'सोना-चांदी खरीदूंगा, क्योंकि...', वॉरेन बफे से क्यों भिड़े 'रिच डैड पुअर डैड' के राइटर; बोले- सब क्रैश होने वाला है!
बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और मशहूर निवेशक वॉरेन बफे जो अब तक गोल्ड और सिल्वर को नॉन-प्रोडक्टिव एसेट मानते थे अब अचानक इनके समर्थन में नजर आ रहे हैं। यही बदला रुख अब मशहूर किताब रिच डैड पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी को चुभ गया है। उन्होंने वॉरेन बफे पर तगड़ा तंज कसा और निवेशकों को बड़ा अलर्ट तक दे डाला। उन्होंने कहा- सबकुछ क्रैश होने वाला है।

नई दिल्ली| Gold and Silver Investment: सोना-चांदी को लेकर दुनियाभर के दो दिग्गज निवेशक आमने-सामने आ गए हैं। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और मशहूर निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett), जो अब तक गोल्ड और सिल्वर को "नॉन-प्रोडक्टिव एसेट" मानते थे, अब अचानक इनके समर्थन में नजर आ रहे हैं। यही बदला रुख अब मशहूर किताब "रिच डैड पुअर डैड" के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी (Rich Dad Poor Dad Writer Robert Kiyosaki) को चुभ गया है। उन्होंने वॉरेन बफे पर तगड़ा तंज कसा और निवेशकों को बड़ा अलर्ट तक दे डाला।
I WANT TO VOMIT: getting nauseus, listening to Buffet tout the virtues of gold and silver…. after he ridiculed gold and silver for years. That means the stock and bond market are about to crash. Depression ahead?
Even though Buffet shit on gold and silver investors like me…
— Robert Kiyosaki (@theRealKiyosaki) October 1, 2025
"सोना-चांदी में निवेश समझदारी नहीं"
वॉरेन बफे दशकों से कहते रहे हैं कि सोना-चांदी जैसी धातुएं उत्पादन नहीं करतीं, इसलिए इनमें निवेश समझदारी नहीं है। 1998 में तो उन्होंने साफ कहा था कि सोना सिर्फ भंडारण के काम आता है। लेकिन हाल ही में उन्होंने सोना-चांदी को समर्थन देना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 में अब तक सोने और चांदी की कीमतों में 45-50% की बढ़त आई है और अब खुद बफे भी इन धातुओं पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
बफे पर कियोसाकी का तंज, बोले- मन करता है कि...
बफे के इस बदले रुख पर रॉबर्ट कियोसाकी भड़क उठे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-
"बफे को गोल्ड और सिल्वर की तारीफ करते सुनकर उल्टी करने का मन करता है। भले ही वॉरेन बफे ने मेरे जैसे गोल्ड और सिल्वर निवेशकों का सालों मजाक उड़ाया, लेकिन अब उनका अचानक समर्थन साफ इशारा करता है कि शेयर और बॉन्ड मार्केट क्रैश होने वाले हैं। आगे डिप्रेशन आ सकता है।"
क्रिप्टो और कीमती धातुओं पर जोर
कियोसाकी ने अपनी पोस्ट में निवेशकों को चेतावनी दी कि बहुत देर होने से पहले सोना, चांदी, बिटकॉइन और एथेरियम खरीद लें। उन्होंने लिखा कि-
"शायद अब बफे की बात सुनने का समय आ गया है। गोल्ड, सिल्वर, बिटकॉइन और एथेरियम ही आने वाले संकट में सहारा देंगे।"
कियोसाकी लंबे समय से निवेशकों को यही सलाह देते आए हैं। उनका कहना है कि जब कागजी संपत्तियां (जैसे शेयर और बॉन्ड) गिरती हैं, तो सोना, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी ही सबसे सुरक्षित दांव साबित होती हैं।
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कियोसाकी ने क्या तर्क दिया?
कियोसाकी का तर्क है कि अगर बफे जैसे बड़े निवेशक भी कीमती धातुओं की ओर रुख कर रहे हैं, तो यह आने वाले संकट का संकेत है। उन्होंने कहा है कि दुनिया को एक ऐसे वित्तीय संकट के लिए तैयार रहना चाहिए, जो 1929 की महामंदी से भी बड़ा हो सकता है।
बफे-कियोसाकी की बहस अहम क्यों?
अब सवाल उठता है कि आखिर यह बहस अहम क्यों है? दरअसल, वॉरेन बफे को दुनिया का सबसे सफल निवेशक माना जाता है। जबकि रॉबर्ट कियोसाकी को करोड़ों लोग फाइनेंशियल एजुकेशन का गुरु मानते हैं। एक तरफ बफे हैं, जो शेयर बाजार को प्राथमिकता देते हैं।
दूसरी तरफ कियोसाकी हैं, जो सोना-चांदी और बिटकॉइन पर भरोसा जताते हैं। अब जब बफे खुद गोल्ड और सिल्वर के समर्थन में दिख रहे हैं, तो कियोसाकी की चेतावनी और भी गंभीर मानी जा रही है।
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