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    GST दरों में कटौती के बाद अब घटेंगी ब्याज दरें, सस्ता होगा होम लोन, RBI गवर्नर दे सकते हैं बड़ी राहत- रिपोर्ट

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 12:26 PM (IST)

    महंगाई दर के 8 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। इस बीचएक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि यूएस द्वारा लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ इस साल के अंत तक लागू रहता है तो भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो रेट घटकर 5.25 प्रतिशत रह जाएगी।

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    नई दिल्ली। सितंबर में जीएसटी की दरों में बड़ी कटौती के बाद अब दिसंबर में आम आदमी को एक और बड़ी सौगात मिल सकती है। दरअसल, एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि यूएस द्वारा लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ इस साल के अंत तक लागू रहता है तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दिसंबर में ब्याज दरों (RBI Rate Cut) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो रेट घटकर 5.25 प्रतिशत रह जाएगी। अगर ऐसा होता है तो होम लोन समेत अन्य बैंक लोन पर ब्याज दरें कम हो जाएंगी, साथ ही होम लोन व कार लोन की ईएमआई भी घट जाएंगी।

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    एचएसबीसी की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि सरकार ग्रोथ को सपोर् देने के लिए नए आर्थिक सुधारों के साथ-साथ निर्यातकों के लिए राजकोषीय पैकेज की घोषणा कर सकती है।

    रिपोर्ट में क्या अनुमान

    रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि खुदरा महंगाई की दर 8 साल के निचले स्तर पर आ गई है, जिससे आरबीआई को मौद्रिक नीति को आसान बनाने के लिए अधिक गुंजाइश मिल गई है। सितंबर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इंफ्लेशन सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत रही,जो जून 2017 के बाद से सबसे कम है।

    महंगाई की दर में यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में कमी, अनाज के अच्छे उत्पादन और भंडारित अन्न भंडारों के कारण हुई। खाद्य पदार्थों की कीमतों में वार्षिक और क्रमिक दोनों तरह से गिरावट आई।

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    जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए औसत महंगाई दर 1.7 प्रतिशत रही, जो आरबीआई के 1.8 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है। हालांकि, सोने की कीमतों में तेज़ वृद्धि के कारण हेडलाइन इंफ्लेशन ऊंची बनी रही, जो सितंबर में साल-दर-साल लगभग 47 प्रतिशत बढ़ी। अकेले सोने ने मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में लगभग 50 आधार अंकों का योगदान दिया है।