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    ट्रंप टैरिफ भारत पर ज्यादा लेकिन पड़ोसी पाकिस्तान को लग रही चपत, ऐसे हो गया 29647 करोड़ रुपये का घाटा

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 09:05 AM (IST)

    नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का व्यापार घाटा सितंबर में बढ़कर 3.34 अरब डॉलर (29647 करोड़ रुपये) हो गया जो पिछले साल से 46% अधिक है। आयात बढ़ने और निर्यात घटने से देश के बाहरी क्षेत्र पर दबाव बढ़ गया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में व्यापार घाटा 32.9% बढ़कर 9.37 अरब डॉलर हो गया।

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    पाकिस्तान का व्यापार घाटा सितंबर में बढ़कर 3.34 अरब डॉलर (29,647 करोड़ रुपये) हो गया

    नई दिल्ली। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का व्यापार घाटा सितंबर में बढ़कर 3.34 अरब डॉलर (29,647 करोड़ रुपये) हो गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आयात बढ़ने और निर्यात में कमी आने के कारण देश के नाजुक बाह्य क्षेत्र पर दबाव बढ़ा और मुद्रा की स्थिरता को खतरा पैदा हुआ। समाचारपत्र 'द न्यूज' ने शुक्रवार को पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों के हवाला से प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

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     रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वर्ष सितंबर में यह घाटा 2.29 अरब डॉलर था जो अब मुख्य रूप से आयात के 14 प्रतिशत बढ़कर 5.85 अरब डॉलर हो जाने और निर्यात 11.7 प्रतिशत घटकर 2.5 अरब डॉलर रह जाने से बढ़ा। अगस्त 2025 की तुलना में व्यापार घाटा 16.3 प्रतिशत बढ़ गया।

    चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में व्यापार घाटा सालाना आधार पर 32.9 प्रतिशत बढ़कर 9.37 अरब डॉलर हो गया।

    इस अवधि में आयात 13.5 प्रतिशत बढ़कर 16.97 अरब डॉलर का हो गया, जबकि निर्यात 3.8 प्रतिशत घटकर 7.6 अरब डॉलर रह गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि व्यापार घाटा बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ सकता है, रुपये में अस्थिरता बढ़ सकती है और ऋण भुगतान जटिल हो सकता है। 

    इस बीच भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 26 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में 2.334 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में ये जानकारी दी। पिछले सप्ताह में 396 मिलियन डॉलर की गिरावट आई थी और विदेशी मुद्रा भंडार 702.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

    26 सितंबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा संपत्तियां, जो कि भंडार का एक प्रमुख घटक हैं, 4.393 अरब डॉलर घटकर 581.757 अरब डॉलर हो गईं। 

    डॉलर में व्यक्त विदेशी मुद्रा संपत्तियों में उन गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पाउंड और येन की कीमत में उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी शामिल होता है, जो विदेशी मुद्रा भंडार में संचित होती हैं।

    सोने का भंडार?

    सोने का भंडार इस अवधि में 2.238 अरब डॉलर बढ़कर 95.017 अरब डॉलर हो गया। स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) में भी 90 मिलियन डॉलर की गिरावट आई और ये 18.789 अरब डॉलर पर पहुंच गए। 

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