इस शख्स ने शुरू की थी LG, जिसने निवेशकों पर बरसाया पैसा; एसी-फ्रिज-वॉशिंग मशीन नहीं मेक-अप क्रीम था पहला प्रोडक्ट
आज भारतीय शेयर बाजार में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की लिस्टिंग (LG Electronics Listing Price) हो गयी। इसकी पैरेंट कंपनी है साउथ कोरिया की एलजी कॉर्प, जिसकी शुरुआत सन 1947 में कू इन-ह्वोई ने की थी। आज एलजी का कारोबार 80 से अधिक देशों में फैला है। ये कई सब्सिडियरी कंपनियों के जरिए अपने कारोबार को ऑपरेट करती है।

एलजी कंपनी की शुरुआत किसने और कब की थी
नई दिल्ली। आज एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics IPO Listing) की लिस्टिंग हो गयी। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की लिस्टिंग 50 फीसदी से अधिक प्रीमियम पर हुई। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की पैरेंट एक विदेशी कंपनी है। इसकी पैरेंट कंपनी है साउथ कोरिया की एलजी कॉर्पोरेशन, जिसे पहले लकी-गोल्डस्टार के नाम से जाना जाता था। मगर ये इसका पहला नाम नहीं है।
ये एक साउथ कोरियन मल्टीनेशनल ग्रुप है जिसकी शुरुआत कू इन-ह्वोई (LG Founder Koo In-hwoi) ने 1947 में की थी। आइए जानते हैं कि अब कौन इस कंपनी का बिजनेस संभालता है।
कू इन-ह्वोई का परिवार संभालता है बिजनेस
कू इन-ह्वोई का परिवार ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस कंपनी को संभालता रहा है। यह दक्षिण कोरिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। इसका हेडक्वार्टर सियोल के येओइदो-डोंग, येओदेउंगपो जिले में एलजी ट्विन टावर्स बिल्डिंग में है।
एलजी कॉर्प इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, घरेलू इक्विपमेंट और टेलीकम्युनिकेशंस प्रोडक्ट बनाती है।
80 से अधिक देशों में फैला है कारोबार
एलजी का कारोबार 80 से अधिक देशों में फैला है। एलजी कई सब्सिडियरी कंपनियों के जरिए अपने कारोबार को ऑपरेट करती है। इनमें एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, जेनिथ, एलजी डिस्प्ले, एलजी यूप्लस, एलजी इनोटेक, एलजी केम, एलजी एनर्जी सॉल्यूशन और एलजी एआई रिसर्च जैसी शामिल हैं।
क्या था पहला प्रोडक्ट
एलजी कॉर्पोरेशन की शुरुआत सन 1947 में कू इन-ह्वोई ने 'लाक हुई केमिकल इंडस्ट्रियल कॉर्प' ( Lak Hui Chemical Industrial Corp) नाम से की थी। इसका पहला प्रोडक्ट "लकी क्रीम" था, जो पहली कोरियाई मेक-अप क्रीम थी।
फिर सन 1952 में, लाक हुई प्लास्टिक इंडस्ट्री में एंट्री करने वाली पहली दक्षिण कोरियाई कंपनी बन गई। कंपनी ने अपने प्लास्टिक बिजनेस का विस्तार किया और सन 1958 में गोल्डस्टार कंपनी लिमिटेड की स्थापना की। 1983 में लकी और गोल्डस्टार दोनों कंपनियों का विलय लकी-गोल्डस्टार के रूप में हुआ।
कैसे पड़ा LG नाम
कू इन-ह्वोई ने 1969 में अपने निधन तक एलजी का नेतृत्व किया। फिर उसके बाद उनके बेटे कू चा-क्यूंग ने कंपनी को संभाला। कू चा-क्यूंग ने 1995 में अपने बेटे कू बॉन-मू को नेतृत्व सौंपा। कू बॉन-मू ने उसी साल कंपनी का नाम बदलकर एलजी कर दिया।
कंपनी ने तब एलजी का कंपनी की टैगलाइन "लाइफ्स गुड" के साथ ट्रेडमार्क हासिल किया। 2009 से LG के पास LG.com डोमेन भी है।
अब किसके हाथ में है कमान
कू बॉन-मू की 20 मई 2018 को ब्रेन ट्यूमर से मृत्यु हो गई। उनके बाद जुलाई 2018 में, यह घोषणा की गई कि कू बॉन-मू के भतीजे और गोद लिए पुत्र कू क्वांग-मो, एलजी के नए सीईओ होंगे। कू बॉन-मू ने 1994 में अपने इकलौते बेटे को खोने के बाद 2004 में अपने भतीजे को गोद लिया था। अब कू क्वांग-मो के हाथ में ही कंपनी की कमान है।
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