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    EY ने बढ़ाया भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान, GST सुधारों का दिखेगा असर; कितनी रहेगी विकास दर

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 03:45 PM (IST)

    ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म ईवाई ने भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर (Real GDP Growth Rate of India) का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है। जीएसटी सुधारों से डिस्पोजेबल इनकम और घरेलू मांग में वृद्धि हुई है। अगस्त 2025 में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 59.3 हो गया। सेवा क्षेत्र का पीएमआई भी बढ़कर 62.9 हो गया जो जून 2010 के बाद सबसे अधिक है।

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    रियल जीडीपी ग्रोथ रेट FY26 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

    आईएएनएस, नई दिल्ली। ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म ईवाई ने सोमवार को कहा कि मजबूत जीएसटी 2.0 सुधारों को देखते हुए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर (Real GDP Growth Rate of India) के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 6.5 प्रतिशत था। ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म के अनुसार, "वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि और जीएसटी सुधार से मांग में बढ़ोतरी के साथ, जहां एक ओर भारत के निर्यात संभावनाओं पर वैश्विक चुनौतियों का असर पड़ रहा है, वहीं हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 26 में भारत की वार्षिक वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी।"

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    'डिस्पोजेबल इनकम और घरेलू मांग में बढ़ोतरी'

    ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी.के. श्रीवास्तव ने कहा, "जीएसट सुधारो से डिस्पोजेबल इनकम और घरेलू मांग में बढ़ोतरी हुई है और व्यापार में विविधता लाने के प्रयासों से नए अवसर खुले हैं, जिससे भारत वित्त वर्ष 6 में अपनी वृद्धि गति बनाए रखने की स्थिति में है। टेक्नोलॉजी में रणनीतिक निवेश और लक्षित नीतिगत उपाय सुधारों को दीर्घकालिक आर्थिक लाभ में बदलने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।"

    मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़ा

    अगस्त 2025 में, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 59.3 हो गया, जो फरवरी 2008 के बाद सबसे अधिक है। सेवा क्षेत्र का पीएमआई भी बढ़कर 62.9 हो गया, जो जून 2010 के बाद सबसे अधिक है। आईआईपी की समग्र वृद्धि दर जून 2025 के 1.5 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2025 में 3.5 प्रतिशत हो गई, जो मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन में वृद्धि के कारण हुई।

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    मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी

    रिपोर्ट में कहा गया है, "सीपीआई मुद्रास्फीति जुलाई 2025 में 1.6 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त 2025 में 2.1 प्रतिशत हो गई, जबकि इसी अवधि में कोर सीपीआई मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत से बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई।" अगस्त 2025 में थोक मूल्य सूचकांक महंगाई दर 0.5 प्रतिशत पर पॉजिटिव हो गई, जबकि जुलाई 2025 में यह (-)0.6 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में यह बढ़ोतरी अनुकूल आधार प्रभाव के कमजोर होने और टमाटर की कीमतों में कुछ बढ़ोतरी के कारण हुई।