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    सवा लाख करोड़ लिख नहीं पाते लालू के युवराज; बताइए- कैसे करेंगे विकास : मोदी

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 25 Oct 2015 08:57 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छपरा के मढ़ौरा तथा हाजीपुर में दो रैलियों को संबोधित करते महागठबंधन की जमकर खबर ली। इसके बाद उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री नी ...और पढ़ें

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    पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छपरा के मढ़ौरा तथा हाजीपुर में दो रैलियों को संबोधित करते हुए महागठबंधन की जमकर खबर ली। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में आयोजित तीसरी रैली में नीतीश कुमार व लालू प्रसाद पर जमकर तंज कसे। नीतीश कुमार के गढ़ में मोदी-मोदी के नारे सुन तथा भारी भीड़ को देखकर गदगद प्रधानमंत्री ने कहा जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता में डूबे लोगों को नालंदा की फिक्र नहीं है।

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    मोदी के पंच

    1. चुनाव का नतीजा तो आठ को आएगा, लेकिन उनका (लालू-नीतीश) क्या होगा ये सब जानते हैं। इस सभा की खबर सुनकर तांत्रिक नीतीश का क्या होगा? पता नहीं क्या से क्या हो गया? ये बिहार के नागरिकों की सूझबूझ है। यहां के लोगों का राजनीतिक बड़प्पन है कि वे आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। यहां की सोच राजहंस जैसी है।

    2. ये माहौल केवल चुनाव में विजय का माहौल नहीं है। केवल नीतीश, लालू, सोनिया को पराजित करने का माहौल नहीं है। यह तीनों लोगों को सजा देने का माहौल है। बिहार की जनता बिहार का भाग्य बदलने के लिए ये चुनाव लड़ रही है।

    3. नालंदा की धरती महान विरासत की धनी है। हिंदुस्तान के पांचवीं कक्षा का छात्र भी नालंदा की जानकारी रखता है। उसे पता होता है कि नालंदा का कैसा गौरवशाली इतिहास रहा है। कल्पना कर सकते हैं कि आप कितनी महान विरासत के धनी हैं। जिस बिहार के पास नालंदा जैसी विरासत है, आजादी के बाद उस नालंदा की चिंता होनी चाहिए थी। लेकिन, सत्ता में रहे लोगों को नालंदा की याद नहीं आई।

    4. पूरा विश्व ज्ञान की प्यास बुझाने यहां आता था। जो नालंदा की धरती दुनिया को ज्ञान देती थी, वहां के नौजवान को शिक्षा के लिए आज अपना घर छोड़ना पड़ता है। यह 'तांत्रिक' नीतीश के कारण हुआ। उन्हें लगता है कि बिहार को तांत्रिक ही बचा सकते हैं। नीतीश जी बिहार को तांत्रिकों की जरूरत नहीं है, बिहार के नौजवानों में ताकत है, उन्हें किसी जंतर-मंतर की जरूरत नहीं है।

    5. बिहार के चुनाव का मुद्दा विकास होना चाहिए, लेकिन वे (नीतीश-लालू) भाषणों में कभी कहते हैं कि सफेद कबूतर काटेंगे तो कभी कहते हैं, काले कबूतर काटेंगे मिर्ची का धुंआ करेंगे। लोग मुझसे पूछते हैं चुनाव बिहार का है, नवरात्रों के दौरान आप वहां गए नहीं थे, ये लालू-नीतीश आप ही के पीछे क्यों पड़ गए हैं? मैंने उनकी थाली छीनकर अपमान नहीं किया है। इसका कारण ये है कि पिछले 25 सालों से ये अगड़े-पिछड़ों की राजनीति कर रहे हैं। ये सपने देख रहे थे कि देश के टुकड़े-टुकड़े करने की। घटिया राजनीति के दम पर देश का प्रधानमंत्री बन जाएंगे, ये सोच रहे थे। पिछड़े परिवार में पैदा हुआ बेटा कैसे प्रधानमंत्री कैसे बन गया, ये गुस्सा इस बात का है। जहर इस बात का है कि गरीब परिवार का बेटा अचानक प्रधानमंत्री कैसे बन गया।

    6. आज कुछ नहीं मिला तो आरक्षण का झूठ चलाया जा रहा है। बीजेपी ने 14 साल तक गुजरात में राज किया, मध्यप्रदेश में 15 साल से है। छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, गोवा, राजस्थान में हैं। लेकिन, कभी आरक्षण पर आंच तक नहीं आने दिया। हमने पिछड़ापन देखा है, गरीबी में कैसे गुजारा करना पड़ता है, उसे देखा है। बाबा साहेब ने जो दिया है, उसे हटाने का कभी सोच भी नहीं सकते।

    7. इस चुनाव में लोगों के पास जाने के लिए लालू-नीतीश के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसमें बड़े भाई-छोटे भाई ने दिल्ली में 80 फीसद चुनाव आउटसोर्स किया है। दिल्ली में रोज अफवाह फैलाने का आउटसोर्स दिया गया है। एसी कमरों में बैठकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है।

    8. आज पूरे विश्व में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। ऐसा मोदी के कारण नहीं हो रहा। ये दुनिया में जो जय-जयकार हो रहा है, उसका कारण सवा सौ करोड़ देशवासी हैं। इनके कारण ही ऐसा हुआ है। दिल्ली में अगर पूर्ण बहुमत न दिया होता, तो दुनिया में हिंदुस्तान का डंका नहीं बज सकता था।

    9. पूरे हिंदुस्तान में बिहार का डंका बजना चाहिए या नहीं कि नहीं? अगर ऐसा चाहते हैं तो बिहार में दो तिहाई वाली एनडीए की सरकार बना दीजिए।

    10. इस चुनाव में हम विकास की बातचीत लेकर आए हैं, दूसरी ओर जंगलराज की राजनीति है। चुनाव का मुद्दा विकास होना चाहिए कि नहीं कि नहीं? चर्चा विकास पर की जानी चाहिए या नहीं कि नहीं? 25 साल के काम का बड़े भाई-छोटे भाई को हिसाब देना चाहिए या नहीं?

    11. उन्होंने महास्वर्थबंधन बनाया। इसमें लालू, लोक-तांत्रिक नीतीश कुमार और मैडम सोनिया तो हैं हीं, चौथा भी है जो तांत्रिक है। क्या 18वीं सदी की सोच से बिहार आगे बढ़ेगा? बिहार को आधुनिक दिशा में जाना है, जंतर-मंतर नहीं लैपटॉप-कंप्यूटर चाहिए।

    12. बिहार को हम अगड़ा बिहार बनाना चाहता हूं, पिछड़े बिहार का कलंक मिटाना है। इसके लिए मैं आपके साथ खड़ा हूं। हमने सवा लाख करोड़ रुपये दिए। लालू जी के युवराज को कहा जाए कि सवा लाख करोड़ कैसे लिखें तो वे लिख नहीं पाएंगे। जिनको सवा लाख करोड़ लिखना नहीं आता, क्या वे बिहार का विकास कर पाएंगे?

    13. लोक 'तांत्रिक' नीतीश बाबू आप मुझे बताइए, क्या लालू जी को चिट्ठी लिखी थी? आप लोग (भीड़ की ओर इशारा) आप भी पढ़िए और लोगों को पढ़ाइए। नीतीश जी ने लालू पर कितने गंभीर आरोप लगाए हैं, इन दोनों के गठबंधन की जानकारी हो जाएगी।

    14. बिहार के विकास के लिए मेरा छह सूत्रीय कार्यक्रम है। बिहार राज्य के लिए बिजली, पानी, सड़क है और बिहार के परिवारों के लिए तीन सूत्रीय कार्यक्रम पढ़ाई, कमाई और दवाई है। इस विकास की बात को लेकर आया हूं।

    15. . मुझे वे बाहरी-बाहरी बताते हैं। लालू-नीतीश से पूछना चाहता हूं कि बिहार के नौजवान को बाहर जाने का दोषी कौन है?

    16. हिमालय में जब बर्फ गिरती है तो बिहार में ठंड आती है। जो हिमालय में होता है उसका असर बिहार में भी होता है। लद्दाख में दो दिन पहले चुनाव हुआ, सभी राजनीतिक पार्टियां फेल हो गईं और केवल बीजेपी जीत सकी।