पटना बैरिया बस स्टैंड डॉर्मेट्री एक साल बाद भी नहीं हो सका चालू, खुले में रात गुजारने को मजबूर यात्री
पटना सिटी के बैरिया बस स्टैंड पर चालकों और खलासियों के लिए बना 90 बिस्तरों वाला डॉर्मेट्री एक साल बाद भी चालू नहीं हो सका है। विभागीय अनदेखी के कारण य ...और पढ़ें

90 बेड का ड्राइवर डॉर्मेट्री एक साल भी नहीं हो सका चालू। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। रामकृष्णा नगर थाना अन्तर्गत पटना-मसौढ़ी रोड स्थित अंतरराज्यीय बैरिया बस स्टैंड परिसर में बस चालकों एवं खलासियों के लिए बनाया गया 90 बेड का ड्राइवर डॉर्मेट्री एक साल बाद भी चालू नहीं हो सका है। बिना इस्तेमाल के भवन को अब नुकसान पहुंचने लगा है।
चारों ओर गंदगी पसर गयी है। कड़ाके की ठंड के बीच भी इसका उपयोग न होने के कारण ड्राइवर, खलासी व यात्री खुले में यात्री प्रतीक्षा स्थल पर लगी स्टील की कुर्सियों पर रात गुजारने को विवश हैं। नगर निगम के अजीमाबाद अंचल द्वारा परिसर में जर्मन हैंगर से 44 लोगों के लिए बनाया गया रैब बसेरा भरा रहता है।
ड्राइवर डॉर्मेट्री भवन में 12 घंटे ठहराव के लिए 50 रुपये और चौबीस घंटे के लिए एक सौ रुपये भुगतान करने का प्राविधान रखा गया था। यहां रसोई समेत सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना थी। इसके संचालन के लिए एजेंसी भी तय हो चुकी है। विभागीय अनदेखी के कारण अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।
ठंड की रात में कंबल लपेट कर भूतल के प्रतीक्षास्थल पर लगी स्टील की कुर्सियों पर सोए चालक सोहन राय, उमेश सिंह व अन्य ने बताया कि सुरक्षित रात गुजारने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। निगम का जर्मन हैंगर लोगों से भर चुका है। ड्राइवर डोरमेट्री चालू हो जाता तो ठंड में राहत मिल जाती। खुले में सोने से तबियत बिगड़ जाती है।
कई अन्य चालकों एवं खलासियों ने बताया कि नगर निगम द्वारा रैन बसेरा के समीप अलाव जलाया जाता है। परिसर में कई जगहों पर ठंड से बचने के लिए चालक अपने और यात्रियों के लिए खुद ही लकड़ी की व्यवस्था कर जलाते हैं। इस मामले में बातचीत के लिए अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।

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