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    अदाणी जिसे खरीदने से चूके, उसने ₹13000 करोड़ में बनाया था Yamuna Expressway; खुद इतने में बिकी JP Associates

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:53 AM (IST)

    JP Associates नाम इस समय चर्चा में है। कारण है कि दिवालिया हो चुकी यह कंपनी अब बिक चुकी है। 13000 करोड़ रुपये में इसने नोएडा से आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस वे (Who Built Yamuna Expressway) का निर्माण किया था। लेकिन खुद जेपी एसोसिएट्स ₹17000 करोड़ में बिकी। इसे खरीदने की बोली अदाणी नहीं बल्कि अनिल अग्रवाल की वेदांता ने जीती है।

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    जिसे खरीदने के लिए हाथ मलते रहे अदाणी, उसने बनाया यमुना Expressway; ₹13000 थी लागत; ₹17000 करोड़ में खुद बिकी

    नई दिल्ली। Who Built Yamuna Expressway: गौतम अदाणी ने एक कंपनी को खरीदने की कोशिश की थी। उनका नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन फिर चुपके से वेदांता के अनिल अग्रवाल आते हैं और बाजी मार ले जाते हैं। ये कंपनी दिवालिया हो चुकी थी।

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    कोर्ट के आदेश के बाद इसे खरीदने के लिए बोलीदाता आगे आए थे। इस कंपनी का नाम है JP Associates। यह जेपी ग्रुप की पैरेंट कंपनी है। जेपी एसोसिएट्स ने ही नोएडा से आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस वे को बनाया था। इसकी लागत करोड़ों में थी। जेपी ने जितने में ये एक्सप्रेस वे बनाया, उससे मात्र 4 हजार रुपये अधिक में वह खुद बिकी।

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    यमुना एक्सप्रेसवे परियो केवल नोएडा जना की परिकल्पना नया फिर कहें कि दिल्ली और आगरा (Delhi To Agra) के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए की गई है। बल्कि इस क्षेत्र के औद्योगिक और शहरी विकास के लिए रास्ते खोलने और पर्यटन तथा अन्य संबद्ध उद्योगों के लिए आधार प्रदान करने के लिए भी की गई है।

    2001 में की गई थी यमुना एक्सप्रेस वे को बनाने की परिकल्पना

    ग्रेटर नोएडा और आगरा के बीच यमुना Expressway परियोजना, सबसे लंबा प्रवेश नियंत्रित छह लेन कंक्रीट फुटपाथ एक्सप्रेसवे की कल्पना उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2001 में की गई थी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए, UP सरकार ने सांविधिक निकाय, ताज एक्सप्रेस वे प्राधिकरण (TEA) का गठन 20 अप्रैल, 2001 को किया गया था। बाद में इसे बदलकर यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण (YEA) कर दिया गया था।

    Yamuna Expressway को बनाने में कितने रुपये खर्च हुए थे?

    यमुना एक्सप्रेसवे की कुल लागत (Yamuna Express Way Cost) लगभग 13,000 करोड़ रुपये है। इसकी रियायत अवधि 36 वर्ष है। यानी जेपी ग्रुप ने इसे बनाने के लिए 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन आज के हिसाब से यह कीमत और अधिक बढ़ गई है। आज इसकी लागत 20 हजार करोड़ के पार भी जा सकती है। लेकिन यहां पर एक बात गौर करने वाली है कि जिसे JP Associates ने नोएडा को आगरा या फिर कहें दिल्ली को आगरा से जोड़ने के लिए 13 हजार करोड़ रुपये मेंं एक्सप्रेस वे बनाया था, आज वही कंपनी मात्र 17 हजार करोड़ रुपये में बिकी।

    165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस वे का विकास जेपी समूह द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बनाया गया है। टीईए और जेआईएल (Jaiprakash Industries Limited) के बीच रियायत समझौता 7 फरवरी, 2003 को संपन्न हुआ था। और 2012 में यह बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था। इसी साल इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था।

    जिसने बनाया यमुना एक्सप्रेस वे उसे वेदांता ने 17 हजार करोड़ में खरीदा

    JP Associates ने यमुना एक्सप्रेस वे को 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया था। लेकिन आज यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है। इसकी बोली लगी थी। और बोली वेदांता ग्रुप ने जीती। अनिल अग्रवाल ने इसके लिए 17 हजार करोड़ रुपये झोंक दिए। 17 हजार करोड़ की शॉपिंग में वेदांता को बहुत कुछ मिलेगा।

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