Mukesh Sahani: 'धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या ने...', योगी सरकार पर सहनी ने बोला हमला; खड़े कर दिए कई सवाल
Bihar Politics News विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने निषाद पार्टी के युवा नेता और पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या को लेकर यूपी सरकार जमकर घेरा है। इसके साथ उन्होंने सरकार पर सवाल भी खड़े किए हैं। सहनी ने कहा कि इस घटना ने यूपी के जंगलराज को उजागर किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। यूपी के महराजगंज जनपद के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरकटहां में निषाद पार्टी के युवा नेता और पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या के मामले को लेकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने यूपी सरकार को घेरा है।
उन्होंने धर्मात्मा निषाद के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि इस घटना ने यूपी में जंगलराज को उजागर कर दिया है।
सुसाइड जैसा खतरनाक कदम क्यों उठाया- मुकेश
- मुकेश सहनी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि धर्मात्मा निषाद ने सुसाइड जैसा खतरनाक कदम क्यों उठाया और उनके इस आत्मघाती फैसले की वजह क्या है?
- उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन और हर आदमी इन दो सवालों के जवाब जानने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया है। पुलिस और सरकार चुप है।
सामाजिक दुश्मनी का भी शिकार हुए- सहनी
सहनी ने कहा कि मौत को गले लगाने से पहले धर्मात्मा निषाद ने जो सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है, वह भी कई बातों की ओर इशारा कर रहा है।
जो बातें सामने आ रही हैं, उनके मुताबिक आशंका है कि धर्मात्मा निषाद कहीं न कहीं राजनीतिक साजिश और सामाजिक दुश्मनी का भी शिकार हुए।
इस तरह की सियासी और सामाजिक प्रताड़ना को वे झेल न सके और उन्होंने पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरकटहां में रविवार की सुबह घर में फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने कहा कि धर्मात्मा निषाद आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच हो और जो भी दोषी पाए जाएं, उन पर कानून सम्मत कार्रवाई हो, चाहे वह कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो। धर्मात्मा को न्याय दिलाने के लिए पार्टी को जो भी करना होगा, वह करेगी।
चंद्रवंशी समाज की अब कोई नहीं कर सकता उपेक्षा : डॉ. भीम सिंह
बिहार भाजपा उपाध्यक्ष एवं सांसद डा. भीम सिंह की अध्यक्षता में रविवार को चंद्रवंशी समाज की राज्यस्तरीय बैठक बीआइए सभागार में हुई।
बैठक में सांसद ने अत्यंत पिछड़ी जातियों की उत्थान को लेकर विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि अत्यंत पिछड़ी जातियों को एकजुट करने के लिए 23 फरवरी को बीआइए सभागार पटना में होने वाली बैठक में प्रदेश के सभी जिलों से समाज के लोगों बुलाने का निर्णय लिया गया है।
डॉ. भीम ने कहा कि चंद्रवंशी समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है पर वर्तमान निराशाजनक है। इस स्थिति को बदलना ही होगा।
इसके लिए हमें 'ज्ञान के लिए पढ़ना और अधिकार के लिए लड़ना' की दोहरी नीति पर चलना होगा। चंद्रवंशी समाज स्वयं तो संगठित होगा ही पर वह अन्य समकक्ष अत्यंत पिछड़ी जातियों को भी संगठित करेगा।
इसके लिए पूरे राज्य में 'अत्यंत पिछड़ा वर्ग चेतना अभियान' चलाया जाएगा। चेतना अभियान की शुरुआत 18 फरवरी को औरंगाबाद से की जाएगी। इसके बाद 19 को गया में कार्यक्रम होगा।
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