Jitan Ram Manjhi: राजनीतिक संगत से बनती-बिगड़ती मांझी की धार्मिक मान्यताएं, हिंदू धर्म पर उठा चुके हैं सवाल
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की धार्मिक मान्यताएं राजनीतिक संगत से बदलती रहती हैं। महाकुंभ स्नान के बाद उन्होंने सनातन धर्म की सराहना की जबकि पहले म ...और पढ़ें

अरुण अशेष, पटना। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की धार्मिक मान्यताएं राजनीतिक संगत से बनती-बिगड़ती हैं। अभी एनडीए में हैं। घोर सनातनी बन गए हैं। महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में स्नान के बाद उन्होंने कहा- सनातन के खिलाफ किसी को नहीं बोलना चाहिए। महागठबंधन की संगत में थे तो भगवान राम के अस्तित्व पर संदेह हुआ था।
20 मई 2014 से 22 फरवरी 2015 तक रहे तो उस दौरान धर्म को लेकर उनकी मान्यताओं पर कई बार विवाद हुआ। सितंबर 2014 में उनकी एक टिप्पणी पर खूब विवाद हुआ। वह अपने उस समय के कैबिनेट सहयोगी नीतीश मिश्रा के आग्रह पर मधुबनी जिला अंधराठाढ़ी स्थित परमेश्वरीस्थान मंदिर में दर्शन के लिए गए थे।

मांझी ने लगाया गंभीर आरोप
दर्शन कर लौटे तो आरोप लगाया कि उनके कारण मंदिर को धोया गया, क्योंकि वे अनुसूचितजाति के हैं। गवाह के रूप में उन्होंने दूसरे कैबिनेट सहयोगी रामलखन राम रमण का नाम लिया, जबकि रमण ने बाद में मीडिया को बताया कि उनकी जानकारी में ऐसी कोई घटना (मंदिर धोने की) नहीं हुई।
मांझी बिना भाजपा के सहयोग के मुख्यमंत्री बने थे। राजद ने उनकी सरकार को रणनीतिक समर्थन दिया था। रणनीति यह कि भाजपा अगर सरकार को अपदस्थ करने का प्रयास करती तो राजद राजद के विधायक समर्थन में हाथ उठा देते। जुलाई 2023 में राजद के सहयोग से नीतीश कुमार की सरकार चल रही थी।
.jpeg)
'...हिंदू धर्म में कभी सुधार नहीं हो सकता'
उस समय मांझी ने नालंदा जिला के सिलाव में आयोजित एक सभा में कहा था कि जाति और छुआछूत के कारण हिंदू धर्म में कभी सुधार नहीं हो सकता। हम भगवान राम को नहीं मानते हैं। वे भगवान नहीं हैं। काल्पनिक व्यक्ति हैं। उन्होंने बौद्ध धर्म की प्रशंसा की थी।
इसी अवधि में मुसहर-भूंइया सम्मेलन में मांझी ने पुरोहितों पर इतनी अभद्र टिप्पणी की कि उसे मुद्रित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सत्यनारायण कथा का भी मजाक उड़ाया था। वही मांझी सपरिवार महाकुंभ स्नान करने गए। अब सनातन की प्रशंसा कर रहे हैं।
रामजी ने किया बेड़ा पार
साल भर बाद ही भगवान राम के बारे में मांझी की मान्यता बदल गई। 23 मार्च 2024 को वे रामलला का दर्शन करने के लिए सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे। गया लोकसभा क्षेत्र से उन्हें एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया था। अयोध्या में उन्होंने कहा- रामलला का दर्शन करने के बाद ही नामांकन करने जाएंगे।
गया लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मांझी में बदलाव शुरू होने लगा। लोकसभा चुनाव जीतने का न केवल उनका सपना पूरा हुआ, बल्कि केंद्र में मंत्री भी बन गए। इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा था। 2014 में तो वे तीसरे नम्बर पर चले गए थे।
अभी उनके पुत्र संतोष कुमार मांझी राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं। बहू दीपा मांझी और समधिन ज्योति मांझी विधायक हैं। सदन में पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति के मोर्चे पर वे लालू प्रसाद से थोड़ा पीछे और और स्व. रामविलास पासवान के परिवार से आगे चल रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।