लाइफ प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर हैं। ये संस्था प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास के प्रचार-प्रसार पर फोकस करने वाली एक NGO है। उनकी इस पहल से पूरे गुजरात में बदलाव आया है।
सजीवन के साथ केवल 45 दिनों में 84 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) रजिस्टर हुए थे। ये एफपीओ न केवल किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें टिकाऊ और किफायती खेती के तरीकों की भी जानकारी देते हैं।
प्लास्टिक कम करने के लिए उठाया कदम
नितुबेन की Sajeevan Foundation एक ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है। यहां आप पर्सनल हेल्थ केयर, फूड आइटम्स और खेती से जुड़े खास प्रोडक्ट खरीद सकते हैं। नितुबेन की संस्था प्लास्टिक को कम करने के लिए 10,000 सूती थैलियां देती हैं, हर साल पेड़ लगाने का आयोजन करती हैं और 10,000 से अधिक किसानों को कीटनाशक मुक्त जैविक खेती के बारे में शिक्षित करते हैं।
ये भारत भर में जनजातीय और छोटे किसानों को जैविक खेती करने, अधिक कमाई करने और पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए सशक्त बनाती है। साथ ही उपभोक्ताओं को 100% ट्रेस करने योग्य, विष-मुक्त फूड तक एक्सेस भी देती है।
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