सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'अदाणी को सौपेंगे कमान'...जयप्रकाश एसोसिएट्स के लेनदारों ने वेदांता के बजाय अदाणी एंटरप्राइजेज को क्यों चुना? इस वजह से बदला मन

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 10:11 AM (IST)

    जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates News) के लेनदारों ने अदाणी एंटरप्राइजेज को चुना है, हालांकि वेदांता ने अधिक बोली लगाई थी। लेनदारों ने अदाणी को इसलिए चुना क्योंकि उन्होंने तत्काल भुगतान की पेशकश की थी। जयप्रकाश एसोसिएट्स पर लेनदारों का 55,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इस फैसले की कानूनी जांच हो सकती है, लेकिन अदालतों ने पहले लेनदारों के व्यावसायिक निर्णय का समर्थन किया है।

    Hero Image

    अदाणी एंटरप्राइजेज को मिल सकती है जयप्रकाश एसोसिएट्स की कमान

    नई दिल्ली। जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates News) के बिकने की डील में एक नया और दिलचस्प मोड़ आ गया है। दरअसल जयप्रकाश एसोसिएट्स के लेनदारों ने सर्वसम्मति से अदाणी एंटरप्राइजेज के पक्ष में वोट किया है। यानी वे कंपनी का कंट्रोल वेदांता के बजाय अदाणी एंटरप्राइजेज को सौंपना चाहते हैं।
    हालांकि वेदांता सितंबर में इलेक्ट्रॉनिक नीलामी में 17,000 करोड़ रुपये के ऑफर के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में सामने आई थी। पर क्यों लेनदारों ने वेदांता के बजाय अदाणी एंटरप्राइजेज को चुना? आइए जानते हैं इसकी वजह।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदाणी को क्यों चुना

    रिपोर्ट्स के अनुसार जयप्रकाश एसोसिएट्स के लेनदारों ने अदाणी एंटरप्राइजेज को इसलिए चुना क्योंकि इसने ज्यादा अपफ्रंट पेमेंट्स की पेशकश की है। अदाणी एंटरप्राइजेज की बोली का नेट प्रेजेंट वैल्यू वेदांता की तुलना में लगभग ₹500 करोड़ कम रहा।
    पिछले हफ्ते लेनदारों की समिति द्वारा तैयार की गई स्कोर शीट में अदाणी एंटरप्राइजेज को सबसे ज्यादा अंक दिए गए। कुछ लेनदारों ने स्कोरिंग सिस्टम को ही चुनौती दे दी।

    ₹55,000 करोड़ का कर्ज है बकाया

    नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, जयप्रकाश एसोसिएट्स की सबसे बड़ी लेनदार है। जेएएल पर लेनदारों का ₹55,000 करोड़ बकाया है। कंपनी को पिछले साल जून में दिवालिया कार्यवाही के लिए स्वीकार किया गया था। इसका प्रबंधन डेलॉइट के सपोर्ट वाले रेजोल्यूशन प्रोफेशनल भुवन मदान द्वारा किया जा रहा है।

    हो सकती है जांच

    रिपोर्ट्स के अनुसार अदाणी एंटरप्राइजेज को वोट देने के लेनदारों के फैसले की कानूनी रूप से जांच की जा सकती है, क्योंकि यह सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी नहीं थी। हालाँकि, कुछ मामलों में अदालतों ने जयप्रकाश जैसी कंपनियों की बिक्री के मामले में लेनदारों के कारोबारी इंटेलिजेंस पर ही भरोसा जताया है।
    बता दें कि अदाणी और वेदांता के अलावा डालमिया भारत, नवीन जिंदल की जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक भी जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए बोली लगा चुकी हैं। शुरुआत में डालमिया भारत सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी, लेकिन कहा गया कि उसकी पेशकश में कुछ शर्त थी। बाद में हुई इलेक्ट्रॉनिक नीलामी में उसने हिस्सा नहीं लिया।

    ये भी पढ़ें - खुलने से पहले ही दहाड़ रहा एक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज IPO का GMP, इतनी कमाई की उम्मीद; सब्सक्राइब करें या नहीं?

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें