JP Associates को मिला नया मालिक, इस उद्योगपति ने गौतम अदाणी की मुट्ठी से छीन ली डील; झोंक दिए 17000 करोड़
वेदांता ने अदाणी को पीछे छोड़ते हुए जयप्रकाश एसोसिएट्स (Vedanta JAL acquisition) को खरीदने के लिए 17000 करोड़ रुपये की बोली लगा कर जीत हासिल की है। वेदांता की इस बोली ने अदाणी ग्रुप की बोली को पछाड़ (Vedanta acquisition Jaiprakash Associates) दिया। यह जेएएल के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देता है। वेदांता अब जेएएल के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगी।

नई दिल्ली। वेदांता ग्रुप ने गौतम अदाणी समूह को पछाड़कर कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash associates news) का अधिग्रहण कर लिया है। माइनिंग सेक्टर और खदानों से एल्यूमिनियम, तांबा जैसी धातुओं को निकालने वाली वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल (Jaiprakash Associates new owner) इसके नए मालिक होंगे। वेदांता (who buys JP) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए 17000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इस तरह अदाणी समूह को पछाड़कर उसका एनपीवी 12,505 करोड़ रुपये हो गया।
PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि रियल एस्टेट, सीमेंट, बिजली, होटल और सड़क क्षेत्र में काम करने वाली JAL को कर्ज भुगतान में चूक के बाद दिवालिया कार्यवाही में घसीटा गया था। जेएएल को लोन देने वालों ने IBC के तहत कंपनी की बिक्री के लिए एक चुनौती प्रक्रिया आयोजित की।
केवल दो समूह ने लगाई सबसे ऊंची बोली
इस प्रक्रिया में कई बोलीदाताओं ने भाग लिया, लेकिन अंत में केवल दो कंपनियों अदाणी और वेदांता समूह ने ही सबसे ऊंची बोलियां लगाईं। आखिरकार वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की बोली लगा कर जीत हासिल की है।
वित्तीय लेनदारों ने 57,185 करोड़ रुपये के बकाया का दावा किया है। भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्षता वाले एक संघ से JAL के फंसे हुए लोन को पाने के बाद, नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) दावेदारों की लिस्ट में सबसे आगे है।
यह भी पढें: जून में 7 और अब अगस्त में 16 रुपये का डिविडेंड दे रही ये कंपनी, इस तारीख से पहले खरीदने होंगे शेयर
इन 5 बड़े समूह ने JP कंपनी को खरीदने की लगाई बोली
अदाणी समूह, डालमिया भारत, वेदांता समूह, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक ने जेएएल को खरीदने के लिए बोलियां लगाई थीं। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के 3 जून, 2024 के आदेश के माध्यम से जेएएल को कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल किया गया था। समूह द्वारा लोन के भुगतान में चूक के बाद, इसे दिवालियेपन की कार्यवाही में ले जाया गया।
गौतम अदाणी के हाथों कैसे निकली डील
गौतम अदाणी (Gautam Adani) जयप्रकाश एसोसिएट को खरीदने में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में दिख रहे है। वेदांता को इसका अधिग्रहण मिलना मानों अदाणी के मुट्टी से जीती हुई बाजी का छीनना जैसे है। हालही में अदाणी समूह को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से अहम मंजूरी मिली थी। (why Adani not buy JP) हालांकि यह सैद्धांतिक मंजूरी ही थी। और आयोग ने कहा था कि बशर्ते अदाणी ग्रुप दिवालियापन प्रकिया में जीत हासिल कर ले।
जेएएल के पास क्या-क्या
जेएएल (Jaiprakash associates subsidiaries) के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा (दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में) और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शामिल हैं, जो आगामी जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हैं।
दिल्ली-एनसीआर में इसके तीन कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल ऑफिस भी हैं, जबकि इसके होटल विभाग की दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में 5 प्रॉपर्टी हैं।
जेपी के MP और UP में 4 प्लांट
जेएएल के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट संयंत्र हैं। मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। हालांकि, ये सीमेंट संयंत्र बंद हैं। इसने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड, जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड और कई अन्य सहायक कंपनियों में भी निवेश किया है।
यह भी पढ़ें: 'रूस से तेल आना नहीं होगा बंद', ट्रंप की धमकी पर निर्मला सीतारमण ने दिया सीधा जवाब
वेदांता शेयर प्राइस
वेदांता शेयर आज 2.32 फीसदी की तेजी देखने को मिली। यह 445.80 रुपये पर बंद हुआ। इस डील के बाद जब सोमवार को शेयर बाजार खुलेगा तो इसके शेयर में गजब का एक्शन दिख सकता है। यह कंपनी डिविडेंड देने के लिए निवेशकों के बीच बहुत फेमस है। वेदांता शेयर ने 5 साल में 254 फीसदी का रिटर्न दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।