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    उत्तर भारत का सबसे बड़ा बाजार, आधी कीमत में खरीदें सुईं से लेकर महंगे इलेक्ट्रिक आइटम्स तक, 350 साल पुराना इतिहास

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:09 PM (IST)

    दिल्ली का सदर बाजार (Sadar Bazar History) घरेलू उपकरण सजावट और इलेक्ट्रिक आइटम के लिए प्रसिद्ध है। मुगल काल में स्थापित यह बाजार थोक और खुदरा खरीदारी के लिए एक लोकप्रिय केंद्र है। यहाँ घरेलू उत्पाद खिलौने कॉस्मेटिक्स कपड़े और आर्टिफिशियल ज्वैलरी सहित विभिन्न प्रकार के सामान मिलते हैं। सदर बाजार में ज्यादातर सामान चीन से आयात किया जाता है। त्योहारी सीजन में बिक्री दोगुनी हो जाती है।

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    300 साल से ज्यादा पुराना है सदर बाजार का इतिहास

    नई दिल्ली। दिल्ली का सदर बाजार (Sadar Bazar History) घरेलू इक्विपमेंट, सजावट का सामान और इलेक्ट्रिक आइटम के लिए फेमस है। लोग इस बाजार को सस्ते आइटम्स के लिए ज्यादा पसंद करते हैं। रिटेल या होलसेल, आप जैसे चाहें यहां शॉपिंग कर सकते हैं।

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    इस बाजार के इतिहास की जड़ें मुगल काल में जाती हैं। सदर बाजार को एक "सेना बाजार" के तौर पर शुरू किया गया था, जहाँ रोजमर्रा की जरूरत सामान मिलता था। फिर बाद में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में इसका काफी विस्तार हुआ। आइए और विस्तार से जानते हैं इस बाजार के बारे में।

    कौन-कौन से आइटम्स मिलते हैं यहां

    17वीं शताब्दी में शाहजहाँ के दौर में शुरू हुआ ये बाजार एक औपनिवेशिक आपूर्ति केंद्र (Colonial Supply Center) के तौर पर काम करता था। आज ये बाजार इन प्रोडक्ट्स के लिए फेमस है :

    • घरेलू प्रोडक्ट्स
    • इलेक्ट्रिक
    • खिलौने
    • कॉस्मेटिक्स
    • रसोई के बर्तन
    • क्रॉकरी
    • खिलौने
    • कपड़े
    • आर्टिफिशियल ज्वैलरी
    • पार्टी का सामान
    • धार्मिक चीजें

    कहां-कहां से आते हैं ग्राहक

    यूं तो सदर बाजार में देश भर से ग्राहक आते हैं, मगर अधिकतर फुटफॉल उत्तर भारतीयों का देखने को मिलता है। स्थानीय लोगों और दिल्ली तथा आसपास के इलाकों से कभी-कभार शॉपिंग करने वाले और दूसरी जगहों पर यहां का सामान बेचने वाले सस्ते रेट पर सदर बाजार से सामान खरीदना पसंद करते हैं।

    कहां से आता है सामान

    दिल्ली व्यापार महासंघ के प्रेजिडेंट देवराज बावेजा के अनुसार सदर बाजार में अधिकतर सामान आयात किया जाता है। सस्ता, अच्छी क्वालिटी और गुड फिनिशिंग के चलते सदर बाजार में अधिकतर सामान चीन से आयात किया जाता है। वहीं कुछ प्रोडक्ट वियतनाम से भी आते हैं। यहां प्रोडक्शन नाममात्र होता है, जिसमें होजरी प्रमुख है।

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    सदर बाजार में 50000 कारोबारी 

    देवराज बावेजा के मुताबिक सदर बाजार में लगभग 35000 कारोबारी हैं। वहीं एक तबका यहां पटरी पर सामान बेचता है। ऐसे छोटे कारोबारियों की संख्या भी करीब 15000 है, जो सुबह 5 बजे आकर करीब 10 बजे तक पटरी पर अपना सामन बेचते हैं। यानी पूरे सदर बाजार में लगभग 50000 कारोबारी हैं।

    'फेस्टिव सीजन में दोगुनी हो जाती है सेल्स'

    भारत में फेस्टिव सीजन शुरू होने जा रहा है। इस दौरान बाजारों में रौनक और कारोबार बढ़ जाता है। देवराज बावेजा बताते हैं कि फेस्टिव सीजन में सदर बाजार की सेल्स दोगुना तक बढ़ जाती है। जाहिर सी बात है कि ये कारोबारियों के लिए काफी बढ़िया समय होता है।

    फेस्टिव सीजन में इलेक्ट्रिक लाइटिंग और सजावट के सामने की मांग सबसे ज्यादा बढ़ जाती है।