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    JP Associates क्यों नहीं खरीद पाए गौतम अदाणी, अनिल अग्रवाल से हैं 46 गुना अधिक दौलतमंद; कैसे पलटी बाजी?

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 04:57 PM (IST)

    जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण (JP Associates acquisition) को लेकर गौतम अदाणी का नाम सबसे आगे था लेकिन अंतिम बोली वेदांता ने जीती। अनिल अग्रवाल की वेदांता ने 17000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अदाणी को पछाड़ दिया। प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी मिलने के बाद भी अदाणी (Why Adani not buy Jaypee) क्यों चूक गए।

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    JP Associates क्यों नहीं खरीद पाए अनिल अग्रवाल से 46 गुना अधिक दौलतमंद गौतम अदाणी।

    नई दिल्ली। पिछले 3 महीने से जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) के अधिग्रहण की बहुत चर्चा हुई। JP एसोसिएट्स के जब-जब बिकने की बात हुई तब-तब गौतम अदाणी का नाम सबसे पहले लिया जा रहा था। लेकिन जब आखिरी बोली लगी तो जिसने सुना वह हक्का-बक्का रह गया!

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    पता चला कि अदाणी ग्रुप का कहीं नाम ही नहीं है और JP एसोसिएट्स को खरीदने की बोली वेदांता ने जीत ली है। वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल हैं।

    कैसे अदाणी के हाथ से फिसली JP एसोसिएट्स

    JP एसोसिएट्स का भी सीमेंट सेक्टर में बड़ा नाम था। ऐसे में अंबुजा सीमेंट, ACC, Sanghi Industries , Penna Cement जैसी कंपनियों को धड़ाधड़ खरीदने वाला अदाणी ग्रुप इस कंपनी को भी खरीदने की पूरी तैयारी में था।

    अधिग्रहण की पूरी के बाद यकीन था कि अब तो अदाणी ही इसके अगले मालिक होंगे। ऐसे में आपके भी मन में सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अदाणी जेपी एसोसिएट्स को खरीदने में चूक गए है।

    ऐसे चली बोली की प्रक्रिया

    बता दें देश के अरबपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) को हालही में जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से अहम मंजूरी मिली थी।

    जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड के कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) यानी ऋणदाताओं की उन्नीसवीं बैठक में भी सभी प्रस्ताव पारित हो गए थे।

    हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया था कि कंपनियों को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत रेजोल्युशन प्लान पेश करने से पहले सीसीआई की मंजूरी लेनी होगी। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) द्वारा योजना पर मतदान से पहले यह मंजूरी लेनी होगी।

    जेएएल की बिक्री प्रक्रिया में शुरुआती चरण में कई दिग्गज कंपनियां जैसे अदाणी समूह, वेदांता समूह, डालमिया भारत, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल थीं।

    JAL को खरीदने की शुरुआत ₹12,000 करोड़ के न्यूनतम मूल्य की बोली से हुई थी। लेकिन, अंतिम दौर की ऊंची बोली केवल अदाणी और वेदांता ने लगाई।

    वेदांता ने 17000 करोड़ रुपये की ऊंची बोली लगाई

    इसके बाद पांच सितंबर को हुई सीओसी की बैठक में चुनौती प्रक्रिया पूरी की गई, जिसमें वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की ऊंची बोली लगाकर अदाणी को पीछे छोड़ दिया।

    अदाणी इस ऊंची बोली में भाग नहीं। इस बोली ने कंपनी के एनपीवी को 12,505 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। बता दें कि वित्तीय ऋणदाताओं ने जेएएल पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का दावा किया हुआ है। इस तरह जेपी एसोसिएट्स अब वेदांता की हो गई है।

    अनिल अग्रवाल Vs गौतम अदाणी दौलत

    अनिल अग्रवाल, गौतम अदाणी की दौलत की बात तो आगे गौतम अदाणी हैं। फोर्ब्स रियल टाइम नेटवर्थ के मुताबिक दौलत के मामले में दुनिया के 29वें सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं।

    गौतम अदाणी की नेटवर्थ 60.6 बिलियन डॉलर (5,34,303 रुपये) है। वहीं अनिल अग्रवाल दुनिया के 2609वें सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की नेटवर्थ 1.3 बिलियन डॉलर (11461 करोड़ रुपये) है।

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