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नदी के दबाव से मोहन टोला गाइड बांध पूरी तरह से ध्वस्त, नदी की धारा गांव की ओर मुड़ी

बगहा। मधुबनी प्रखंड के धनहा रतवल गौतम बुद्ध सेतु से पश्चिम मोहन टोला तक जाने वाली गाइड बांध नदी

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 11:17 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 11:17 PM (IST)
नदी के दबाव से मोहन टोला गाइड बांध पूरी तरह से ध्वस्त, नदी की धारा गांव की ओर मुड़ी

बगहा। मधुबनी प्रखंड के धनहा रतवल गौतम बुद्ध सेतु से पश्चिम मोहन टोला तक जाने वाली गाइड बांध नदी के दबाव से गुरुवार को पूरी तरह ध्वस्त हो गया। लगभग 200 फीट की दूरी तक नदी ने पूरी तरह से बांध को काट दिया। वहीं नदी की धारा गांव की ओर मुड़ गई। इस दौरान फंसे लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल कर नदी के दूसरे छोर पर पहुंचाया गया। इस गाइड बांध के कटने से सबसे ज्यादा खतरा गौतम बुद्ध मुख्य मार्ग को है। अगर नदी की धार इसी तरह से बनी रही तो गौतम बुध मुख्य मार्ग पूरी तरह से कटने के कगार पर हो जाएगा। हालांकि इसके निर्माण कार्य के लिए एवं कटाव से बचाव के लिए वहां पर अभियंताओं की टीम काम कर रही है। कटाव रोधी काम पूरी काफी युद्ध स्तर से किए जा रहे हैं। उक्त गाइड बांध के बगल में कई परिवार हैं। जो अपना घर बना कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह बांध गुरुवार की भोर 3:00 बजे कटा है। बताया कि वे लोग बांध से सटे बने अपने घरों में सो रहे थे। तब तक नदी का दबाव अचानक इस बांध पर पड़ा। और एक घंटे के अंदर बांध पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। जब बांध कटने लगा तो इन लोगों के द्वारा काफी हल्ला किया गया और वह ऊंचे स्थानों पर भागकर अपनी जान बचाने का प्रयास करने लगे। इसमें फंसे कई लोगों ने दूरभाष पर इसकी जानकारी दी। लोग सूचना पाकर वहां पहुंचे तो वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। गाइड बांध पर बचाव कार्य में लगी अभियंताओं की टीम कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण डिविजन विष्णु देव के परवाना नेतृत्व में अभियंताओं की टीम वहां पर बाढ़ राहत कार्य एवं बांध बचाने का प्रयास कर रही है। इस कार्य में कई संवेदक भी लगे हुए हैं। जो अपने स्तर से जाली भरने का काम तथा हाथी पाव में जिओ बैग भरकर बांध बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस बांध पर लगभग 20-25 दिन से दिन रात काम चल रहा था। नदी की धारा दूसरी ओर थी। लेकिन अचानक नदी की धारा इस ओर मुड़ी और देखते ही देखते बांध को काट दिया। उन्होंने कहा कि हर हालत में बांध को बचा लिया जाएगा। इसके लिए जोर-शोर से बाढ़ राहत कार्य चल रहा है। नहीं बांधा गया बांध तो प्रभावित होंगे दर्जनों गांव एवं बर्बाद हो जाएगी सैकड़ों एकड़ फसल अगर गाइड बांध को सही ढंग से नहीं बांधा गया तो नदी की धारा पूरी तरह से पूर्व की ओर मुड़ जाएगी और जैसे ही नदी की धारा मुड़ेगी और सबसे पहले धनहा गौतम बुद्ध मुख्य मार्ग पर इसका प्रभाव पड़ेगा। हालांकि इस बीच में पड़ने वाले सैकड़ों एकड़ गन्ने एवं धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद तो होंगे। लेकिन इस बांध के टूटने से नैनाहा, रेवाहिया, भररवा मंझार, कोलुहा, चिउरहि सहित दर्जनों गांव पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। नदी की धारा इस ओर मुड़ जाएगी एवं इन गांवों को पूरी तरह से बर्बाद कर देगी। वृद्ध दंपती ने सुनाई आपबीती चिउरहि निवासी सूरत भर एवं उनकी पत्नी ने अपनी आपबीती बताई। बताया कि वे लोग गाइड बांध के बगल में बने अपने घर में सो रहे थे। तब तक अचानक नदी का भयानक रूप एवं इसकी गर्जन सुनाई पड़ने लगी। यह देख वे लोग बाहर निकले तो देखें कि नदी पूरी तरह से बांध को काटने में लगी हुई है। यह देख वे लोग अपने घर से बाहर निकल कर बांध पर चले गए और वहां से वह अपने आप को बचाने के लिए हल्ला करने लगे। किसी तरह से दूरभाष पर इसकी सूचना भी अपने परिजनों को दी। परिजन जब वहां पहुंचे तो वे लोग उन लोगों को निकाल कर बाहर ले आए। इन लोगों ने बताया कि गाइड बाद के बगल में मास्टर बीन, चंचल बीन ,जय राम चौहान, हिरदया बिन, सहित अन्य लोगों का भी घर है। वे सभी लोग भी नदी के कटाव को देखकर बांध के ऊपर अपना शरण ली ।बाद में परिजन एवं ग्रामीणों के द्वारा उन लोगों को वहां से बाहर निकाला गया ।तब जाकर उनकी जान बची इन लोगों ने बताया कि उनके साथ बकरी एवं अन्य माल मवेशी भी थे जिससे लोगों ने बाहर निकाला।


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