Iron Saria vs Fiber Saria: दोनों पर लगता है कितना GST, कौन रखता है घर को ज्यादा मजबूत? कीमतों में जमीन-आसमान का अंतर
आपका घर कितना मजबूत होगा यह सरिया पर निर्भर करता है। लेकिन अब मार्केट में दो तरह के सरिया मिल रहे हैं। एक है पारंपरिक लोहे वाला सरिया और दूसरा है नया विकल्प- फाइबर वाला सरिया (Iron Saria vs Fiber Saria) । अब सवाल उठता है कि आखिर कौन सा सरिया ज्यादा मजबतू है और दोनों की कीमतों में कितना अंतर है?

नई दिल्ली| घर हो या फिर गगनचुंबी इमारत, उसमें सरिया की भूमिका सबसे अहम होती है। सरिया ही तय करता है कि आपका घर कितना मजबूत होगा। अब मार्केट में दो तरह के सरिया मिल रहे हैं। एक है पारंपरिक लोहे वाला सरिया और दूसरा है नया विकल्प- फाइबर वाला सरिया (Iron Saria vs Fiber Saria)।
अब आप कहेंगे कि फाइबर वाला सरिया? जी हां, मार्केट में अब फाइबर वाला सरिया भी उपबल्ध है, जिसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर कौन सा सरिया ज्यादा मजबतू है और दोनों की कीमतों में कितना अंतर है? चलिए जानते हैं।
लोहे वाला सरिया भरोसेमंद, लेकिन एक नुकसान भी
लोहे वाला सरिया कई वर्षों से कंस्ट्रक्शन (Home Construction Materials) में इस्तेमाल होता आ रहा है। यह मजबूत होता (Iron Rebar Strength) है और भारी स्ट्रक्चर के लिए भरोसेमंद माना जाता है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है- जंग लगना। समय के साथ लोहे का सरिया नमी और पानी के संपर्क में आने पर कमजोर हो जाता है। यही वजह है कि कई बार इमारतों की उम्र कम हो जाती है।
फाइबर वाला सरिया हल्का, लेकिन एक खासियत भी
फाइबर वाला सरिया यानी GFRP (Glass Fiber Reinforced Polymer) नया विकल्प है। यह स्टील के मुकाबले हल्का होता है, लेकिन ताकत में कम नहीं। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इस पर जंग नहीं लगता। नमी या पानी का असर इसे कमजोर नहीं करता। यही कारण है कि समुद्री इलाकों और ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
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फाइबर वाले सरिया में बिजली का करंट लगने का खतरा नहीं होता। वहीं, यह ट्रांसपोर्ट और लगाने में भी आसान है क्योंकि वजन हल्का होता है। हालांकि, इसकी कीमत लोहे के सरिया से थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन लंबे समय तक टिकाऊ होने की वजह से लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
दोनों में क्या है बड़ा अंतर?
लोहे का सरिया: सस्ता, मजबूत, लेकिन जंग लगने की समस्या।
फाइबर सरिया: हल्का, जंग-फ्री, टिकाऊ, लेकिन कीमत थोड़ी ज्यादा।
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कीमतों में कितना अंतर?
लोहे वाला सरिया अभी 54 से 60 रुपए किलो बिकता है। लेकिन फाइबर वाला सरिया 220 रुपए प्रति किलो से लेकर 260 रुपए किलो (Fiber Saria Cost) तक बिकता है। यानी यह लोहे वाले सरिया से चार गुना तक महंग होता है। बता दें कि लोहे वाले और फाइबर वाले सरिया पर अभी 18 फीसदी जीएसटी लगता है। लेकिन जीएसटी काउंसिल मीटिंग (GST Council Meeting) के बाद इसमें कुछ बदलाव हो सकता है।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
रियल एस्टेट इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में फाइबर सरिया की डिमांड और ज्यादा बढ़ेगी। खासकर हाईवे, पुल, समुद्री प्रोजेक्ट और आधुनिक बिल्डिंग्स में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप लंबे समय तक टिकाऊ और आधुनिक टेक्नोलॉजी वाला विकल्प चाहते हैं तो फाइबर सरिया बेहतर है। वहीं, सामान्य बजट में मकान बनाने वालों के लिए लोहे का सरिया अभी भी भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है।
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