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पांच वर्षों से प्रभार में चल रहा है अनुमंडल कृषि कार्यालय

बगहा। सरकार कृषि व किसानों के उत्थान के लिए एक से एक बेहतरीन एवं सब्सिडी देकर लाभकारी योजना ला रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 10:00 PM (IST)
पांच वर्षों से प्रभार में चल रहा है अनुमंडल कृषि कार्यालय

बगहा। सरकार कृषि व किसानों के उत्थान के लिए एक से एक बेहतरीन एवं सब्सिडी देकर लाभकारी योजना ला रही है। वही यहां का अनुमंडलीय कृषि कार्यालय कई वर्षों से प्रभार में चल रहा है। साथ ही तमाम समस्याओं का भी सामना कर रहा है। इस कार्यालय की हालत यह है कि इसका अपना भवन नहीं है। बेतिया राज के एक पुराना और जर्जर भवन में इसका कार्यालय चल रहा है जो कभी भी गिर सकता है। पदाधिकारी के संबंध में बताया गया है कि यहां 6 जुलाई 2014 को ज्ञानचंद शर्मा का स्थानांतरण हुआ है तब से अब तक यहां किसी पदाधिकारी का पदस्थापना नहीं हुई है। कभी जिला कृषि पदाधिकारी तो कभी कोई अन्य पदाधिकारी प्रभार में रहकर कार्यालय संबंधी कार्यों का निपटारा करते हैं। वैसे तो यहां और भी कई कर्मचारियों का पद खाली है लेकिन इतनी लंबी अवधि तक पदाधिकारी का पद खाली रहने के साथ कई और सृजित पदों पर कर्मियों का पदस्थापना नहीं होना सरकार के कथनी और करनी में अंतर का ढींडोरा पीटता नजर आ रहा है। एक अनुसेवक, एक चौकीदार एवं दो लिपिक के भरोसे अनुमंडल कृषि कार्यालय का संचालन किया जाता है। प्रतिनियुक्ति पर हैं लिपिक :-

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यहां का एक लिपिक अजय कुमार चौधरी पिछले कई महीनों से जिला मे प्रतिनियुक्ति पर है जबकि सरकारी आदेश के अनुसार सभी विभाग के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति को बंद कर दिया गया है। फिर भी यहां का एक लिपिक कई महीनों से जिला में प्रतिनियुक्ति पर है। कार्यालय सूत्रों के अनुसार भवन के लिए कई बार लिखा पढ़ी किया गया लेकिन पदाधिकारियों के तरफ से उचित कार्रवाई नहीं होने के कारण जर्जर भवन में कार्यालय चलाया जा रहा है। जो कभी भी एक बड़ा हादसा का कारण बन सकता है। बयान :-

अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के प्रभार में होने के कारण लिपिक को कार्यालय के अधूरे कार्यों का निपटारा कराया जाता है। वहीं गंडक के कटाव से मुक्त होने के बाद ठकराहां और मधुबनी के फार्मों की पैमाईश करा कर आबादी में लेने के लिए कई बार दोनों अंचलाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। रामनगर के फार्म में अतिक्रमण के संबंध में कई बार वरीय पदाधिकारियों सहित विभाग को चहारदिवारी के लिए लिखा गया है। कर्मचारियों की कमी बनी हुई है।

शिलाजीत ¨सह जिला कृषि पदाधिकारी, बेतिया पश्चिम चंपारण


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