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    Gold Rate: कच्चे तेल की तरह सोने के दामों में दिख रही हलचल, ऐसा क्यों बोले RBI गर्वनर?

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:34 PM (IST)

    Gold Rate RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सोना वैश्विक अनिश्चितताओं का बैरोमीटर बन गया है पहले तेल ऐसा था। उन्होंने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का श्रेय कम मुद्रास्फीति अच्छे विदेशी मुद्रा भंडार और मजबूत बैंकों को दिया। मल्होत्रा ने व्यापार नीतियों से विकास को नुकसान और शेयर बाजारों में गिरावट की आशंका जताई।

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    Gold Rate: कच्चे तेल की तरह सोने के दामों में दिख रही हलचल, ऐसा क्यों बोले RBI गर्वनर?

    नई दिल्ली। Gold RateRBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि सोने की कीमत वैश्विक अनिश्चितताओं को दर्शाने वाले एक नए बैरोमीटर के रूप में काम करती दिख रही हैं। कुछ दिनों पहले तक कच्चे तेल की कीमतों के ऊपर और नीचे जाने को वैश्विक अनिश्चितता से जोड़कर देखा जाता था।  

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    RBI गवर्नर ने कहा, 'आज लगभग हर देश वित्तीय रूप से काफी तनावग्रस्त है। वर्तमान व्यापार नीति का माहौल कुछ अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा सकती है।'

    तेल की तरह सोने में हलचल- RBI गवर्नर 

    आरबीआई गवर्नर ने कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में कहा, "शायद सोने की कीमतें अब उस तरह की हलचल दिखा रही हैं जैसी पहले तेल में हुआ करती थी, जो वैश्विक अनिश्चितता के बैरोमीटर का काम कर रही है। भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, जिनकी वजह से पिछले दशक में तेल की कीमतें आसमान छू सकती थीं, वे (तेल की कीमतें) बहुत सीमित दायरे में रही हैं। ऐसा न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में, सकल घरेलू उत्पाद में तेल की गहनता में गिरावट के कारण हो सकता है।"

    कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत का वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचा लगातार मजबूत बना हुआ है और देश अस्थिर दुनिया में स्थिरता का आधार बन गया है। उन्होंने देश की मजबूत बुनियाद का श्रेय कम मुद्रास्फीति, अच्छे विदेशी मुद्रा भंडार, कम चालू खाता घाटा और देश के बैंकों व कारपोरेट जगत के मजबूत बही खाते को दिया।

    मल्होत्रा ने कहा, 'यह नीति निर्माताओं, नियामकों और विनियमित संस्थाओं के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। कुल मिलाकर, हाल की मुश्किलों के बावजूद अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि के साथ अच्छी तरह से स्थिर होती दिख रही है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो भारत को अस्थिर दुनिया में स्थिरता के आधार के रूप में स्थापित करती है।'

    शेयर बाजार मे आ सकती है गिरावट

    मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय दृष्टि से आज लगभग हर देश "काफी तनावग्रस्त" है, तथा उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान व्यापार नीति का माहौल कुछ अर्थव्यवस्थाओं में विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने आगाह किया कि वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा सकती है।

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