Bihar Politics: भाजपा के लिए तेजस्वी यादव हवा-हवाई नेता, जदयू बोली- सारी सीमाएं कर चुके पार
तेजस्वी यादव को हवा-हवाई नेता बताते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि उनके प्रश्नों का उत्तर भाजपा का एक कार्यकर्ता दे देगा। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार के अथक प्रयास से विकास हुआ है और पलायन बड़ा मुद्दा नहीं है। जनता ने एनडीए में लाइफटाइम वैलिडिटी वाला रिचार्ज कराया है। तेजस्वी की दाल नहीं गलने वाली है।

राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने मंगलवार को बयान जारी कर तेजस्वी यादव को हवा-हवाई नेता बताया है। कहा कि तेजस्वी के प्रश्नों का उत्तर भाजपा का एक कार्यकर्ता दे देगा। उसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। तेजस्वी को बिहार का विकास देखना चाहिए।
यदि वे दिन में हवाई मार्ग से बिहार का दौरा करेंगे तो रेलवे लाइन की डबलिंग, फोरलेन, कन्वर्जन, फ्लाईओवर और उच्च क्वालिटी की सड़कों की संख्या गिनते-गिनते थक जाएंगे।
शाम में हेलीकाप्टर से घूमेंगे तो देखेंगे कि जो लोग लालटेन की रोशनी में जीने को विवश थे, वे आठों पहर बिजली से घर रोशन किए हुए हैं। ऐसा एनडीए सरकार के अथक प्रयास से संभव हुआ है।
मनोज शर्मा बोले- बिहार में पलायन बड़ा मुद्दा नहीं
उन्होंने कहा कि बिहार में पलायन बड़ा मुद्दा नहीं है। यहां भी मल्टीनेशनल कंपनियां खुल रहीं और बाहर के राज्यों के लोग नौकरी के लिए आ रहे। लालू-राबड़ी के राज में रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा के अभाव में लोग पलायन कर रहे थे।
बिहार के लोगों में एनडीए सरकार को लेकर जो विश्वास 2005 में पनपा था, उसमें तेजस्वी के 17 महीने की टापअप की सरकार से कोई अंतर नहीं आने वाला। जनता ने एनडीए में लाइफटाइम वैलिडिटी वाला रिचार्ज कराया है।
झूठ बोलने की सारी सीमाएं पार कर चुके हैं तेजस्वी : जदयू
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव झूठ बोलने की सारी सीमाएं पार कर चुके हैं। जिनके माता-पिता ने 15 वर्षों तक बिहार को लूटकर पूरी तरह से खोखला कर दिया, वे अब 17 महीनों का झूठा राग अलाप कर अपनी राजनीति को चमकाने की कोशिश कर रहे, लेकिन उनका यह प्रयास कभी सफल नहीं होगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उप चुनाव में राज्य की जनता ने 17 महीनों के कार्यकाल को लेकर फैलाए जा रहे झूठ को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
आश्चर्य की बात है कि करारी पराजय के बावजूद तेजस्वी झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता की लालसा में उन्होंने राजनीतिक मर्यादा और लोकलाज को त्याग दिया है।
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