ट्रंप को दरकिनार, चीन को झटका देकर Apple ने भारत को फिर दिया अरबों का तोहफा; करोड़ों भारतीयों को ऐसे होगा फायदा
एप्पल ने भारत में आईफोन ( iPhone India expansion) के उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। Apple के इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था को तगड़ा फायदा होने वाला है। इसका फायदा करोड़ों भारतीयों को भी होगा। क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी Apple धीरे-धीरे करके चीन से अपना बोरिया बिस्तर बांध रही है। और भारत में अपने साम्राज्य को स्थापित कर रही है। यूएस बेस्ड टेक्नोलॉजी कंपनी अभी तक भारत में पार्ट्स को एसेंबल करती थी। लेकिन अब उसने भारत में नए अवसरों की तलाश शुरू कर दी है। एप्पल लॉन्ग टर्म एसेट्स (ऐसी संपत्ति जो कंपनी के साथ लंबे समय तक रहती है जैसे बिल्डिंग) और मशीनें बनाने के लिए घरेलू कंपनियों से बातचीत कर रही है। एप्पल का यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभा सकता है। एप्पल ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान की एप्पल को भारत में आईफोन नहीं बनाने चाहिए को भी दरकिनार कर दिया और चीन को झटका देते हुए यह कदम उठाया है। अभी तक एप्पल अधिकतर चीजें चीन में ही निर्मित (China supply chain shift) करता है लेकिन अब चीजें बदल रही हैं जिससे भारत को फायदा हो रहा है।
आईफोन बनाने के लिए लगने वाली जरूरी मशीनरी बन भारत में ही बन जाने से इसे दूसरे देशों से एप्पल के पार्ट्स को आयात नहीं करना पड़ेगा। यहीं पर सभी चीजों को असेंबल करके एप्पल आईफोन विक्रेताओं को आपूर्ति की जाएगी, क्योंकि वे क्षमता का विस्तार करेंगे और नए फोन लॉन्च करेंगे।
भारत की अर्थव्यवस्था को होगा फायदा?
एप्पल के इस कदम से करोड़ों भारतीयों को फायदा होगा। यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था में अरबों का इजाफा भी ला सकती है। चीन में बने और नवीनतम फोन को असेंबल करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पूंजीगत उपकरण और मशीनों के आयात में वर्तमान में बंदरगाहों पर देरी हो रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए कंपनी ने इसके लिए भारत में ही तलाश शुरू कर दी है। इसके पीछे का मुख्य कारण एप्पल का भारत में अपनी उत्पादन (Apple India manufacturing) क्षमता को बढ़ाना है। भारत में आईफोन के उत्पादन क्षमता में इजाफा होने से सीधा फायदा करोड़ों भारतीयों को होगा। एप्पल के इस कदम से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
इस घटना के बारे में पुष्टि करते हुए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "एप्पल घरेलू कंपनियों की तलाश कर रही है, जो आईफोन बनाने के लिए आवश्यक पूंजीगत उपकरण और मशीनों का निर्माण कर सकें। यह पूंजीगत उपकरण आवश्यकताओं को स्थानीय बनाने की कंपनी की पहल का हिस्सा है और एक महत्वपूर्ण पहल है।"
भारतीय कंपनियों को होगा फायदा
Apple अपनी पूंजीगत उपकरण और मशीनरी आवश्यकताओं के लिए भारत में कंपनियों की तलाश कर रही है जो इन चीजों को उपलब्ध करा सके। कंपनी के इस कदम का उद्देश्य चीन जैसे देशों पर निर्भरता कम करना है नए फोन मॉडल के लिए मशीनों को असेंबली लाइनों पर रेट्रोफिट करने की आवश्यकता होती है। इससे भारतीय कंपनियों को फायदा होगा।
एप्पल इस साल सितंबर और अक्टूबर में iPhone 17 सीरीज लॉन्च कर सकता है। ऐसे में इस सीरीज के फोन को रेट्रोफिट करने के लिए नए उपकरणों की आवश्यकता होती है। एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें कई महीने लग सकते हैं। अगर इसमें देरी हुई तो इन आईफोन मॉडलों की असेंबली (iPhone gear production) और लॉन्च पर इसका असर पड़ सकता है। और भारत समेत दुनिया भर में एप्पल की बिक्री पर इसका असर पड़ सकता है।
फॉक्सकॉन नई फैक्ट्री लगाने पर कर रही विचार
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन भारत के तमिलनाडु के ओरागदम स्थित ईएसआर इंडस्ट्रियल पार्क में आईफोन के बनाने के लिए एक नया कारखाना स्थापित करने पर विचार कर रही है।
एक सूत्र ने इस पर जानकारी देते हुए बताया, "फॉक्सकॉन भारत में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए तमिलनाडु में एनक्लोजर बनाने की योजना बनाई है। औद्योगिक पार्क में उनके एनक्लोजर यूनिट के लिए निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह फॉक्सकॉन डिस्प्ले-मॉड्यूल असेंबली प्लांट के करीब एक अलग यूनिट होगी।"
फॉक्सकॉन जैसे प्रमुख असेंबलर आमतौर पर एप्पल की सहायक कंपनियों के माध्यम से मशीनें खरीदते हैं। पिछले साल जुलाई में, Hon Hai की एक भारतीय सहायक कंपनी ने ताइवान में एप्पल ऑपरेशंस लिमिटेड से 33 मिलियन डॉलर के उपकरण खरीदे। टाटा समूह सहित विक्रेताओं ने पहले ही 20,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया है।
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