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    बांग्लादेश ने अडाणी की 'पावर' को दिए 3200 करोड़ रुपये, अभी भी बाकी हैं 4200 करोड़

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 04:14 PM (IST)

    बांग्लादेश सरकार ने अडाणी समूह को बिजली आपूर्ति के लिए 384 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है। इस भुगतान के साथ बांग्लादेश ने अपने बकाया राशि को और भी कम कर दिया है। अभी भी उसके ऊपर 500 मिलियन डॉलर की देनदारी बची हुई है। अडाणी पावर और बांग्लादेश सरकार के बीच 2017 में बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने को लेकर समझौता हुआ था।

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    बांग्लादेश ने अडाणी को दिए 3200 करोड़ रुपये

    नई दिल्ली। बांग्लादेश ने जून में बिजली आपूर्ति समझौते के तहत गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पावर को 384 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है। इतना भुगतान करने के बाद बांग्लादेश ने अडाणी पावर को देने वाले बकाया राशि को और कम कर दिया है। इस भुगतान के साथ, बांग्लादेश ने अडाणी पावर का लगभग 2 बिलियन डॉलर की कुल बिल राशि में से लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का निपटान कर दिया है। अभी भी उसे अडाणी पावर को 500 मिलियन डॉलर देने होंगे। अभी पूरी तरह से उसका बकाया खत्म नहीं हुआ है।

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    सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष कोयले की लागत और संयंत्र क्षमता गणना से जुड़े कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा कर रहे हैं।  बांग्लादेश के 384 बिलियन डॉलर का पेमेंट करने के बाद  भारतीय कंपनी के साथ बिजली आपूर्ति समझौते के तहत बकाया राशि में उल्लेखनीय कमी आई।

    लेट पेमेंट किया माफ

    अडानी ने कथित तौर पर जनवरी-जून अवधि के लिए लेट पेमेंट सरचार्ज (LPS) को माफ करने पर सहमति व्यक्त की है, जो लगभग 20 मिलियन डॉलर है। बशर्ते बांग्लादेश अपनी भुगतान प्रतिबद्धता बनाए रखे। यानी अगर बांग्लादेश को बिजली चाहिए तो उसे समय-समय पर अपने बिलों का भुगतान करते रहने होगा। इसी शर्त पर अडाणी समूह ने लेट पेमेंट सरचार्ज पर छूट की सहमति व्यक्त की है।

    2017 में हुआ था समझौता

    अडाणी पावर और बांग्लादेश के बीच साल 2017 में बिजली समझौता हुआ था। इस समय शेख हसीना बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थी। पिछले साल उनके सत्ता से दखल होने के बाद बिजली आपूर्ति सौदे की जाँच शुरू हुई। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बिजली खरीद समझौते की फिर से जांच करने के लिए ऊर्जा और कानूनी विशेषज्ञों वाली एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन की बात कही थी।

    साल 2017 में हुए समझौते के तहत झारखंड में अडाणी पावर के गोड्डा बिजली प्लांट को कोयले से उत्पन्न 100 प्रतिशत बिजली 25 वर्षों की अवधि के लिए बांग्लादेश को देनी थी। लेकिन बांग्लादेश की ओर भुगतान में की गई देरी की वजह से नवंबर 2024 में अडाणी पावर ने बिजली सप्लाई रोक दी थी। क्योंकि मोहम्मद युनुस के देश के ऊपर बहुत ज्यादा देनदारी हो गई थी। कुछ देनदारी देने के बाद अडाणी पावर ने मार्च 2025 में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी।