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    रेयर अर्थ एलिमेंट्स की माइनिंग करने के लिए इन कंपनियों को सरकार देगी आर्थिक मदद, नोट कर लीजिए नाम

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 02:08 PM (IST)

    India Rare Earth Mining रेयर अर्थ एलिमेंट्स का उत्पादन करने के लिए सरकार निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार दुर्लभ खनिजों के उत्पादन पर फोकस कर रही है। कई प्राइवेट कंपनियां है जिन्हें सरकार Viability Gap Funding तहत आर्थिक मदद मुहैया कराएगी।

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    रेयर अर्थ मेटल की माइनिंग करने के लिए इन कंपनियों को सरकार देगी आर्थिक मदद

    नई दिल्ली। भारत की जो कंपनियां रेयर अर्थ एलिमेंट्स की माइनिंग और रिफाइनिंग करने के लिए तैयार हैं सरकार से उन्हें अनुमति और क्लियरेंस मिल सकती है। दरअसल, इस समय भारत रेयर अर्थ एलिमेंट्स के लिए चीन पर पूरी तरह से निर्भर है। इसी निर्भरता को कम करने के लिए अब सरकार ने इस दिशा में प्राइवेट और सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने के प्रयासों को तेज कर दिया है। जो भी कंपनियां रेयर अर्थ की माइनिंग या फिर रिफाइनिंग करना चाहती हैं सरकार उन्हें व्यापार करने की अनुमति देगी। इसके साथ सरकार की ओर से कंपनियों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी। वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत रेयर अर्थ एलिमेंट्स का व्यापार करने वाली या करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को सरकार आर्थिक मदद और जरूरी फ्रेमवर्क मुहैया कराएगी।

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    इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी सूत्र ने बताया कि सरकार वैश्विक स्तर पर रेयर अर्थ एलिमेंट्स में 10 फीसदी अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना चाहती है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए VGF (Viability Gap Funding) इंसेंटिव के तहत सरकार कंपनियों को आर्थिक मदद और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराएगी।

    चीन पर कम होगी निर्भरता

    भारत सरकार और इस माइनिंग और रिफाइनिंग के क्षेत्र में काम करने वाली इंडस्ट्रीज रेयर अर्थ एलिमेंट्स को लेकर चीन पर निर्भरता कम करने के लिए काम कर रही हैं। इन एलिमेंट्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में किया जाता है। खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल के मोटर बनाने में। चीन ने मध्य अप्रैल में अमेरिका के साथ हुए टैरिफ वार के बीच रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर बैन लगा दिया था। इसके बाद से

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    पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप करके सरकार VGF के तहत रेयर अर्थ मेटल की माइनिंग और रिफाइनिंग करने के लिए सरकार कम से कम 40 फीसदी आर्थिक मदद मुहैया की जाएगी, जिसमें 20 फीसदी केंद्र तो 20 फीसदी राज्य सरकार देगी।

    भारत की ये कंपनियां धरती से निकालेंगी रेयर अर्थ एलिमेंट्स 

    भारत सरकार के इस कदम से जिन कंपनियों को फायदा होगा उनमें NDMC (National Mineral Development Corporation), कोल इंडिया (Coal India), गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (Gujarat Mineral Development Corporation), ओडिशा मिनरल डेवलपमेंट कंपनी (Orissa Minerals Development Company), हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc), वेदांता और MOIL (Manganese Ore (India) Limited) जैसी कंपनियों को सरकार फ्रेमवर्क और आर्थिक मदद मुहैया कराएगी।

    इस योजना से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि रेयर अर्थ एलिमेंट्स को नेशन क्रिटिकल मिनिरल मिशन के तहत लिया जाएगा, जिसे जनवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।

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    भारत सरकार पहले से ही क्रिटिकल मिनरल और रेयर अर्थ एलिमेंट्स की रीसाइक्लिंग प्रोसेस पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है। Ministry of Mines के अनुसार यह काम अपने फाइनल स्टेज पर है। इसके बाद इसे पारित कराने के लिए केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।