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    Bihar Politics: बिस्कोमान वाले सुनील सिंह ने मार ली बाजी, JDU को लगा झटका; सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 01:13 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनील सिंह की सदस्यता को बहाल करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया।

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    आरजेडी नेता सुनील सिंह की सदस्यता होगी बहाल (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है।

    सर्वोच्च न्यायालय ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश भी दे दिया है। कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से आचार समिति की जारी अधिसूचना भी रद कर दिया है।

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    सुनील सिंह पर नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोप

    बता दें कि राजद नेता सुनील सिंह पर विधानमंडल के सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के आरोप लगा था।

    इस आरोप के बाद जदयू एमएलसी की शिकायत पर मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह को नीतीश कुमार की मिमिक्री करने की बात कही और इसे अनुशासनहीनता माना था।

    26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा हुई थी

    इसके बाद समिति की अनुशंसा पर विधान परिषद के सभापति ने 26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा की थी।

    सदस्यता रद होने के बाद राजद नेता सुनील सिंह ने इसे नीतीश कुमार का तालिबानी शासन करार दिया था और इसे उनके खिलाफ बोलने वाले को डराने वाला निर्णय भी बताया था।

    सुनील सिंह ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती

    सदस्यता रद होने के बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दूसरी ओर सुनील सिंह ने आचार समिति के सभापति से लिखित में मांगा था कि उन्हें बताया जाए कि उनका (सुनील सिंह का) दोष क्या है और उन्हें किस मामले में दंडित किया जा रहा है। सिंह के इस सवाल के जवाब में उन्हें कोई भी साक्ष्य, तथ्य या सबूत नहीं दिया गया था।

    सुनील सिंह की राजनीतिक पहचान के साथ ही उनकी एक पहचान यह भी है कि बिस्कोमान के अध्यक्ष के साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई भी कहे जाते हैं।

    सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह को ऐसे बयान न देने की दी चेतावनी

    इधर, मंगलवार को शीर्ष अदालत ने इस मामले में कहा कि जुलाई 2024 से सुनील कुमार सिंह की ओर से गुजारे गए निष्कासन की अवधि को ही निलंबन माना जाएगा।

    इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद में आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को खारिज भी कर दिया।

    इतना ही नहीं; कोर्ट ने इसके साथ राजद नेता सुनील सिंह को भी भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचने की चेतावनी दी।

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