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    यात्रियों को रुलाना Indigo को पड़ेगा भारी, मोदी सरकार ने की तैयारी; टूटेगी मोनोपॉली, मूडीज ने भी दे दी चेतावनी

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 12:22 PM (IST)

    Indigo Crisis: इंडिगो द्वारा फ्लाइट कैंसिल करने से यात्रियों को परेशानी हुई, जिससे सरकार हरकत में आई है। सरकार एविएशन सेक्टर में मोनोपॉली खत्म करने की ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो द्वारा फ्लाइट कैंसिल करने की लहर ने एक हफ्ते तक अफरा-तफरी मचा दी और हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर फंसा दिया। अभी यह संकट खत्म नहीं हुआ है। इस दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट में डुओपॉली-मोनोपॉली जैसी स्थिति होने के जोखिम सामने आ गए। भारत में लगभग 65 फीसदी मार्केट पर कब्जा करने वाली इंडिगो को बहुत समय मिला था लेकिन उसने तैयारी नहीं की थी।

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    आने वाले समय में उसे यह भारी पड़ सकता है। भारतीय सरकार ने एविएशन सेक्टर में मोनोपॉली और डुओपॉली जैसी स्थिति को खत्म करने के लिए बड़ा प्लान तैयार कर रही है। दूसरी ओर अमेरिकी की दिग्गज ग्लोबल रेटिंग्स कंपनी मूडीज रेटिंग्स ने सोमवार, 8 दिसंबर 2025 को जारी अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा कि चल रहे फ्लाइट कैंसलेशन संकट के बीच इंडिगो (Indigo Crisis) की फ्लाइट में रुकावटें भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन ऑपरेटर इंटरग्लोब एविएशन के लिए 'क्रेडिट नेगेटिव' हैं। इतना ही नहीं एयरपोर्ट ऑपरेटर्स भी इंडिगो से मुआवजे की मांग करने की तैयारी कर रहे हैं।

    बादशाह बनने के बाद इंडिगो ने सरकार से दिखाई दादागीरी

    सालों से, 65% डोमेस्टिक मार्केट शेयर वाली इंडिगो ने भारतीयों को उड़ने के सपने पूरे करने में मदद की है। यह एक ऐसी ख्वाहिश है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी है, जिन्होंने एक बार कहा था कि "चप्पल पहनने वाले लोग भी हवाई जहाज में दिखने चाहिए"।

    लेकिन सुरक्षा के लिहाज से जब सरकार ने कुछ जरूरी नियम बनाए तो इंडिगों ने उनका पालन नहीं किया। इंडिगो के अलावा अन्य एयरलाइन कंपनियों ने DGCA के नए नियमों का पालन किया। लेकिन इंडिगो नहीं कर पाया। शायद इंडिगो सरकार को यह दिखाना चाहती थी कि उससे पंगा लेना कितना भारी पड़ सकता है। अंत: DGCA को कुछ समय के लिए इंडिगो को नए नियमों से रियायत देनी पड़ी

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    हाल के सालों में यह एयरलाइन कम किराए और समय पर परफॉर्मेंस के वादे के साथ देश के एविएशन बूम का पोस्टर चाइल्ड बन गई थी। लेकिन पिछले हफ्ते सब कुछ बदल गया। IndiGo ने पायलटों की कमी के कारण कम से कम 4500 उड़ानें रद्द कर दीं, क्योंकि वह नए नियमों के लिए ठीक से प्लान नहीं बना पाई थी, जो पायलटों के काम के घंटों को सीमित करते हैं। इससे छुट्टियों की योजनाएं, शादियां सब गड़बड़ हो गईं और सोशल मीडिया पर टर्मिनलों पर सामान के ढेर लगने की तस्वीरें और वीडियो भर गए - ऐसे दृश्य भारत के एविएशन इतिहास में पहले कभी नहीं देखे गए थे।

    प्रतिद्वंद्वी एयर इंडिया, जिसका मार्केट शेयर 27% है और जो 2022 तक सरकार के स्वामित्व में थी, सालों से पुराने बेड़े और खराब सर्विस की शिकायतों का सामना कर रही है, और जून में एक दुर्घटना में 260 लोगों की मौत के बाद से कड़ी जांच का सामना कर रही है।

    सरकार ने इंडिगो के खिलाफ लिया एक्शन

    सरकार ने इंडिगो की 5% फ्लाइट्स में कटौती की और उन्हें दूसरी एयरलाइंस को सौंप दिया। DGCA ने इंडिगो को अपने फ्लाइट शेड्यूल में 5% की कटौती करने का आदेश दिया है, और लगभग 110 डेली फ्लाइट्स को दूसरी एयरलाइंस को सौंपा जाएगा। 2 दिसंबर से बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिल होने के बाद सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

    अगर रुकावटें जारी रहती हैं, तो धीरे-धीरे और भी कटौती करने पर विचार किया जा सकता है। इंडिगो आज शाम तक अपनी कुल फ्लाइट्स में से 5% कैंसिल करके एक छोटा शेड्यूल जमा करेगी।

    सरकार ने क्रू की संख्या के आधार पर इंडिगो के शेड्यूल में कटौती पर विचार कर रही है। अभी यह कटौती 5 फीसदी की हुई है। इतना ही नहीं सीनियर अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना और कार्रवाई की संभावना भी खुली रखी है।

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    केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार (8 दिसंबर, 2025) को राज्यसभा को बताया कि सरकार ने इंडिगो की बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिल होने की घटना की जांच शुरू कर दी है, जिससे देश भर के एयरपोर्ट पर सैकड़ों यात्री फंस गए थे। उन्होंने कहा कि दूसरी एयरलाइंस के लिए एक मिसाल कायम करने के लिए ऑपरेटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    एयरलाइन पर क्रू और ड्यूटी रोस्टर को रोज़ाना के कामकाज के ज़रिए मैनेज करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए,  नायडू ने कहा, "हम इस स्थिति को हल्के में नहीं ले रहे हैं। हम जांच कर रहे हैं। हम न सिर्फ इस स्थिति के लिए बल्कि एक उदाहरण के तौर पर भी बहुत, बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे।"

    एयरपोर्ट ऑपरेटर Indigo को देने वाले हैं झटका?

    प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर, जो पिछले हफ्ते इंडिगो द्वारा लगभग 4,500 फ्लाइट्स कैंसिल होने से हुए रेवेन्यू लॉस का आकलन कर रहे हैं। वे एयरलाइन से मुआवजे का दावा करने के बारे में अंदरूनी तौर पर बातचीत कर रहे हैं।

    एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने कहा, "हम सीनियर मैनेजमेंट के बीच इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या हमें बिजनेस के नुकसान के लिए मुआवजे पर विचार करना चाहिए। हमारा एक सहजीवी रिश्ता है और यह एक संवेदनशील मुद्दा है। संकट खत्म होने दें और फ्लाइट ऑपरेशन स्थिर हो जाएं, फिर हम अंतिम फैसला लेंगे। सभी फ्लाइट्स वापस आने के बाद ही हमें पूरी तस्वीर साफ होगी, जिसमें कुछ दिन लग सकते हैं।"

    ये संकट इंडिगो के लिए नेगेटिव- मूडीज

    मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इंडिगो के ऑपरेशंस में हालिया रुकावट से कंपनी के फाइनेंस पर काफी असर पड़ सकता है, क्योंकि फ्लाइट कैंसिल होने से ऑपरेशन से होने वाले रेवेन्यू का नुकसान होगा।

    रेवेन्यू में नुकसान के अलावा, कस्टमर रिफंड और दूसरे पैसेंजर कंपनसेशन, साथ ही डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से एविएशन रेगुलेटर की संभावित पेनल्टी, पैरेंट कंपनी के लिए इन क्रेडिट नेगेटिव में और इजाफा कर सकती है।

    मूडीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा, "ये रुकावटें क्रेडिट के लिए नेगेटिव हैं क्योंकि फ्लाइट कैंसिल होने, रिफंड और प्रभावित कस्टमर्स को दूसरे कंपनसेशन के कारण रेवेन्यू के नुकसान से इंडिगो को बड़ा फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है, साथ ही DGCA द्वारा लगाए जाने वाले संभावित जुर्माने भी लग सकते हैं।"

    रेटिंग एजेंसी ने बताया कि कंपनी के फाइनेंस पर संभावित असर फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में रेगुलेटरी बदलावों और इंडिगो की इस बारे में प्लानिंग में कमी के कारण होने वाली रुकावटों की वजह से है। मूडीज ने यह भी बताया कि DGCA द्वारा एयरलाइन कंपनी पर शो-कॉज नोटिस के साथ की गई कार्रवाई से Indigo में सीनियर लीडरशिप की कंटिन्यूटी को नुकसान पहुँच सकता है।

    क्या आने वाला है Indigo का डाउनफॉल?

    इस संकट के बीच एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सच में इंडिगो का डाउनफॉल आएगा? वर्तमान में इंडिगो का भारत के 64 फीसदी मार्केट पर कब्जा है। दूसरे नंबर पर टाटा की एयर इंडिया है। एयर इंडिया की हिस्सेदारी 27 फीसदी है। आने वाले समय में एयर इंडिया के विमानों की संख्या बढ़ेगी, जिससे Indigo को बड़े कंपटीशन का सामना करना पड़ सकता है। और सरकार की ओर से भी ये कोशिश की जा रही है कि देश में 4 से 5 बड़ी एयरलाइंस होनी चाहिए, जिनकी बाजार में समान हिस्सेदारी हो। अगर ऐसा होता है तो जाहिर सी बात है कि Indigo की हिस्सेदारी में गिरावट आएगी।

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