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    Patna Jagran Forum 2025 Live Update: सीएम नीतीश के बाद कौन संभालेगा JDU का कमान? जागरण फोरम में संजय झा ने कर दिया क्लियर

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 03:58 PM (IST)

    Patna Jagran Forum 2025 Live News देश को मजबूत बनाने में बिहार का योगदान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। सशक्त बिहार सशक्त भारत विषय पर जागरण फोरम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बिहार के विकास पर चर्चा करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।

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    पटना के ताज सिटी सेंटर में सात सत्रों में राज्य के हित से जुड़े मुद्दों पर बात होगी। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। Patna Jagran Forum 2025 latest update / Rajnath Singh news देश की मजबूती के लिए राज्य का सशक्त होना जरूरी है। इसमें बिहार का योगदान अहम मुद्दा है। इतिहास के पन्ने भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिहार ने समय-समय पर देश के सशक्त स्वरूप और उसके लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती प्रदान की है।

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    जागरण फोरम के मंच से ताजा अपडेट

    सवाल- क्षेत्रीय दलों के इतिहास पर नज़र डालें तो क्या कोई पारिवारिक सदस्य उनका प्रबंधन करता है?

    नीतीश कुमार ने पार्टी बनाई और उसे आगे बढ़ाया। अब आगे क्या करेंगे, यह तो नीतीश कुमार ही बता सकते हैं।

    - जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा 

    सवाल- अल्पसंख्यक मतदाताओं से जुड़ने के प्रयासों के बारे में आप क्या कहेंगे?

    वक्फ में भी हम गरीब और ज़रूरतमंद लोगों के लिए दुआ करते हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं से जुड़ने के प्रयास किए जाते हैं। सीटों की बात करें तो अगर भाजपा को 40 सीटें मिलती हैं, तो जदयू को भी उतनी ही सीटें मिलेंगी... ऐसा नहीं होगा कि भाजपा को 80 और जदयू को 40 सीटें मिलें। मैं दिल्ली से आए लोगों से कहूँगा कि एक बार संग्रहालय ज़रूर देखें... देश में ऐसा कोई संग्रहालय क्यों नहीं है?

    -जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा 

    सवाल- क्या जेडीयू को नीतीश पर भरोसा है या एनडीए पर?

    20 साल के शासन में, उन्होंने 10-15 साल गड्ढों को भरने में बिताए, उन्हें पक्का करके बिहार को इस मुकाम तक पहुंचाया है। नीतीश खुद एक इंजीनियर हैं, उन्होंने अपने काम से बिहार को आगे बढ़ाया है। हम हमेशा नीतीश पर भरोसा करेंगे।

    नीतीश ने हमें सिखाया है कि बिहार के लोगों को बिहारी कहलाने पर गर्व होता है। विपक्ष भी बिहार के बजट को लेकर चिंतित है। हम नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और सरकार पूरी स्थिरता के साथ चलेगी।

    - संजय झा, जेडीयू राज्यसभा सांसद

    जातिवाद तब तक जारी रहेगा जब तक हम इसे शिक्षा से नहीं जोड़ेंगे। धर्म और जाति को भुलाने का प्रयास करना होगा। भाई-भतीजावाद लगभग सभी में व्याप्त है।

    - राजेश राम, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का जवाब

    हम लोग विकास में विश्वास करते हैं, अब जो पहचान होगी वो शैक्षिक आधार पर होगी। हम लोग काम करने वाले को टिकट देंगे।

    - दिलीप जायसवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का जवाब

    सवाल- आने वाले चुनाव में क्या जातिवाद ही टिकट वितरण का पैमाना होगा? इससे ही उम्मीदवारी मिलेगी या क्या होगा?

    जात नहीं टूटेगी जब तक नीतिगत पहल नहीं होगी, जात व्यवस्था का जहरीला स्वरूप है ये नहीं टूटेगा, हम लोग अंतरजातीय विवाह के समर्थक हैं। जाति से हटकर समाज नहीं बनता है। परिवारवाद पर टिकट बंटवारे में अगर जात-पात नहीं करते हैं तो हम पाखंडी हैं। टिकट वितरण में जाति व्यवस्था जरूर होगा।

    - मंगनी लाल, राजद प्रदेश अध्यक्ष का जवाब

    सवाल- जाति जनगणना की बात करने से जातिवाद बढ़ता है या नहीं?

    आज नीतीश जी ने पिछले 20 सालों में विकास की योजनाएँ लागू की हैं, उससे पहले कितना तनाव था, आँखें साफ़ कर लीजिए... बिना किसी तनाव के जाति से ऊपर उठकर विकास किया गया है। जातिगत जकड़न विकास से ही दूर होगी।

    जाति के नाम पर विपक्ष अपना कुनबा बढ़ाने का काम करता है। जाति का वोट लेकर अपना कुनबा बढ़ाता है... मंगनी बाबू को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जाता? जाति पर मरो, पर हम राजा बनेंगे। जातिवाद विकास मॉडल से ही दूर होगा।

    - दिलीप जायसवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का जवाब

    सवाल- आप पर आरोप लग रहे हैं कि आपने 65 सालों में क्या किया? क्या आप जातिवाद को खत्म कर पाए?

    70 को 65 पर लाने के लिए शुक्रिया... आपने क्या किया? इस पर चर्चा नहीं करते और हमारे 70 सालों की बात करते हैं, इसके लिए शुक्रिया। नीतीश सरकार में कहा जाता है कि यह व्यक्ति इस जाति का है, वह व्यक्ति उस जाति का है। नीतीश बाबू खुद ऐसा करते हैं। हम अपनी गलतियाँ मानते हैं, लेकिन सरकार अपनी गलतियाँ छिपाती है। आप जाति जनगणना करवाते हैं और जाति की बात करते हैं। आपने दलित, महादलित बनाए, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए।

    - राजेश राम, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का जवाब

    आपका विषय स्पष्ट है, जातिगत कठोरता... कठोरता पैदा की जाती है, जब यह हमें किसी बीमारी से जकड़ लेती है, तब हम उसे दूर करने की बात करते हैं। सभी दल जाति व्यवस्था के शिकार हैं। बिहार जाति व्यवस्था के लिए बदनाम है। किस वर्ग ने कितनी भीख बाँटी, यह विकास नहीं है। हिंदुओं में कोई समरसता नहीं है।

    - मंगनीलाल का जवाब

    मंगनी की भीख पर उपेंद्र का जवाब

    क्या कोई नेता कसम खाएगा कि वह भीख की राजनीति नहीं करेगा? अगर एक लड़का और लड़की एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं, अगर उनमें प्यार हो जाता है, तो फिर जातिवाद कहाँ है? हम राजनेताओं ने ही जातिवाद की कठोरता पैदा की है। अगर हमारे वंचित समाज के लोग बड़ा नाम कमाते हैं, तो क्या उन्हें जाति की परवाह है?

    - उपेंद्र कुशवाहा 

    सवाल- राजनीति के लिए जातिवाद क्यों जरूरी है?

    जहां तक जाति का सवाल है, केंद्र में 55 साल तक सरकार रही, लेकिन निचले स्तर के व्यक्ति के लिए कोई बदलाव नहीं आया। नीतीश जी के विकास कार्यों से जातिवाद काफी हद तक दूर हो गया है। 2005 से पहले, जाति के आधार पर समाज में तनाव पैदा किया जाता था, सार्वजनिक मंचों से कहा जाता था कि भूरे बाल साफ़ करो।

    - उमेश कुशवाहा 

    समय के साथ अपने आप को अपने सुविधा अनुसार पार्टी बदलती है।

    - राजेश कुमार, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

    जागरण फोरम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि जातिवाद को दूर करना बहुत मुश्किल है आज भी बिहार के दक्षिण टोला गरीब तबके का होता है। बिहार में जातिवाद को लाते है वो मैं गलत मानता हूं।

    जागरण फोरम में संबोधित करते हुए राजद नेता मंगनी लाल ने कहा की जाति व्यवस्था सदियों से चली आ रही है, यह सर्कस की सीढ़ियां हैं, सभी राजनीतिक दल इस पर बैठे हैं। पूरे देश में जाति व्यवस्था चल रही है। हमारे समाज में जातियों के समूह हैं, सबकी अपनी अलग पहचान है। बिहार सिर्फ बदनाम नहीं है, आर्थिक ढांचा भी सामाजिक ढांचे से जुड़ा है। इसलिए लोकतंत्र में राजनीति में बदलाव का अवसर है। लगभग सभी राज्यों में जातिवाद है, लेकिन बिहार बदनाम है। सत्ता में हिस्सेदारी से हॉल, हैंडपंप मिलता है, यही वोटों की ठगी का आधार है।

    यह भी पढ़ें: Patna Jagran Forum 2025: 'राहुल गांधी के पास कोई एटम बम है तो फोड़ें...', ऐसा क्यों बोले राजनाथ सिंह?

    इस पटना शहर के गांधी मैदान में हुए बम विस्फोट को याद कीजिए। हमने आतंकवाद पर लगाम लगाई है। कांग्रेस सरकार की क्या मजबूरी थी कि वह आतंकवाद पर काम नहीं कर सकी? कांग्रेस ने वोट बैंक के चश्मे से देखा, इसलिए उसने कभी आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश नहीं की। मालेगांव की घटना को भी उन्होंने भगवा आतंकवाद कहा था। अदालत ने उसमें आरोपियों को बरी कर दिया। एनडीए बिहार की जनता के लिए एक विजयी गठबंधन है, बिहार की जनता को इसे बनाए रखना चाहिए।

    - राजनाथ सिंह

    रक्षा मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी संसद के मानसून सत्र को भी लगातार बाधित कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की वीरता की उपलब्धि है। लेकिन विपक्ष इस पर भी सवाल उठा रहा है। अपने सवालों का करारा जवाब पाकर वे चुप हो गए हैं।

    1975 में कांग्रेस के दामन संविधान के खून से रंगे हैं। उन्होंने वोट चोरी के सबूतों का एक परमाणु बम तैयार कर लिया है, इसलिए मैं राहुल गांधी से कहना चाहूंगा कि वे सारे सबूत जनता के पास रखें, उन्हें सच्चाई पता चल जाएगी।

    राहुल जी, परमाणु बम को जल्द से जल्द फोड़ें, लेकिन खुद को संयमित और सुरक्षित रखें। महोदय को काम करने दें, इससे स्वास्थ्य और जनता दोनों का भला होगा। राहुल गांधी को कुछ भी कहने से पहले सबूत इकट्ठा करने चाहिए।

    - राजनाथ सिंह

    राजनाथ सिंह ने कहा कि इसलिए जनता को समझदारी से काम लेना होगा। राजनीतिक दल SIR के बारे में जनता को गुमराह कर रहे हैं। चुनाव आयोग की अपनी विश्वसनीयता है, विपक्ष के नेता को उस पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता।

    यह भी पढ़ें: Patna Jagran Forum 2025: जागरण फोरम में क्या-क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यहां पढ़ें बड़ी बातें

    अब पूर्वी देशों का दबदबा बढ़ रहा है। बिहार यानी पूर्वी राज्य विकास और भारत के लिए आवश्यकतानुसार काम करेंगे। बिहार में विधानसभा चुनाव हैं, जनता को इसमें सहयोग करना होगा। एक रास्ता बिहार के विकास का है और दूसरा रास्ता जातिवाद की ओर धकेलता है।

    - राजनाथ सिंह

    एक समय था जब नालंदा को ज्ञान का मंदिर माना जाता था और एक समय ऐसा आया जब यह लुप्त हो गया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे फिर से पुनर्जीवित किया है।

    - राजनाथ सिंह

    कभी नर्क बना बिहार अब विकास की ओर अग्रसर है। अगर शासन में ईमानदारी हो, तो किसी भी राज्य को आगे बढ़ाया जा सकता है। बिहार कृषि प्रधान राज्यों में से एक है। पर्यटन की दिशा में बिहार में अपार संभावनाएं हैं। वर्ष 2014 के बाद एनडीए सरकार ने 9 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का आवंटन किया है। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री ने बिहार को 22 परियोजनाएं दी हैं।

    - राजनाथ सिंह

    राजनाथ सिंह ने कहा कि कई व्यापारी दूसरी जगहों पर बसने लगे थे। बिहार में हालात ऐसे थे कि शाम सात बजे के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था। पटना-गया रोड सबसे ज़्यादा खतरनाक हो गया था। 2005 में बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम हो गई थी। लोगों की उम्मीदें टूट गईं।

    राजनाथ सिंह ने बताया, "मैं आपको 2003 की एक घटना बताता हूं जब डीजीपी ने सीवान के एक बाहुबली नेता की गिरफ़्तारी का आदेश दिया था। उस दौरान मुख्यमंत्री आवास पर अफरा-तफरी मच गई थी। सिर्फ छह महीने बाद ही डीजीपी को हटा दिया गया था। ये तो बस एक नमूना है, ऐसे कई मामले सामने आए हैं। बिहार में पहले भी हालात ऐसे ही थे। कोई भी यहां उद्योग लगाना नहीं चाहता था।"

    दैनिक जागरण सबसे ज़्यादा पढ़ा जाने वाला अख़बार है। बिहार की जनता ने जातिवाद से ऊपर उठकर अपनी सत्ता विकास और सुशासन को सौंपी है। भारत का भविष्य भी बिहार के भविष्य से जुड़ा है। दैनिक जागरण का विषय बहुत सार्थक है।

    सशक्त बिहार, सशक्त भारत बहुत सार्थक है। बिहार में कई सरकारें बनीं, लेकिन बिहार में जो होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। बिहार में लोगों को जाति और धर्म के नाम पर लड़ाया गया, जिसके कारण लोगों ने अपने उपनाम छिपाने शुरू कर दिए।

    - राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

    जागरण फोरम में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के पत्रकारिता जगत में दैनिक जागरण की अपनी एक साख है। उन्होंने बिहार में दैनिक जागरण में 25 वर्ष पूरे करने पर बधाई भी दी।

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    आज होगी विकसित बिहार की बात

    बिहार के विकास, समृद्धि से लेकर सशक्त भारत तक, इन विषयों पर शनिवार को जागरण फोरम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा होगी। फोरम की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन से होगी।

    चर्चा का विषय है- सशक्त बिहार, सशक्त भारत। राजधानी के ताज सिटी सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में सात सत्रों में राज्य हित से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।

    पहले सत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भाग लेंगे। इस सत्र का विषय है- जातीय जकड़न में राजनीति।

    दूसरे सत्र में राज्य में एनडीए के 20 वर्षों के शासन के कार्यों पर चर्चा होगी। इसमें जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व सांसद संजय कुमार झा सवालों के जवाब देंगे। लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की राजनीति का मूल मंत्र है- बिहारी फर्स्ट। वह बताएंगे कि इस मंत्र को जमीन पर उतारने की उनकी क्या योजना है।

    हाल के दिनों में विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण का मामला काफी चर्चित रहा है। मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित हो चुका है। इस सत्र का विषय है- एसआईआर का प्रभाव। इस सत्र में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष व सांसद उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक व पूर्व मंत्री मुकेश अपने विचार रखेंगे।

    पांचवें सत्र का विषय है- संविधान पर राजनीति। जाने-माने अधिवक्ता, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री व पटना साहिब से भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद इसे संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राजद के राज्यसभा सदस्य संजय यादव बताएंगे कि राज्य के विकास के लिए विपक्ष के पास क्या रोडमैप है।

    सामाजिक न्याय और न्याय के साथ विकास- इन्हीं दोनों के बीच राज्य की राजनीति पिछले 35 वर्षों से घूमती रही है। राजद खुद को सामाजिक न्याय की अवधारणा का सूत्रधार मानता है। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बदलते बिहार में सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।