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    जिन्हें करना है इंडिगो जैसी एयरलाइंस को रेगुलेट, उनके आधे पद पड़े खाली; राज्यसभा में आए चौंकाने वाले आंकड़े

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 01:53 PM (IST)

    इंडिगो जैसी एयरलाइंस को रेगुलेट करने वाले विभागों में आधे पद खाली हैं, जिससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र के नियामकों पर असर पड़ सकता है। यह जानकारी ऐसे समय ...और पढ़ें

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    एयर ट्रैफिक और बढ़ती उड़ानों के बीच, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) में लगातार स्टाफ की कमी को लेकर सवाल उठे।

    नई दिल्ली। देश में चल रहे इंडिगो संकट के बीच डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) में लगातार स्टाफ की कमी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। राज्‍यसभा में भी यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने पहली बार साफ तौर पर बताया है कि कितने पद खाली हैं और इन्हें भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    राज्यसभा में सांसद जेबी माथेर हिशाम और अन्य सदस्यों ने नागरिक उड्डयन मंत्री से DGCA में भारी स्टाफ की कमी, धीमी भर्ती प्रक्रिया और एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसे अहम क्षेत्रों पर असर को लेकर महत्वपूर्ण सवाल पूछे। आइए देखते हैं, क्या प्रश्न पूछे गए और सरकार ने क्या जवाब दिया।

    प्रश्न 1: क्या DGCA में लगभग 50% पद खाली हैं? स्टैडिंग कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार DGCA में 1,063 में से केवल 553 पद भरे हुए हैं, यानी लगभग आधे पद खाली हैं। क्या सरकार इस तथ्य को मानती है?

    उत्तर: राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि 1,063 तकनीकी पदों में से 569 पद भरे हुए हैं। इनमें सलाहकार और सेकेंडमेंट पर आए अधिकारी भी शामिल हैं। यानी पर्याप्त संख्या में पद अभी भी खाली हैं।

    प्रश्न 2: तकनीकी पद जैसे FOI, केबिन सेफ्टी इंस्पेक्टर, उड़ानयोग्यता अधिकारी को भरने की योजना क्या है?

    उत्तर: सरकार का कहना है कि भर्ती एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। Group A तकनीकी अधिकारियों की भर्ती UPSC करती है और Group B और C की भर्ती SSC करती है। जरूरत होने पर शॉर्ट-टर्म कॉन्ट्रैक्चुअल भर्ती भी की जाती है।

    सरकार ने यह भी कहा कि कई बार विज्ञापन पर कम आवेदन आते हैं, कुछ चुने गए उम्मीदवार शामिल नहीं होते या डिप्टीशन पदों पर पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिलती। ऐसे मामलों में अस्थायी तौर पर कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ लेकर रिक्तियों को संभाला जाता है।

    प्रश्न 3: क्या सरकार DGCA को अधिक स्वायत्तता देकर UPSC/डिप्टीशन की जगह बाजार-आधारित भर्ती की अनुमति देगी?

    उत्तर: सरकार ने किसी तरह की नई स्वायत्त भर्ती प्रणाली पर सीधा उत्तर नहीं दिया। केवल यह स्पष्ट किया कि मौजूदा सभी भर्ती प्रक्रियाएं जारी हैं और जरूरत पड़ने पर कॉन्ट्रैक्ट हायरिंग से पद भरे जाते हैं।

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    प्रश्न 4: DGCA में स्टाफ की भारी कमी दूर करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं?

    उत्तर: इसके जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्री किन्जाराप्पू राममोहन नायडू ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों में DGCA के पुनर्गठन के तहत 441 नए पद बनाए गए हैं। अब DGCA में कुल 1630 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 836 भरे हुए हैं।

    पिछले 4 महीनों में भर्ती प्रक्रिया में क्या सुधार हुआ?

     

    • 22 अधिकारी शामिल हुए।
    • 42 अधिकारियों का DPC पूरा हुआ।
    • 62 तकनीकी अधिकारी, 5 FOI और 8 स्टेनोग्राफर चयनित हुए।
    • 121 ऑपरेशन अधिकारियों की परीक्षा आयोजित हुई।


    सरकार का दावा है कि खाली पद होने के बावजूद DGCA का कामकाज प्रभावित नहीं हुआ।

    प्रश्न 5: ATCO (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की कमी क्या हवाई सुरक्षा को प्रभावित कर रही है?

    उत्तर: ATCO की भर्ती AAI द्वारा नियमित प्रक्रिया के तहत चलती रहती है। सरकार ने कहा कि मौजूदा रिक्तियों के बावजूद सुरक्षा पर असर नहीं पड़ा है, क्योंकि प्रशिक्षित ATCOs की संतुलित और नियोजित तैनाती होती रहती है।


    प्रश्न 6: FTOs (फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) को बढ़ाने और पायलट प्रशिक्षण सुधारने के लिए क्या कदम उठाए गए?

    उत्तर: पायलटों की बढ़ती मांग को देखते हुए 2025 में 2 नए FTO को मंजूरी मिली। ट्रेनर्स की कमी दूर करने के लिए CAR नियमों में संशोधन किया गया। 61 नए ट्रेनर विमान शामिल हुए जिससे अब कुल 379 ट्रेनर विमान हो गए हैं। यह 2021 की तुलना में 2025 में ट्रेनर विमानों की संख्या में 73% की बढ़ोतरी है।

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