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    भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, चावल की कमी से जूझ रहे बांग्लादेश का दिया साथ; भेज दिए चावल से भरे सैकड़ों ट्रक

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 06:43 PM (IST)

    India rice aid to Bangladesh बांग्लादेश द्वारा शुल्क-मुक्त चावल आयात की अनुमति देने के निर्णय के बाद भारतीय चावल की कीमतों में दो दिनों में 14% तक की वृद्धि हुई है। दरअसल पड़ोसी बांग्लादेश में चावल की कमी हो गई थी जिसके चलते वहां कीमतें आसमान छू रही थी। इसे देखते हुए भारतीय व्यापारियों ने चावल से भरे ट्रक बांग्लादेश भेजे।

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    भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, चावल की कमी से जूझ रहे बांग्लादेश का दिया साथ

    नई दिल्ली। चावल की कमी से जूझ हे बांग्लादेश का एक बार फिर से भारत ने साथ दिया है। हिंदुस्तान के व्यापारियों ने बांग्लादेश को ट्रकों-ट्रक चावल (India-Bangladesh rice aid) भेजे। इसके चलते हिंदुस्तान में चावल की दाम बढ़ गए। हालांकि, बांग्लादेश में चावल की बहुत कमी थी, जिसके चलते वहां 20 फीसदी तक चावल के दाम बढ़ गए थे। ऐसे में भारत ने चावल देकर एक बार फिर से दरियादिली दिखाई है।

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    बांग्लादेश में चावल की कमी थी। इसलिए भारत के व्यापारियों ने ट्रकों ट्रक चावल बांग्लादेश भेज दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय बाजार में चावल की आपूर्ति तात्कालिक रूप से बाधित हुई। और दो दिनों में इसके दाम 14 प्रतिशत तक बढ़ गए। बांग्लादेश को चावल देने की वजह से भारत में होने वाले हर एक किस्म का चावल थोड़ा महंगा हुआ है।

    बांग्लादेश ने हटाया आयात शुल्क

    मोहम्मद युनुस की अंतरिम सरकार ने बुधवार को इंपोर्ट ड्यूटी हटाने (duty-free rice export) की आधिकारिक घोषणा की। इसकी वजह से तत्काल शिपमेंट शुरू हो गया। बांग्लादेश द्वारा 5,00,000 टन चावल के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति देने के बाद, व्यापारी इसे निर्यात करने के लिए दौड़ पड़े। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से घरेलू आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान पैदा हुआ है, जिससे प्रमुख किस्मों की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं।

    पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के व्यापारियों के अनुसार, उन्हें पहले से जानकारी थी कि ढाका चावल पर 20% आयात शुल्क हटाने की योजना बना रहा है, जिसके कारण उन्होंने पेट्रापोल-बेनापोल सीमा के पास स्टॉक जमा कर लिया।

    भारत में किस चावल की कितनी बढ़ी कीमत

    उपभोक्ता स्तर पर स्वर्ण किस्म की कीमत 34 रुपये से बढ़कर 39 रुपये प्रति किलोग्राम, मिनिकेट 49 रुपये से 55 रुपये, रत्ना 36-37 रुपये से 41-42 रुपये और सोना मसूरी 52 रुपये से 56 रुपये हो गई हैं।

    राइस विला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड ने बुधवार दोपहर को घोषणा की और उसी रात भारत से ट्रक चलने लगे। उन्होंने कहा, "लॉजिस्टिक्स और लागत के लिहाज से पेट्रापोल-बेनापोल सीमा के जरिए चावल निर्यात करना ज्यादा प्रतिस्पर्धी है।" उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के मिल मालिक इस रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    निर्यात के बावजूद अच्छी स्थिति में है चावल का भंडार

    निर्यात में उछाल के बावजूद, भारत के चावल का भंडार अच्छा बना हुआ है। आंध्र प्रदेश के एक चावल मिल मालिक सीके राव ने पुष्टि की कि उनके ट्रक गुरुवार सुबह बांग्लादेश के लिए रवाना हो गए।

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