New GST Rates: सैलून-जिम और स्पा से लेकर ब्यूटी सर्विसेज तक... सब होगा सस्ता; कितनी होगी बचत? देखें कैलकुलेशन
भारत सरकार ने 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग में ब्यूटी और फिजिकल वेल-बीइंग सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। यानी अब जिम सैलून स्पा फिटनेस सेंटर और योगा सेंटर जैसी सेवाएं लेने वालों को राहत मिलेगी। पहले इन पर 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) मिलता था अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। लेकिन इसमें टैक्स क्रेडिट की सुविधा नहीं होगी। यह नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।

नई दिल्ली| अब सैलून और फिटनेस सेवाओं का बिल पहले से सस्ता होने वाला है। भारत सरकार ने 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (GST Council Meeting) में ब्यूटी और फिजिकल वेल-बीइंग सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। पहले इन पर 18% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) मिलता था, अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। लेकिन इसमें टैक्स क्रेडिट की सुविधा नहीं होगी। यह नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
तो अब कितनी होगी बचत?
New GST Rates for salons : जीएसटी में इस बदलाव से जिम, सैलून, स्पा, फिटनेस सेंटर और योगा सेंटर जैसी सेवाएं लेने वालों को राहत मिलेगी। इनपर जीएसटी रेट कम हुआ है। पहले इन पर 18% जीएसटी लगता था, लेकिन अब सिर्फ 5% ही लगेगा। अब सवाल यह है कि आखिर अब हर महीने कितने रुपए की बचत होगी? इसे उदारण में समझते हैं। मान लीजिए कि आपकी जिम की मासिक फीस 2000 रुपए है तो:
पहले (18% GST):
-औसत फीस: 2,000
-जीएसटी: 18% (360 रुपए)
-टोटल फीस:- 2,360 रुपए
अब (5% GST):
-बेस फीस: 2,000 रुपए
-जीएसटी: 5% (100 रुपए)
-टोटल फीस: 2,100 रुपए
-बचत: 260
यानी हर महीने अच्छी-खासी बचत हो सकती है। ठीक इसी तरह सैलून, योगा, ब्यूटी सर्विसेज तक सब पर भारी-भरकम बचत होने वाली है।
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माउथवॉश पर कोई टैक्स कटौती नहीं
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सिर्फ सेवाएं ही नहीं बल्कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले कई प्रोडक्ट भी अब सस्ते होंगे। हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, शैम्पू, टूथब्रश और टूथपेस्ट पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। पहले इन पर 12 से 18% तक जीएसटी लगता था।
इसी तरह टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन पर भी टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। माउथवॉश पर टैक्स में कोई कटौती नहीं हुई है। लेकिन टूथपेस्ट, टूथब्रश और डेंटल फ्लॉस अब 5% टैक्स स्लैब में आ गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि ये बुनियादी डेंटल हाइजीन से जुड़े सामान हैं।
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या होता है?
जब कोई सर्विस प्रोवाइडर जैसे सैलून, जिम (GST Rates for gyms) या फिर योगा सेंटर वाला अपना काम चलाने के लिए सामान खरीदता है उसे उस सामान पर GST देना पड़ता है। हालांकि, जब बाद में वह अपने कस्टमर से जीएसटी लेता है, तो पहले से दिया हुआ टैक्स घटा सकता है। और इसी प्रोसेस को इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी ITC कहा जाता है।
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