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    जयप्रकाश एसोसिएट्स की एक और कंपनी होगी दिवालिया, NCLT ने मंजूर की याचिका; ये है पूरा मामला

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 03:00 PM (IST)

    नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स की सहायक कंपनी भिलाई जेपी सीमेंट (Bhilai JayPee Cements) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। यह कार्यवाही सिद्धगिरि होल्डिंग्स की याचिका पर की गई है, जिसमें कंपनी पर 45 करोड़ रुपये का बकाया होने का दावा किया गया है। एनसीएलटी ने बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया है।

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    जेपी एसोसिएट्स की भिलाई जेपी सीमेंट भी होगी दिवालिया

    नई दिल्ली। बिक चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए एक और बुरी खबर आई है। दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कर्ज में डूबे ग्रुप जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी भिलाई जेपी सीमेंट (Bhilai Jaypee Cement) के खिलाफ 45 करोड़ रुपये न अदा करने के लिए दिवाला कार्यवाही शुरू करने को कहा है।
    बता दें कि कंपनी के कर्जदाता सिद्धगिरि होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने इसके खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। अब उसी याचिका पर ये फैसला आ गया है। सिद्धगिरि होल्डिंग्स के भिलाई जेपी सीमेंट को कोयले की आपूर्ति के 45 करोड़ रुपये बकाया हैं।

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    भिलाई जेपी सीमेंट को किया गया सस्पेंड

    एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) को अपाइंट करने के साथ ही इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सस्पेंड कर दिया है। भिलाई जेपी सीमेंट कर्जदाता सिद्धगिरि होल्डिंग्स से लगातार कोयला खरीद रही थी। हालांकि सितंबर 2021 और जून 2022 के बीच 2,000 मीट्रिक टन (प्रत्येक) कोयले के तीन ऑर्डर्स (जिनकी कुल मात्रा 6,000 मीट्रिक टन थी) को लेकर विवाद हो गया।
    खरीद आदेशों के अनुसार, हर एक का भुगतान भिलाई जेपी सीमेंट को आपूर्ति के 15 दिन बाद करना था।

    ये है पूरा मामला

    आपूर्तिकर्ता यानी सिद्धगिरि होल्डिंग्स ने इस दौरान कई बिल बनाए और सीमेंट कंपनी ने मांग का केवल कुछ हिस्सा ही अदा किया। आखिरकार इसने 22 जून 2024 को आईबीसी के तहत कुल 45.40 करोड़ रुपये की राशि का एक वैधानिक मांग नोटिस भेजा, जिसमें 30.08 करोड़ रुपये मूल राशि के लिए और 15.32 करोड़ रुपये 24 प्रतिशत की दर से ब्याज के तौर पर मांगे गए थे जिसका भुगतान न किए जाने का दावा किया गया।

    कंपनी से कोई रेस्पॉन्स न मिलने पर सिद्धगिरी होल्डिंग्स ने आईबीसी की धारा नौ के तहत एक याचिका दायर करते हुए एनसीएलटी का रुख किया था।

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