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    मुकेश अंबानी: कैसे शुरू हुआ भारत का नं. 1 अरबपति बनने का सफर, पिता के कहने पर छोड़ दी थी MBA; क्या थी पहली जिम्मेदारी

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 09:41 AM (IST)

    मुकेश अंबानी आज एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति (Richest person in Asia) हैं। उन्होंने अपने पिता के कहने पर एमबीए की पढ़ाई बीच में छोड़कर रिलायंस की पहली पॉलिएस्टर फाइबर यार्न प्रोडक्शन फैसिलिटी के कंस्ट्रक्शन की देखरेख की। इसके बाद उन्होंने पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाया और रिलायंस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स भी बनवाया।

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    मुकेश अंबानी ने बीच में छोड़ दी थी एमबीए की पढ़ाई

    नई दिल्ली। आज मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Net Worth) एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ इस समय 9.30 लाख करोड़ रुपये है और वे दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। पर क्या आप जानते हैं कि उनकी पहली जॉब क्या थी? उन्होंने अपनी पहली जॉब के लिए पिता के कहने पर एमबीए की पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी। आइए जानते हैं ये दिलचस्प किस्सा।

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    क्या था पहला बिजनेस वेंचर

    मुकेश अंबानी का पहला बड़ा बिजनेस वेंचर सन 1981 में रिलायंस की पहली पॉलिएस्टर फाइबर यार्न (PFY) प्रोडक्शन फैसिलिटी के कंस्ट्रक्शन की देखरेख करना था। तब उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने उन्हें कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में उनके MBA प्रोग्राम से वापस बुला लिया था।

    पढ़ाई छोड़कर लौटे भारत

    1981 में, मुकेश अंबानी स्टैनफोर्ड में अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत लौट आए और पातालगंगा में पॉलिएस्टर फाइबर यार्न प्लांट बनाने के प्रोजेक्ट को लीड किया। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए एक अहम प्रोजेक्ट था, जिसे उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने शुरू किया था।

    फैमिली कंपनी को आगे बढ़ाया

    अंबानी ने अपने पिता की तेजी से बढ़ती फैमिली कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज में मदद करने के लिए पहले साल के बाद अपना MBA प्रोग्राम छोड़ दिया। मुकेश और उनके पिता दोनों का मानना था कि बड़े पैमाने पर बिजनेस चलाने के लिए क्लासरूम की पढ़ाई से ज्यादा प्रैक्टिकल अनुभव एक कीमती टीचर होता है।
    अंबानी ने अपनी बिजनेस की समझ का इस्तेमाल फैक्ट्री बनाने और पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग और दूसरे सेक्टर में कंपनी के ऑपरेशन को बढ़ाने की चुनौतियों में किया।

    दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स

    वो पीएफवाई प्रोजेक्ट उनके फैमिली बिजनेस में एक्टिव लीडरशिप की शुरुआत थी, जहाँ वे पहले से ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में थे। मुकेश अंबानी की गाइडेंस में, रिलायंस का काफी विस्तार हुआ, जिसमें जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स बनाना भी शामिल है। उन्होंने रिलायंस इन्फोकॉम के लॉन्च के साथ कंपनी को टेलीकम्युनिकेशन में भी लीड किया।

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    ग्रीन एनर्जी में विस्तार

    2002 में अपने पिता की मौत के बाद, अंबानी और उनके छोटे भाई अनिल ने परिवार का कारोबार बाँट लिया। मुकेश अंबानी ने रिलायंस को ग्रीन एनर्जी में आगे बढ़ाया है। कंपनी अगले दस साल में रिन्यूएबल एनर्जी पर $80 बिलियन इन्वेस्ट करेगी और अपनी रिफाइनरी के बगल में एक नया कॉम्प्लेक्स बनाएगी।