करेंसी नोटों से 4 जीरो हटाएगा ये देश, 10000 वाला सामान 1 में मिलेगा; महंगाई ने कर दिया मजबूर
ईरान की संसद ने रियाल (Iran Currency News) से 4 जीरो हटाने का बिल पास कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य बढ़ती महंगाई को देखते हुए वित्तीय लेन-देन को सरल बनाना है। वर्तमान में 1 अमेरिकी डॉलर 1150000 ईरानी रियाल के बराबर है। चार जीरो हटने के बाद यह 115 ईरानी रियाल के बराबर होगा। पुराने और नए रियाल दोनों ही अधिकतम 3 वर्षों तक प्रचलन में रहेंगे।

नई दिल्ली। क्या हो अगर कल से 500 रुपये के नोट से जो जीरो हट जाएं और वो 5 रुपये का हो जाए, मगर उससे आप वही सामान खरीद सकें, जो 500 रुपये के नोट से खरीदते थे। होगा न ये बहुत अजीब। ईरान कुछ ऐसा ही करने जा रहा है।
दरअसल ईरान की संसद ने रविवार 5 अक्टूबर 2025 को अपनी राष्ट्रीय मुद्रा 'रियाल' से 4 जीरो हटाने से जुड़ा बिल पास कर दिया। इस समय एक अमेरिकी डॉलर 1,150,000 ईरानी रियाल के बराबर है। ईरानी रियाल से चार जीरो हटाने का मतलब होगा कि अब एक अमेरिकी डॉलर 115 ईरानी रियाल (Iran Currency News) के बराबर होगा। ईरान ने मॉनेटरी एंड बैंकिंग लॉ में संशोधन करने वाले विधेयक को पारित कर दिया, जिसके पक्ष में 144 और विपक्ष में 108 मत पड़े।
क्यों लिया गया ये फैसला
बढ़ती महंगी को देखते हुए फाइनेंशियल लेन-देन को आसान बनाने और बैंक नोटों की एफिशिएंसी में सुधार लाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह सुधार मौद्रिक और बैंकिंग कानून में संशोधन करके रियाल को 10,000 मौजूदा रियाल के बराबर परिभाषित करता है और एक नई सब-यूनिट, किरन या घेरन, जो एक रियाल के सौवें हिस्से के बराबर है, की शुरुआत करता है।
दोनों मुद्राएं चलती रहेंगी
नए नियम के तहत, पुराने और नए दोनों रियाल एक ट्रांजिशन पीरियड के दौरान अधिकतम 3 वर्षों तक सर्कुलेशन में रहेंगे। ईरान के केंद्रीय बैंक (सीबीआई) को अधिनियमन के 2 वर्षों के भीतर ऑपरेशनल प्रोसीजर्स स्थापित करनी होंगी और आधिकारिक मीडिया के जरिए इस बदलाव की शुरुआत की पब्लिक घोषणा करनी होगी।
ये हैं अहम बातें
- ईरान की मुद्रा का नाम रियाल ही रहेगा और 4 जीरो हटाने का फैसला रातोंरात लागू नहीं होगा
- चार जीरो हटने से रियाल की यूनिट छोटी होगी। फिलहाल जिस चीज को 10,00,000 रियाल में खरीदा जाता है, वो बाद में 100 रियाल में मिलेगी, क्योंकि 4 जीरो हट जाएंगी
- 4 जीरो हटने से संख्याएं छोटी होंगी और लेन-देन की फाइनेंशियल यूनिट को समझना आसान होगा। इससे खरीदारी और फाइनेंशियल प्लानिग आसान होगी
- इस फैसले से केवल मुद्रा की यूनिट बदलेगी, न कि उसका असल मूल्य। यानी रियल वैल्यू उतनी ही रहेगी, जितनी अभी है
- इसके अलावा कंप्यूटर और मोबाइल ऐप में अधिक संख्या वाले नंबर कम होने से कैलकुलेशन कम होगी
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वेनेजुएला भी उठा चुका ये कदम
यह फैसला ईरानी संसद द्वारा मई 2020 में आधिकारिक मुद्रा को 'तोमान' में बदलने के विधेयक को मंजूरी दिए जाने के पाँच साल बाद उठाया गया है, जो 10,000 रियाल के बराबर है। ईरान में उच्च मुद्रास्फीति ने बैंक नोटों की उपयोगिता को बहुत कम कर दिया है।
बता दें कि इसी तरह की चुनौतियों का सामना करते हुए, वेनेजुएला ने अक्टूबर 2021 में अपनी मुद्रा से छह शून्य हटा दिए थे।
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