TATA ग्रुप की इस कंपनी को घाटे से नहीं निकाल पा रहे नए चेयरमैन! अब बोर्ड मेंबर ने कर दिया सवाल; क्या है फ्यूचर?
टाटा संस के एक स्वतंत्र निदेशक ने टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को लाभ में लाने के लिए एक केंद्रित व्यावसायिक रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है। हरीश मनवानी ने टाटा संस की बोर्ड मीटिंग के दौरान नोएल टाटा के सामने अपने विचार रखे। टाटा इंटरनेशनल जो वैश्विक व्यापार और वितरण कंपनी है पिछले दो वित्तीय वर्षों से घाटे में चल रही है। FY25 में कंपनी को ₹477 करोड़ का घाटा हुआ।

नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर ने टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड (टीआईएल) के लिए ज्यादा फोकस्ड बिजनेस स्ट्रैटजी अपनाने को कहा है, ताकि ये कंपनी लगातार प्रॉफिट दे सके। ग्लोबल फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी यूनिलीवर के अनुभवी हरीश मनवानी ने पिछले हफ्ते टाटा संस की बोर्ड मीटिंग के दौरान टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा के सामने अपने आइडिया रखे।
इस मीटिंग में टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन के अलावा बोर्ड के अन्य मेंबर्स भी मौजूद रहे। बता दें कि टाटा इंटरनेशनल, जो कि एक ग्लोबल ट्रेडिंग और डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी है, पिछले दो वित्त वर्षों से घाटे में चल रही है।
किन चीजों का ट्रेड करती है टाटा इंटरनेशनल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक में मनवानी ने नोएल टाटा पर टाटा इंटरनेशनल का रणनीतिक उद्देश्य स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि टाटा इंटरनेशनल के सामने एक ऐसी यूनिट बने रहने का जोखिम है, जिसमें एक्टिविटीज का एक फ्लेक्सिबल मिक्स है, जो शॉर्ट टर्म लेन-देन के अवसरों पर निर्भर करता है।
टाटा इंटरनेशनल, जो मुख्य रूप से लौह अयस्क, कोयला और तिलहन व दालों समेत कृषि वस्तुओं की ट्रेडिंग करती है, पिछले दो वित्तीय वर्षों से घाटे में है।
FY25 में कितना रहा रेवेन्यू
नोएल टाटा के मुताबिक पिछले वर्ष टाटा इंटरनेशनल के ₹477 करोड़ के घाटे के कारणों में ट्रेडिंग के कम मार्जिन वाले कारोबार बने रहना और विदेशी मुद्रा घाटा शामिल है। अन्य कारणों में मेडागास्कर में एक्सप्लोरेशन लाइसेंस रद्द होना और कंपनी द्वारा किया गया पुनर्गठन शामिल है।
टाटा इंटरनेशनल का रेवेन्यू FY25 में ₹31,868 करोड़ का रहा, जिसमें ट्रेडिंग से 84% (₹26,251 करोड़) और डिस्ट्रिब्यूशन और मैन्युफैक्चरिंग से क्रमशः 9% और 7% रेवेन्यू हासिल हुआ।
कितने घाटे में रही टाटा इंटरनेशनल
टाटा इंटरनेशनल को FY23 में ₹100.23 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था, फिर उसके बाद इसे FY24 में ₹213 करोड़ का घाटा और FY25 में ₹477 करोड़ का घाटा हुआ। साल 2020 से, कंपनी का कारोबार दोगुना हो गया है। हालांकि, प्रॉफिटेबिलिटी और नेटवर्थ दोनों एक चुनौती बने हुए हैं।
सितंबर 2024 में बना था बड़ा प्लान
पिछले साल सितंबर में टाटा संस की बोर्ड बैठक में टाटा इंटरनेशनल में ₹1,000 करोड़ का निवेश करने और अतिरिक्त फंड मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई गयी थी। उस बैठक में, नोएल टाटा ने अतिरिक्त कैपिटल निवेश के लिए बाहरी साझेदारों को लाने की योजना और मित्सुबिशी कॉर्प और मर्कुरिया के साथ दो जॉइंट वेंचर्स में 10 करोड़ डॉलर निवेश करने के इरादे का खुलासा किया था।
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