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    Bihar News: भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करेगा अब विजिलेंस ब्यूरो, नीतीश सरकार ने जारी किया नया ऑर्डर

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 10:21 PM (IST)

    बिहार में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी अब विजिलेंस ब्यूरो करेगा। निगरानी विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज सभी मामलों की जिलावार सूची मांगी है। अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने भ्रष्टाचार के तहत दर्ज सभी मामलों का अनुश्रवण निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के स्तर पर करने के संबंध में मुख्य सचिव का आदेश प्राप्त कर संबंधितों को सूचित करने की कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

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    नीतीश सरकार ने जारी किया नया ऑर्डर

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विभिन्न जिलों में निगरानी थानों से अलग दर्ज भ्रष्टाचार के जो मामले होंगे उनकी मानीटरिंग अब विजिलेंस ब्यूरो करेगा।

    निगरानी विभाग ने इसे लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में दर्ज सभी मामलों की जिलावार सूची मांगी है। निगरानी विभाग से जुड़े मामलों की समीक्षा को लेकर हुई बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने इस संबंध में दिशा निर्देश दिए।

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    उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के तहत दर्ज सभी मामलों का अनुश्रवण निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के स्तर पर करने के संबंध में मुख्य सचिव का आदेश प्राप्त कर सभी संबंधितों को सूचित करने की कार्यवाही की जाए।

    बैठक में इस मुद्दे पर दिया गया जोर

    बैठक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एवं स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) में दर्ज मामलों में सजा दिलाने पर जोर रहा।

    इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने इकाइयों की अभियोजन शाखा को सक्रिय करते हुए लगातार फालोअप करने के निर्देश दिए।

    बैठक में भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त करने के लिए मामलों की सुनवाई एक निश्चित बेंच से कराने का प्रस्ताव आया। चौधरी ने पटना हाइकोर्ट के निबंधक से पत्राचार कर अनुरोध किए जाने का आश्वासन दिया।

    उन्होंने विशेष लोक अभियोजकों को निर्देश दिया कि जिन मामलों में बहस की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, उन मामलों में मार्च के अंत तक निर्णय प्राप्त करने की कोशिश होनी चाहिए।

    बैठक में दी गई यह भी जानकारी

    • बैठक में कई विशेष लोक अभियोजकों ने जानकारी दी कि उनके पास अन्य मामलों का भी प्रभार होने से निगरानी मामलों पर असर पड़ रहा है।
    • इस पर अपर मुख्य सचिव ने संबंधित अभियोजकों को संबंधित डीएम को पत्र लिख कर समस्या स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
    • निगरानी की बैठक में विशेष निगरानी इकाई के एडीजी पंकज दराद ने बताया कि इकाई में दर्ज कुल 25 वादों में प्रथम अभियोग पत्र वर्ष 2009 में दाखिल किए गए लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक एक भी वाद में निर्णय प्राप्त नहीं किया जा सका।
    • निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने निगरानी ब्यूरो में दर्ज मामलों में 31 मार्च 2025 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक संख्या में वादों का निष्पादन कराने का आदेश दिया।

    रिश्वत लेते डाक विभाग के मेल ओवरसियर गिरफ्तार

    उधर, मुजफ्फरपुर में डाक विभाग के केंद्रीय अनुमंडल में कार्यरत मेल ओवरसियर शिवशंकर पंडित को सीबीआइ ने 10 हजार रुपये घूस लेते पीएनटी चौक स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया है।

    सीबीआइ क्राइम ब्रांच की टीम उसे पटना ले जाकर पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार मेल ओवरसियर सरैया के चकना का शाखा डाकपाल परमानंद कुमार घूस में 10 हजार रुपये ले रहा था।

    इसके पहले एक लाख रुपये ले चुका था। सीबीआइ के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, चकना डाक शाखा के डाकपाल परमानंद को अवैध उगाही करने में कुछ दिनों पहले टर्मिनेट कर दिया।

    टर्मिनेशन तोड़ने के एवज में एक लाख रुपये रिश्वत ली। मेल ओवरसियर का लालच बढ़ता गया। उसने शाखा डाकपाल से 10 हजार रुपये की और डिमांड की। उन्होंने इसकी जानकारी सीबीआइ को दी।

    जांच में मामला सही निकला। सोमवार को उसे 10 हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद मेल ओवरसियर पर क्या विभागीय कार्रवाई हुई, इस संबंध में डाक अधीक्षक शंभू राय को काल की गई, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।

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