सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'ये बुरी बात नहीं...' देश में रह जाएंगे सिर्फ ये 3 सरकारी बैंक, SBI चेयरमैन ने किया बड़ा इशारा

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 01:43 PM (IST)

    भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने सरकारी बैंकों के विलय पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि कुछ और बदलावों की जरूरत है। सरकार छोटे ऋणदाताओं को बड़े बैंकों में विलय करने की योजना बना रही है। इस विलय के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों पर विचार किया जा रहा है।

    Hero Image

     भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कई सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय करने की केंद्र सरकार की योजना का समर्थन किया है।

    नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विकास और पैमाने के अगले स्तर को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय करने की केंद्र सरकार की योजना का समर्थन किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटर में, शेट्टी ने कहा कि कुछ और बदलाव की जरूरत है, क्योंकि अभी भी कुछ छोटे, छोटे बैंक मौजूद हैं। SBI चेयरमैन ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा, "यदि विलय करने का एक और दौर आता है, तो इसमें कोई बुरी बात नहीं।"

    भारत सरकार सार्वजनिक बैंकिंग क्षेत्र में एक और बड़े सुधार की योजना पर विचार कर रही है, जिसके तहत इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) सहित कई छोटे ऋणदाताओं को बड़े सार्वजनिक ऋणदाताओं के साथ विलय किया जाएगा। 

    रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मेगा विलय योजना ऋण विस्तार और वित्तीय क्षेत्र सुधारों के अगले चरण को समर्थन देने के लिए आवश्यक है। इन छोटे ऋणदाताओं का पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है।

    इस बड़े विलय का प्रस्ताव पहले कैबिनेट स्तर पर अधिकारियों से उठाया जाएगा और फिर पीएमओ द्वारा इसकी जांच की जाएगी।

    विलय के लिए नए सिरे से प्रयास तब किया जा रहा है, जब यह नीति आयोग के पहले के सुझाव से अलग है, जिसमें इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) जैसे छोटे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का प्राइवेट या पुनर्गठन करने का सुझाव दिया गया था, जिन्हें रणनीतिक बिक्री के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में पहचाना गया था।

    नीति आयोग ने सिफारिश की थी कि केवल कुछ बड़े सरकारी बैंकों जैसे SBI, PNB, BOB और केनरा बैंक को ही सरकारी नियंत्रण में रखा जाए, जबकि बचे हुए सार्वजनिक बैंकों का या तो विलय कर दिया जाए, उनका निजीकरण कर दिया जाए या उनमें सरकारी हिस्सेदारी कम कर दी जाए।

    यह भी पढ़ें: सहारा की संपत्ति अदाणी को मिलेगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से क्या कहा? आया बड़ा अपडेट

    यह भी पढ़ें: ट्रक या नेक्सॉन बनाने वाली कंपनी, टाटा मोटर्स के किस शेयर में लगाएं पैसा? समझें

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें