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    'हमारे किसी भी पोर्ट से इजाजत नहीं..', बांग्लादेश पर भारत का पलटवार, प्रतिबंध लगा इस सेक्टर पर गिराई गाज!

    अब बांग्लादेश से जूट के कपड़े (Bangladesh jute import restriction ) रस्सी और बोरे भारत में सिर्फ न्हावा शेवा बंदरगाह (Nhava Sheva Port) के रास्ते ही आ सकेंगे। भारत-बांग्लादेश सीमा के किसी भी लैंड पोर्ट से इन सामानों को लाने की इजाजत नहीं होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने सोमवार को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया और ये नियम तुरंत लागू हो गया।

    By Ankit Kumar Katiyar Edited By: Ankit Kumar Katiyar Updated: Wed, 13 Aug 2025 01:13 AM (IST)
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    भारत ने बांग्लादेश के जूट सामान पर सख्ती करते हुए बड़ा फैसला लिया है।

    नई दिल्ली | India jute import ban : भारत ने बांग्लादेश के जूट सामान पर सख्ती करते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब बांग्लादेश से जूट के कपड़े, रस्सी और बोरे भारत में सिर्फ न्हावा शेवा बंदरगाह (Nhava Sheva Port) के रास्ते ही आ सकेंगे।

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    भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) के किसी भी लैंड पोर्ट से इन सामानों को लाने की इजाजत नहीं होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने सोमवार को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया, और ये नियम तुरंत लागू हो गया। 

    डीजीएफटी के जारी नोटिफिकेशन में लिखा है कि, "बांग्लादेश से आने वाले सामानों को भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर किसी भी लैंड पोर्ट से लाने की अनुमति नहीं होगी। इसे सिर्फ न्‍हावा शेवा पोर्ट से ही लाया जा सकता है।" इसका मतलब यह है कि अब जूट से बने कपड़े, रस्सी और बोरे सिर्फ न्‍हावा शेवा पोर्ट से ही भारत में आ सकेंगे।

    भारत सरकार ने क्या कहा?

    भारत का रुख साफ है कि बांग्लादेश की व्यापार नीतियों से भारत, खासकर उत्तर-पूर्वी राज्यों को नुकसान हो रहा है और अब भारत जवाबी कार्रवाई कर रहा है। पहले बांग्लादेश से जूट का सामान कई लैंड पोर्ट्स के जरिए आसानी से भारत आ जाता था।

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    लेकिन अब नया नियम व्यापार को और मुश्किल बना सकता है। भारत का कहना है कि बांग्लादेश भारतीय सामानों पर कई तरह की पाबंदियां लगाता है, जैसे भारी टैरिफ और लैंड पोर्ट्स से सामान आने पर रोक। इससे उन राज्यों में उद्योगों का विकास नहीं हो पा रहा है।

    पहले भी लगी थीं पाबंदियां

    ये कोई पहला मौका नहीं है। भारत पहले भी बांग्लादेश के रेडीमेड कपड़ों और प्लास्टिक सामान पर ऐसी पाबंदियां लगा चुका है। मई में भारत ने बांग्लादेश के रेडीमेड कपड़ों को सिर्फ कोलकाता और न्हावा शेवा बंदरगाह (Nhava Sheva Port) से लाने की शर्त रखी थी।

    इसके अलावा, कुछ महीने पहले भारत ने एक पांच साल पुराना समझौता भी खत्म कर दिया था, जिसके तहत बांग्लादेश से सामान भारत के बंदरगाहों और हवाई अड्डों से तीसरे देशों में भेजा जाता था। 

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    रिश्तों में बढ़ गया तनाव

    शेख हसीना की सरकार जाने के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते पहले से ही ठीक नहीं चल रहे थे। बांग्लादेश की नीतियों से भारत के कारोबारियों को परेशानी हो रही है, और अब भारत ने भी जवाबी कदम उठाकर सख्त संदेश दे दिया है।

    इस फैसले से दोनों देशों के व्यापार पर असर पड़ेगा, और व्यापारियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का ये कदम दिखाता है कि वह अपनी आर्थिक हितों की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाने को तैयार है।