Mata Sita Temple Foundation stone : शिल्पकार फणीभूषण विश्वास की कृति से सीतामढ़ी को मिल गई पहचान
Mata Sita Temple Foundation stone शिल्पकार फणीभूषण विश्वास द्वारा 2013 में सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर स्थापित जानकी उद्भव झांकी शहर की पहचान बन गई है। फणीभूषण ने इसे स्थापित करने के लिए 20 वर्षों तक प्रयास किया। उनकी पुत्री पल्लवी विश्वास का कहना है कि उनके कलात्मक योगदान के बदले में शिल्पकार को कोई सम्मान नहीं मिला जिससे निराशा होती है।

संवाद सहयोगी, सीतामढ़ी। Mata Sita Temple Foundation stone : माता सीता की जन्मभूमि के रूप में पहचान दिलाने में शिल्पकार फणीभूषण विश्वास की भूमिका को नहीं भुलाया जा सकता है। उनकी कलाकृति जानकी उद्भव झांकी न सिर्फ जन-जन, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन में भी स्थापित है।
सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट के ठीक सामने परिसर में स्थापित जानकी उद्भव झांकी प्रतिमा फणीभूषण विश्वास की शिल्प कला की जीवंतता को दर्शाती है। स्टेशन आने जाने वाले हर यात्री की आंख प्रतिमा की सुंदरता व कलाकृति को देखे बिना नहीं रहती।
फणीभूषण विश्वास जानकी उद्भव को सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन परिसर में ही लगवाने के लिए 20 वर्षों तक हठ पर अड़े रहे और अंत में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के आदेश पर बिहार धार्मिक न्यास के आर्थिक सहयोग से तैयार मूर्ति स्वरूप में झांकी का लोकार्पण चार सितंबर, 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों किया गया।
लोगों को यह एहसास है कि जानकी उद्भव कृति के रूप में देश के धार्मिक मानचित्र पर सीतामढ़ी को देखने-दिखाने का यह अनूठा सपना जो फणी दा ने देखा था, वह साकार होता दिख रहा है। फणी भूषण विश्वास की पुत्री पल्लवी विश्वास कहती हैं कि कलात्मक योगदान के प्रतिदान स्वरूप शिल्पकार को कोई सम्मान नहीं दिया। यह निराश करता है। हालांकि, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मभूषण डा. बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 2019 में सुलभ-कला से उन्हें अलंकृत किया था।
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