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    Saharsa News: राज्य रानी एक्सप्रेस से हो जाता भयंकर हादसा, ट्रेन चालक की सूझबूझ से बच गई सैकड़ों लोगों की जान

    Saharsa News पूर्व मध्य रेल के सहरसा-सुपौल रेल खंड पर राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन के चालक ने सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टाल दिया। ट्रेन खुलने के बावजूद रेलवे ढ़ाला का फाटक खुला रहा लेकिन चालक ने ट्रेन को ब्रेक लगाकर रोक लिया। यह घटना बुधवार की शाम की है। अगर समय रहते एक्शन नहीं लिया जाता तो बड़ा हादसा हो जाता।

    By Rajan Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 07 Mar 2025 06:42 PM (IST)
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    राज्यरानी एक्सप्रेस की हो जाती टक्कर (जागरण)

    संवाद सूत्र, सहरसा। Saharsa News: पूर्व मध्य रेल सहरसा- सुपौल रेल खंड के बीच राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन चालक की सूझ बूझ से एक बड़ा हादसा होने से टल गया। ट्रेन खुलने के बाद भी रेलवे ढ़ाला का फाटक खुला ही रहा। घटना बुधवार की शाम की बतायी जाती है। जानकारी के अनुसार पटना- सहरसा के बीच चल रही राज्यरानी एक्सप्रेस 5 मार्च की शाम अपने निर्धारित समय से ही सहरसा पहुंची।

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    सहरसा से ललितग्राम के बीच यह राज्यरानी स्पेशल ट्रेन बनकर चलती है। सहरसा से राज्यरानी स्पेशल शाम करीब सवा 5 बजे खुली। राज्यरानी स्पेशल ट्रेन में लोको पायलट के रूप में यूपी सिंह और मयंक स्वराज थे। ट्रेन अपनी निर्धारित स्पीड में आगे बढ़ रही थी कि सहरसा कचहरी का रेलवे ढाला का बैरियर गिरा हुआ था। जिस कारण ट्रेन आराम से आगे निकलती चली गयी।

    लोको पायलट ने दिखाई सूझबूझ

    आगे बढ़ने पर शिवपुरी ढाला का बैरियर गेट नंबर एलसी 34 सी है। इसी रेलवे ढाला पर जब लोको पायलट की नजर गयी तो वाहनों की आवाजाही होते देख उनके होश उड़ गए। ट्रेन अपनी गति में थी। लेकिन लोको पायलट ने अपनी सूझ बूझ का परिचय देते हुए ट्रेन को ब्रेक लगाकर रोक लिया।

    ट्रेन एक झटके से आगे जाकर रूकी तब तक ट्रेन शिवपुरी रेलवे ढाला एलसी गेट 34 सी के पास पहुंच गयी थी। ट्रेन करीब 05.22 में रूकी। सहरसा स्टेशन से राज्यरानी स्पेशल खुलने के बाद सीधे गढ़बरूआरी ही रूकती है। इधर शिवपुरी ढाला से वाहन लेकर व पैदल गुजरनेवाले लोगों की भी नजर आती ट्रेन पर पड़ी तो उसके भी होश उड़ गए। लेकिन चालक की तत्परता से ट्रेन को ढाला से पहले ही रोक लिया गया।

    ट्रेन का हॉर्न बजाने पर गेटमेन हड़बड़ाकर बाहर आया

    इसके बाद कई बार ट्रेन का हॉर्न बजाया तब जाकर गेटमेन हड़बड़ाकर बाहर आया तो रूकी ट्रेन को देख सारा माजरा समझ में आया। तब उसने जाकर रेलवे बैरियर गिराकर बंद किया। ट्रेन में गार्ड पीके पासवान मौजूद थे। इसके बाद ही ट्रेन आगे के लिए खुल सकी। ट्रेन की रवानगी से पूर्व ही सहरसा स्टेशन से ही गेटमेन को सूचना मिल जाती है कि ट्रेन खुल गयी है ताकि समय से पहले ही बैरियर गिरा लें।

    लेकिन शिवपुरी ढाला पर मौजूद केबिन में घंटी बजती रही और गेटमेन ट्रेन के आने से अंजान बने रहे। सूत्रों की मानें तो केबिन के दूसरी ओर रेल पटरी किनारे शादी को लेकर तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। उसी आवाज में टेलीफोन की घंटी की आवाज गैटमेन नहीं सुन सके और तब तक ट्रेन सहरसा कचहरी स्टेशन से आगे निकली कि चालक ने अपनी सूझ बूझ से ट्रेन को रोक दिया।

    ट्रेन करीब 5 से 10 मिनट रुकी रही

    इस घटना को लेकर ट्रेन करीब पांच से दस मिनट रूकी और इसके बाद ट्रेन अपने गंतव्य स्थान के लिए खुली। स्थानीय कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रेलवे ढाला खुला रहने के कारण बायपास होने के कारण भारी वाहनों की भी आवाजाही ज्यादा ही होती है। अगर चालक ढाला को खुला हुआ नहीं देखता तो बड़े हादसा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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