'28 तरह के टैक्स...काबिल-ए-तारीफ', नीति आयोग के पूर्व CEO ने की जमकर तारीफ; ट्रंप टैरिफ पर भी कही बड़ी बात!
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत (NITI Aayog former CEO) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी स्लैब्स का सरलीकरण अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है और यह मांग बढ़ाने के साथ निवेश को भी गति देगा। बुधवार को हुई बैठक में 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गए। अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब रहेंगे।

नई दिल्ली | जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत (NITI Aayog former CEO) ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि जीएसटी स्लैब्स का सरलीकरण अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है और यह मांग बढ़ाने के साथ निवेश को भी गति देगा। बुधवार को हुई बैठक में 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गए। अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब रहेंगे।
अमिताभ कांत ने एक इंटरव्यू में कहा, "मैं कहूंगा कि जीएसटी को और आसान (New GST rates, ) करना बेहद महत्वपूर्ण कदम है। यह सिर्फ सुधार नहीं है, बल्कि इसका असर कई सेक्टरों पर दिखेगा। अमेरिकी टैरिफ के मौजूदा हालात में, जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता पर असर डाल रहे हैं, ऐसे व्यापक सुधार बेहद जरूरी थे।"
उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि, "यह इस सरकार की उपलब्धि है कि उसने इसे इतनी तेजी से लागू किया। मेरे हिसाब से यह काबिल-ए-तारीफ है।" इस दौरान उन्होंने अपील भी की कि सरकार को यहीं नहीं रुकना चाहिए और अन्य क्षेत्रों में भी सुधार जारी रखने चाहिए। खासकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में, जहां अभी और सुधारों की जरूरत है।
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यह अपने आप में बहुत बड़ा सुधार
नीति आयोग के पूर्व सीईओ ने बताया कि जीएसटी का ढांचा काफी जटिल था, क्योंकि इसे सभी राज्यों की सहमति से लागू किया गया। उन्होंने कहा, "करीब 28 तरह के टैक्स और कई सेस को हटाकर एक टैक्स लाना अपने आप में बड़ा सुधार है। सर्वसम्मति बनाना आसान नहीं था।"
हालांकि, विपक्ष ने इसे देर से उठाया गया कदम बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि "वन नेशन, वन टैक्स" का नारा अब "वन नेशन, नाइन टैक्स" में बदल गया है। वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि, "कल रात तक लागू जीएसटी दरों को शुरू से ही नहीं लाना चाहिए था।"
इन आलोचनाओं पर कांत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि हमने सही समय पर सही कदम उठाया है। यह एक बड़ा प्रशासनिक कदम है और यह दिखाता है कि सरकार चुनौतियों का सामना करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति रखती है।"
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ट्रंप टैरिफ पर बोले- सुधार करने की जरूरत
उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का जिक्र करते हुए कहा कि, "जब कोई देश, जो वैश्विक जीडीपी का 26% हिस्सा है और जहां हम 90 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं, हम पर इतने बड़े टैरिफ लगाता है, तब हमें आंतरिक सुधार करने ही पड़ेंगे। यह भारत के लिए सुधार का बड़ा मौका है।"
हालांकि, कांत ने चेताया कि सिर्फ जीएसटी से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि, "लंबे समय तक खपत केवल जीएसटी से नहीं बढ़ सकती। इसके लिए अच्छे रोजगार बनाने होंगे।
यह तभी होगा जब मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले। और मैन्युफैक्चरिंग तभी बढ़ेगी जब हम ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स की लागत कम करेंगे और उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।"
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