3 दिन बाद NDA में हलचल बढ़ाने को तैयार 'हम', क्या चुनावी साल में 7 के आंकड़े पार कर पाएंगे जीतन राम मांझी?
चुनावी वर्ष में राजनीतिक दल अपनी ताकत दिखाने की मुहिम शुरू कर दी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी 28 फरवरी को गांधी मैदान में दलित समागम रैली करेंगे। पार्टी का दावा है कि रैली में एक लाख लोग आएंगे। इस बीच चुनाव में सीट को लेकर पार्टी के नए दावे सामने आए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के लिए चुनावी वर्ष में राजनीतिक दलों के बीच अपनी ताकत दिखाने की मुहिम शुरू हो गई है। फिलहाल सबसे बड़ी रस्साकसी गठबंधनों के अंदर ही है, अधिक सीटें पाने की।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अपना प्रभाव दिखाने के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी 28 फरवरी को गांधी मैदान में दलित समागम रैली कर रहे हैं।
पार्टी का दावा है कि रैली में पिछड़ी-अति पिछड़ी जातियों के एक लाख लोग आएंगे। दलित समागम के बहाने मांझी यह दिखाना चाह रहे हैं कि विधानसभा के पिछले चुनाव की तुलना में उनकी पार्टी का जनाधार बढ़ा है। \
ऐसे में उनकी पार्टी पिछली बार मिली सात सीटों से संतुष्ट नहीं होने वाली। इस बार कम से कम 20 सीटों पर दावा किया जा रहा है।
राजग में अभी पांच सहयोगी दल हैं। इनमें भाजपा और जदयू की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है। दोनों दलों के पिछले रिकार्ड देखें तो 243 में कम से कम 200 सीटें यह दोनों दल अपने पास जरूर रखना चाहेंगे।
ऐसे में बाकी की 43 सीटों पर ही मांझी की हम, चिराग पासवान की लोजपा (आर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा की दावेदारी मानी जा रही है।
इसमें चिराग का दावा सबसे बड़ा है, क्योंकि उनके पास अभी पांच वर्तमान सांसद हैं। हालांकि विधानसभा सीटों के मामले में वह शून्य पर हैं जबकि हम के पास चार सीटें हैं। उपेंद्र कुशवाहा का दल नया है।
हम के दलित समागम में सीएम-डिप्टी सीएम भी होंगे शामिल
- हम के दलित समागम में राजग नेताओं का भी जुटान होगा। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री डा. संतोष सुमन ने मंगलवार को बताया कि दलित समागम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे।
- इसके अलावा उपमुख्यमंत्री समेत राजग के सभी घटक दलों को भी रैली में आने का आग्रह किया गया है। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि यह समागम शक्ति प्रदर्शन है।
- उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाला है , ऐसे में गरीब-पिछड़ों को राजनीतिक रूप से सक्रिय बना कर एनडीए को मजबूत बनाने के उद्देश्य यह काम किया जा रहा है।
- समागम में गरीब दलित जनता की भागीदारी और संख्या हम को मजबूती देगी। समाज के पिछड़े गरीब लोग समागम में अपने अधिकारों की बात करेंगे। अपने प्रतिनिधित्व की बात करेंगे।
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