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    Cyber Crime: पटना में सबसे अधिक हो रही ठगी, 4 साइबर थाना खोलने की योजना; 5 जिले बने हॉट स्पॉट

    Updated: Tue, 31 Dec 2024 06:00 AM (IST)

    Cyber Crime बिहार में बढ़ते साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार ने खास रणनीति बनाई है। पटना में चार साइबर थाना खोले जाएंगे और तीन अतिरिक्त डीएसपी तैनात किए जाएंगे। राज्य के पांच जिले साइबर अपराध के हॉट स्पॉट हैं। अब तक 301 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। कई नागरिक साउथ-ईस्ट एशियाई देशों में फंसे हुए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए सरकार ने अब इससे निपटने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम करने की योजना बनाई है। आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने

    सोमवार को बताया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए पटना में चार साइबर थाना खोलने का प्रस्ताव एसएसपी को दिया गया है। इसके साथ ही तीन अतिरिक्त डीएसपी भी तैनात किए जाएंगे जो साइबर से जुड़े मामलों की जांच और निगरानी करेंगे। ढिल्लो सोमवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस से बात बात कर रहे थे।

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    प्रदेश के पांच जिले साइबर अपराध के हॉट स्पॉट

    ढिल्लो ने बताया कि प्रदेश के पांच जिले साइबर अपराध के हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित किए गए हैं। ये जिले हैं पटना, शेखपुरा, नवादा, नालंदा और जमुई। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक पुलिस जिला में एक साइबर थाना अधिसूचित किया गया है। राज्य के सभी 44 पुलिस जिलों में कुल 44 साइबर थाना कार्यरत हैं।

    आर्थिक अपराध इकाई इन सभी साइबर थानों से संबंधित विषयों के लिए राज्य स्तर की नोडल इकाई है। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक तीन सौ एक डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। जिसके जरिये करीब 10 करोड़ रुपये की राशि का गबन हुआ हालांकि 1.6 करोड़ की राशि होल्ड करने में सफलता भी प्राप्त की गई।

    अब तक बिहार नहीं लौटे कई नागरिक

    मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि साइबर अपराध के कई मामलों का लिंक साउथ-ईस्ट एशियाई देशों जैसे लाओस, कंबोडिया, म्यांमार और मलेशिया से पाया गया है। इन देशों में गए 374 बिहारी नागरिकों की पहचान की गई, जिनमें से कई अब तक नहीं लौटे हैं।

    इन मामलों में आठ ट्रैवल एजेंसियों का सत्यापन किया गया, जिनमें दो बिहार स्थित और छह दिल्ली-एनसीआर के एजेंसियां हैं। एजेंसियों की जानकारी गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ साझा की गई है, ताकि ताकि फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू कराया जा सके।

    16.40 लाख कॉल प्राप्त किए गए

    • उन्होंने बताया कि 2022 की तुलना में 2024 में नवंबर तक एनसीआरपी हेल्प लाइन 1930 पर कुल 16.40 लाख कॉल प्राप्त किए गए। जिनमें से 15.73 लाख कॉल का उत्तर दिया गया, जो कि कुल कॉल का करीब 96 प्रतिशत है।
    • वर्ष 2024 में साइबर अपराध से संबंधित काल प्राप्त करने और इस पर कार्रवाई करने में बिहार लगातार शीर्षस्थ पांच स्थानों पर रहा है।
    • उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के सत्यापन के लिये जीएसटी विभाग और कंपनी मामलों के मंत्रालय से संपर्क किया गया है। जीएसटी और मंत्रालय से आंकड़ा मिलने के बाद आनलाइन परीक्षा केंद्रों को सत्यापन शुरु किया जाएगा।

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