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बंदूक चलाने वाले बंदी अब चलाएंगे कलम

पूर्णिया [शैलेश] बंदूक चलाने वाले अब कलम चलाएंगे। केंद्रीय कारा में बंदी साक्षरता अभियान के

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 11:20 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:16 AM (IST)
बंदूक चलाने वाले बंदी अब चलाएंगे कलम

पूर्णिया [शैलेश]

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बंदूक चलाने वाले अब कलम चलाएंगे। केंद्रीय कारा में बंदी साक्षरता अभियान के तहत बंदियों को अक्षर का ज्ञान देकर साक्षर बनाया जाएगा। विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर मंगलवार से कारा में अभियान की शुरुआत की जाएगी। कारा प्रशासन की ओर से नए सत्र में साक्षर बनाने के लिए 67 बंदियों का नामांकन किया गया है। शिक्षक के रूप में नियोजित चार स्वयंसेवक इन बंदियों को साक्षर बनाएंगे।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कारा प्रशासन की ओर से छोटो-छोटे समूह में शारीरिक दूरी के साथ बंदियों के पठन-पाठन की व्यवस्था की गई है। अक्षर का ज्ञान देकर बंदियों को पढ़ाई के लिए कारा के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकें दी जाएंगी, ताकि वे और बेहतर बन सकें। कारा के पुस्तकालय में धार्मिक, ज्ञानवर्धक एवं महात्मा गांधी पर आधारित 4500 पुस्तकें हैं, जिन्हें विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी पढ़कर अपराध की सजा काटने के दौरान ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।

कारा में 714 बंदी हैं निरक्षर

केंद्रीय कारा में बंद 1750 विचाराधीन एवं सजायाफ्ता बंदी में से 714 बंदी निरक्षर हैं। इसमें 235 सजावार और 479 विचाराधीन बंदी है। वहीं दसवीं कक्षा से कम का शिक्षा ग्रहण किए 594 बंदी है। इसके अलावा दसवीं कक्षा, इंटर कक्षा, स्नातक, स्नातकोत्तर सहित डिप्लोमा व टेक्निकल कोर्स किए हुए हैं और किसी न किसी अपराध की सजा कारा में काट रहे हैं।

773 बंदी हो चुके हैं साक्षर

कारा में बंद 1151 विचाराधीन एवं 604 सजायाफ्ता बंदियों में से कारा प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे साक्षरता अभियान के तहत 773 बंदी अब तक साक्षर हो चुके हैं। वर्ष 2019 से शुरू हुए बंदी साक्षरता अभियान में 689 बंदियों को साक्षर बनाया गया। वहीं 2020 में चले सत्र में 84 बंदियों को साक्षर बनाया गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के भय के कारण मार्च में अभियान को रोक दिया गया था और फिर से इसे विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर शुरू किया जा रहा है।

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कोट के लिए कारा में बंद निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने के लिए विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर अभियान की शुरुआत की जाएगी। नए सत्र के लिए बंदियों का नामांकन कर लिया गया है।

जितेंद्र कुमार, केंद्रीय कारा अधीक्षक, पूर्णिया

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