iPhone से लेकर फिलिप्स एयरफ्रायर तक सब 'Made in India', कुछ सालों में कैसे दिवाली होती गई 'स्वदेशी'; ऐसा है खादी से SUV तक का सफर
एक दशक पहले स्वदेशी (Swadeshi) का अर्थ खादी तक सीमित था, पर अब स्थिति बदल गई है। Diwali 2025 में मेड इन इंडिया iPhone और SUV जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं। सरकार के प्रयासों और कंपनियों के निवेश से भारत में उत्पादन बढ़ा है। GST सुधारों और PLI स्कीम ने भी स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया है। इस दिवाली रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद है, जिसमें भारतीय उत्पादों का दबदबा रहेगा।

भारत में दिवाली पर मेड इन इंडिया का जलवा
नई दिल्ली। एक दशक पहले भारत में स्वदेशी का मतलब सिर्फ खादी और हैंडीक्राफ्ट के प्रोडक्ट्स हुआ करते थे। मगर बीते करीब 10 सालों में स्थिति काफी बद गयी है और इस दिवाली (Diwali 2025), यह बहुत अलग है। इस दिवाली पर आपको स्वदेशी के तौर पर पुणे असेंबली लाइन से निकलती एक फैमिली SUV, बेंगलुरु में असेंबल किया गया iPhone 17 और ‘मेड इन इंडिया’ फिलिप्स एयरफ्रायर भी मिलेगा। ये कैसे संभव हुआ, आइए जानते हैं।
टैरिफ और जियोपॉलिटिक्स
टैरिफ और जियोपॉलिटिक्स से अनिश्चितता का माहौल बन रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में भारतीयों से इस त्योहारों के सीजन में स्वदेशी अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “भारत का सबसे बड़ा दुश्मन दूसरे देशों पर निर्भरता है।”
यही वजह है कि लोग भी अब भारतीय प्रोडक्ट्स पर ज्यादा फोकस करते दिखते हैं।
रिकॉर्ड सेल्स की है उम्मीद
इस साल दिवाली की सेल्स 4.75 लाख करोड़ रुपये के ऑल-टाइम हाई को पार करने की उम्मीद है, जिसमें ज्यादातर इंडियन-मेड सामान का हिस्सा होने की उम्मीद है।
नए GST रिफॉर्म्स, जिनका मकसद माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) को सपोर्ट करना है, ने इंडियन-मेड प्रोडक्ट्स की तरफ रुझान को और बढ़ा दिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के सेक्रेटरी जनरल और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल, PM की बातों से सहमत हैं।
आईफोन की मार्केट पर जोरदार पकड़
स्वदेशी को तब अधिक बढ़ावा मिलता है जब सबसे अधिक फेमस प्रोडक्ट्स में से एक, लेटेस्ट iPhone, मेड इन इंडिया स्टैम्प के साथ आता है। कुछ साल पहले तक ये प्रोडक्ट लगभग पूरी तरह से इम्पोर्ट होता था। आज, कैनालिस के डेटा के अनुसार, यहां असेंबल किए गए डिवाइस US स्मार्टफोन इम्पोर्ट का 44% हिस्सा हैं, जो पिछले साल 13% था।
भारत से हो रहा आईफोन का एक्सपोर्ट
अमेरिकन कंपनी Apple इस बदलाव के सेंटर में है। कभी लगभग सभी iPhone प्रोडक्शन के लिए वो चीन पर निर्भर थी, मगर अब यह हर पांच में से एक iPhone भारत में बनाती है।
FY25 में, इसने भारत में $22 बिलियन के डिवाइस असेंबल किए, जो FY24 से 60% ज्यादा है। इनमें से लगभग 80% एक्सपोर्ट किए गए। जब से सरकार की स्मार्टफोन प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम 2021 में लॉन्च हुई है, Apple के वेंडर्स ने $45 बिलियन से ज्यादा का प्रोडक्शन और $34 बिलियन का एक्सपोर्ट पार कर लिया है।
सैमसंग ने भी खूब किया विस्तार
कोरियाई कंपनी सैमसंग ने भी भारत में अपना विस्तार किया है। इसने 1996 में ग्रेटर नोएडा में अपनी पहली फैसिलिटी से भारत में मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की। पहले ये टीवी और फिर मोबाइल फोन, लैपटॉप, वियरेबल्स और टैबलेट बनाने लगी।
दुनिया भर में, सैमसंग भारत में अपनी दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाता है और एप्पल के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा हैंडसेट एक्सपोर्टर है।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स लगाएगी तीसरा प्लांट
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की प्रमुख कंपनी LG इलेक्ट्रॉनिक्स की नोएडा और पुणे में दो फैक्ट्रियां हैं। यहां ये टीवी और रेफ्रिजरेटर से लेकर वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर तक सब कुछ बनाती हैं। कंपनी तीसरा प्लांट 2026 तक आंध्र प्रदेश में तैयार करेगी, जिससे दक्षिण कोरियाई बड़ी कंपनी के लिए ग्लोबल सप्लाई बेस के तौर पर भारत की भूमिका पक्की हो जाएगी।
श्नाइडर इलेक्ट्रिक का भारत पर फोकस
फ्रेंच टेक कंपनी श्नाइडर इलेक्ट्रिक भी मेड इन इंडिया पर जोर दे रही है। इसके रिटेल प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का लगभग 80-85% लोकल लेवल पर बनाया जाता है। भारत श्नाइडर इलेक्ट्रिक के चार ग्लोबल हब में से एक है, जहाँ 39,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इस कंपनी की अभी भारत में 31 मैन्युफैक्चरिंग साइट्स हैं और ये तीन और साइट्स जोड़ने का प्लान बना रही है।
बता दें कि स्कोडा, होंडा जैसी विदेशी ऑटोमेकर और टाटा-मारुति समेत घरेलू कंपनियां भी जमकर प्रोडक्शन कर रही हैं, जिससे घरेलू कार उत्पादन बढ़ रहा है। ऑटो सेगमेंट में भारत मेड इन इंडिया में काफी आगे है।
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